नागालैंड : खूबसूरती की असली डोज

कोहिमा वॉर सेमेट्री
‘’जब तुम घर जाना तो उन्हें हमारे बारे में बताना और कहना कि ' तुम्हारे आने वाले कल के लिए हमने अपना आज कुर्बान कर दिया’’
ये पंक्तियां कोहिमा वॉर सेमेट्री के पत्थरों पर उकेरी हैं जो इस स्मारक में प्रवेश करते ही पर्यटकों को दिख जाएंगी। अगर आप विश्वयुद्ध के इतिहास को याद करना चाहते हैं तो यहां जरूर आइए, इतिहास प्रेमियों के लिए तो ये जगह काफी अच्छी साबित हो सकती है। कोहिमा वॉर सेमेट्री को 1944 में उन सैनिकों की याद में बनाया गया था जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अपनी जान गंवाई थी। यहां युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में 1421 स्लैब खड़े हैं। यह सेमेट्री ब्रिटिश व भारतीय सैनिकों को समर्पित है। इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे ये जगह पर्यटकों को अपनी ओर बुलाकर आपबीती सुनाने जा रही हो। इसके आस-पास भी कई घूमने वाली जगहें हैं, जैसे आप अर्बन हाट, सेनापति मार्केट और वोखा मार्केट में शॉपिंग कर सकते हैं। वहीं से थोड़ी दूर पर नागा हेरिटेज विलेज और किसामा हेरिटेज विलेज की हरी-भरी खूबसूरती का नजारा ले सकते हैं। ये जगह नागा हिल्स के पास ही है, अगर चाहें तो लगे हाथ ट्रैकिंग का लुत्फ भी लीजिए। एक जरूरी बात और याद दिला दें अगर आप इस जगह से बिल्कुल अंजान हैं तो अपने साथ एक लोकल गाइड को जरूर ले लें।
डुजोकू वैली
अब अगर आपने नागालैण्ड घूमने का मन बना ही लिया है तो बता दें कि यहां की डुजोकू वैली खूबसूरत होने के साथ- साथ ट्रैकर्स के फेवरेट डेस्टिनेशंस में भी शामिल है, अगर आप भी कुछ ऐसा करना चाहते हैं तो एक दिन का टाइम यहां दे सकते हैं। ये घाटी कोहिमा शहर से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। पहाड़ों के सुन्दर नजारे, रंग-बिरंगे फूल और झरने इसकी सुन्दरता में चार चांद लगा देते हैं। ये घाटी हर मौसम में फूलों से लदी रहती है और यही वजह इसे आम से खास बनाती है। खूबसूरती, एडवेंचर, नेचर, सुकून अगर सबकुछ एक ही जगह पर चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट है। एक समय था जब इस वैली को बंजर समझकर सबने ऐसे ही छोड़ दिया था, लेकिन आज जो भी इसे देखता है इसकी सुंदरता का बखान करते नहीं थकता। हर तरफ ऊंचे-नीचे हरे पहाड़, रहस्य से भरे टीले, नीला आसमान और इन सबके बीच शीशे सी चमकती नदी। इन सबके के अलावा आप जहां नजर घुमाएंगे आपको अलग-अलग रंगों के फूल लाइन से बिछे हुए मिलेंगे। देखने में ये ऐसे लगते हैं मानो किसी ने कई सारे रंग मिलाकर धरती पर एक पेंटिंग बना दी हो। छोटे-छोटे टीलों से दिखने वाले हरे पहाड़, रंग-बिरंगे फूल और उन पर पड़ती सूरज की किरणें आपको पहली नजर में ही मोह लेंगी। आप चाहें तो यहां पर रात भी बिता सकते हैं। पर्यटन विभाग की मदद से यहां पर रहने के लिए दो कमरे और एक किचन तैयार किया गया है, जहां आपको सारी बेसिक सुविधाएं मिल जाएंगी। कुछ पैसे खर्च कर आप बिस्तर, तकिया, कंबल सब कुछ पा सकते हैं। और अगर वैली में बहती नदी के किनारे कैंप लगाकर एक अलग रोमांच को महसूस करना चाहते हैं तो उसकी भी पूरी व्यवस्था है।

