यहां दिन में दो बार गायब होता है समुद्र

टीम ग्रासहॉपर 06-09-2025 05:07 PM My India

भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो अपने अनोखे नजारों के लिए मशहूर हैं। ओडिशा का चांदीपुर बीच एक ऐसी ही जगह है, जहां समुद्र दिन में दो बार गायब हो जाता है! जी हां, आपने सही सुना। यहां समुद्र का पानी पीछे हट जाता है और आप वहां चल सकते हैं, जहां कुछ देर पहले लहरें थीं। इसे लोग "गायब समुद्र" (Vanishing Sea) कहते हैं। यह नजारा इतना कमाल का है कि हर कोई हैरान रह जाता है। आज हम आपको बता रहें हैं, चांदीपुर बीच की खासियत, वहां करने लायक चीजें, खाने-पीने, रहने के ठिकाने और सही तरीके से घूमने के आसान टिप्स। चाहे आप परिवार के साथ हों, दोस्तों के साथ या अकेले, ये जगह आपकी ट्रिप को यादगार बना देगी।

1. गायब समुद्र का जादू

चांदीपुर बीच ओडिशा के बालासोर जिले में है। यहां की सबसे खास बात ये है कि दिन में दो बार समुद्र का पानी करीब 5 किलोमीटर तक पीछे चला जाता है। इससे समुद्र का तल खुल जाता है, जहां आप पैदल टहल सकते हैं। ये जादू ज्वार-भाटा (Tide) की वजह से होता है, जो चांद के गुरुत्वाकर्षण से आता है। सुबह और शाम को पानी पीछे हटता है और फिर तेजी से वापस आता है। ये देखना जितना मजेदार है, उतना ही रोमांचक भी। 

जब समुद्र पीछे हटता है, तो आप वहां छोटे-छोटे समुद्री जीव जैसे हॉर्सशू क्रैब (जो घोड़े के नाल जैसे दिखते हैं) और छोटी मछलियां देख सकते हैं। ये नजारा बच्चों को भी बहुत पसंद आता है। बस, जब पानी वापस आए, तो सावधानी रखें। स्थानीय लोग आपको ज्वार-भाटा का समय बता देंगे, ताकि आप सुरक्षित रहें।

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2. चांदीपुर में क्या-क्या करें?

चांदीपुर सिर्फ गायब समुद्र के लिए नहीं बल्कि और भी कई मजेदार चीजों के लिए मशहूर है। यहां कुछ चीजें हैं जो आपकी ट्रिप को और मस्त बनाएंगी:

  • समुद्र के तल पर मस्ती : जब समुद्र पीछे हटता है, तो उसका तल एक बड़ा सा मैदान बन जाता है। आप यहां टहल सकते हैं, रेत पर खेल सकते हैं या समुद्री जीवों को करीब से देख सकते हैं। बस, लोकल लोगों की सलाह मानें क्योंकि पानी अचानक वापस आ सकता है।
  • बूढ़ाबालंगा नदी का मजा : चांदीपुर से थोड़ी दूर बूढ़ाबालंगा नदी समुद्र से मिलती है। ये जगह बहुत खूबसूरत है और पिकनिक के लिए बेस्ट है। नदी और समुद्र के मिलन का नजारा देखकर आपका मन खुश हो जाएगा।
  • पंचलिंगेश्वर मंदिर घूमें : चांदीपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर पंचलिंगेश्वर मंदिर है। ये मंदिर जंगल और पहाड़ों के बीच बसा है। अगर आपको प्रकृति और भक्ति दोनों पसंद हैं, तो इस जगह जरूर जाएं। रास्ते में हरे-भरे जंगल देखकर मजा आ जाएगा।
  • समुद्री जीवों से मुलाकातचांदीपुर का समुद्र तल कई अनोखे जीवों का घर है। हॉर्सशू क्रैब, स्टारफिश और छोटी मछलियां देखना बहुत मजेदार है। बस इन्हें परेशान न करें, ताकि उनकी दुनिया सुरक्षित रहे।

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3. खाने का स्वाद: सीफूड का मजा

चांदीपुर में खाने के शौकीनों को बहुत कुछ मिलेगा। यहां का सीफूड तो कमाल का है। ताजा झींगे, केकड़े और मछलियां स्थानीय ढाबों और रेस्तरां में मिलते हैं। एक प्लेट फ्राइड झींगे या मछली करी 150-300 रुपये में मिल जाती है। ओडिशा का तटीय स्वाद आपको बार-बार खाने को मजबूर कर देगा। 

अगर आप शाकाहारी हैं, तो टेंशन न लें। साउथ इंडियन और नॉर्थ इंडियन खाना भी हर जगह मिलता है। सुनारपुर चौक के पास छोटे-छोटे ढाबे हैं, जहां सस्ता और स्वादिष्ट खाना मिलता है। 

टिप: खाना ले जाएं, तो जिप-लॉक बैग में रखें, ताकि रेत उसमें न घुसे।

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4. रहने की जगह: हर जेब के लिए कुछ

चांदीपुर में रहने के लिए कई सस्ते और अच्छे ऑप्शन हैं। 

गेस्टहाउस: 500-1000 रुपये में साधारण गेस्टहाउस मिल जाते हैं। ये सस्ते और आरामदायक होते हैं।

होटल: अगर आप ज्यादा कम्फर्ट चाहते हैं, तो 2000-3000 रुपये में अच्छे होटल मिलेंगे।

OTDC कॉटेज: ओडिशा टूरिज्म के कॉटेज बीच के पास हैं। ये सस्ते हैं और खाना भी साथ में मिलता है।

इको-कैंप: कुछ जगहों पर इको-कैंप या टेंट भी हैं। ये थोड़े महंगे हो सकते हैं, लेकिन प्रकृति के करीब रहने का मजा अलग है।

टिप: जून से सितंबर (ऑफ-सीजन) में जाएं, तो कमरे सस्ते मिलते हैं और भीड़ भी कम होती है।

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5. प्रकृति का ख्याल: जिम्मेदार बनें

चांदीपुर का इकोसिस्टम बहुत नाजुक है। इसकी खूबसूरती को बचाने के लिए जिम्मेदारी से घूमना जरूरी है। कुछ आसान टिप्स:

  • कचरा फैलाएं: प्लास्टिक, बोतलें या खाने का सामान बीच पर न छोड़ें। एक छोटा कचरा बैग साथ रखें।
  • समुद्री जीवों को छेड़ें नहीं: हॉर्सशू क्रैब या अन्य जीवों को परेशान न करें।
  • स्थानीय नियम फॉलो करें: ज्वार-भाटा के समय का ध्यान रखें और स्थानीय लोगों की सलाह मानें। इससे चांदीपुर की खूबसूरती बरकरार रहेगी और आने वाले लोग भी इसका मजा ले सकेंगे।

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6. शॉपिंग: यादों के लिए तोहफे

चांदीपुर में शॉपिंग का भी मजा ले सकते है। सुनारपुर चौक पर छोटी-छोटी दुकानों से आप शंख, हस्तशिल्प और लोकल चीजें खरीद सकते हैं। अगर कुछ खास चाहिए, तो पास के कटक शहर में ओडिशा की मशहूर सिल्वर फिलिग्री ज्वेलरी मिलती है।

7. कैसे पहुंचें?

चांदीपुर पहुंचना आसान है। बालासोर इसका मुख्य शहर है।

  • हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा भुवनेश्वर (करीब 200 किमी) है। वहां से बस या टैक्सी लें।
  • रेल मार्ग: बालासोर रेलवे स्टेशन दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई जैसे शहरों से जुड़ा है।
  • सड़क मार्ग: भुवनेश्वर या कटक से बस या टैक्सी से चांदीपुर पहुंच सकते हैं। रास्ते में खूबसूरत नजारे मिलेंगे।

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8. कब जाएं?

चांदीपुर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी है। मौसम ठंडा और सुहाना रहता है। समुद्री जीवों को देखने का मजा भी दोगुना होता है। गर्मियों (मार्च-मई) में गर्मी ज्यादा होती है, और बरसात (जून-सितंबर) में बारिश परेशान कर सकती है।

9. चांदीपुर क्यों है खास?

चांदीपुर बीच सिर्फ एक समुद्री तट नहीं, बल्कि प्रकृति का कमाल है। दिन में दो बार समुद्र का गायब होना, समुद्री जीवों का नजारा, स्वादिष्ट सीफूड और स्थानीय माहौल, ये सब चांदीपुर को अनोखा बनाता है। चाहे आप बजट में घूम रहे हों या प्रकृति के दीवाने हों, ये जगह आपको निराश नहीं करेगी। बस, प्रकृति का ख्याल रखें, सावधानी बरतें और इस जादुई अनुभव का पूरा मजा लें। तो, अगली बार समुद्र किनारे जाने का प्लान बनाएं, तो चांदीपुर को अपनी लिस्ट में जरूर डालें। ये जगह आपका दिल जीत लेगी!

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