दीमापुर
दीमापुर नागालैंड का एंट्रीगेट कहा जाता है। ये बाकी जगहों की शांति से थोड़ी भीड़-भाड़ वाली जगह है। यहां कई मार्केट हैं, जहां आपको हर तरह के जरूरत के सामान के साथ खूबसूरत और यूनीक हैंडीक्राफ्ट के सामान मिलेंगे। इससे लगभग 13 किमी दूर दीज्फे गाँव है, जो अपने क्राफ्ट के लिए जाना जाता है। इस क्राफ्ट विलेज का मकसद राज्य की बेहतरीन कलाओं, हैंडलूम और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना है। यहां के ज्यादातर लोग लकड़ी और बांस की चीजें बनाते हैं। फेमस वुड क्राफ्ट व बैम्बू क्राफ्ट के बेहतरीन नमूने आप इस विलेज में देख सकते हैं और अपने घर के लिए खरीद भी सकते हैं। कलाप्रेमियों को तो इस गाँव में एक बार घूमने जरूर जाना चाहिए। यहां से कुछ दूर रंगापहाड़ रिजर्व फॉरेस्ट है। दुर्लभ पक्षी और जानवरों का ये गढ़ वाइल्ड लाइफ लवर्स को जरूर पसंद आएगा। इन सबके अलावा यहां एक ट्रिपल फॉल भी है, जो 280 फीट ऊंचा है, इसे देखकर एक बार आपको अपनी आंखों पर भ्रम जरूर होगा तेज बहाव में बहता हुआ पानी अपने साथ आपकी थकान और तनाव को भी बहा ले जाएगा। आप चाहें तो यहां एक पूरा दिन बिताकर इन खूबसूरत नजारों को कैद भी कर सकते हैं।
मोकोकचुंग
नागालैंड घूमने जा रहे हों और मोकोकचुंग न जाएं तो सफर थोड़ा अधूरा सा रह जाएगा क्योंकि ये जगह है ही इतनी शानदार। दीमापुर और कोहिमा के बाद मोकोकचुंग नागालैंड का तीसरा बड़ा शहर है। अगर आप दौड़-भाग से दूर होकर कुछ दिन सुकून के बिताना चाहते हैं तो यहां की ताजी और मखमली हवा आपके दिल और दिमाग दोनों को ही आराम देगी। ये छोटा सा कस्बा 1325 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। कल-कल करते झरने और सुरम्य पहाड़ियों वाली इस जगह को देखकर ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने अपनी सारी खूबसूरती इसी की झोली में डाल दी हो। क्रिसमस और न्यू ईयर के दौरान इस शहर में रौनक और बढ़ जाती है। यहां के आकर्षण का केन्द्र चुचुयिमलांग गाँव है, जो मेनसिटी से आधा - एक घंटे के रास्ते पर है। पहाड़ी के ऊपर हरी घास पर फैले इस गाँव के लोगों को देखकर आपको लगेगा कि जिंदगी के हर पल को किस तरह से खुशनुमा बनाया जा सकता है। अपने आप में मस्त रहने वाले ये लोग हमें जिंदगी जीने का असल तरीका समझाते हैं।

खोनोमा
जब हम रोज ऑफिस से घर, घर से ऑफिस करते हैं तो कई बार दिमाग में आता है कि दूर कहीं किसी ऐसी जगह पर जाएं जहां बस हम हों और सुकून हो कोई काम न हो बस आराम हो। आपकी यह कल्पना खोनोमा में आकर सच हो सकती है। ये एक हरा-भरा छोटा सा गाँव है, जो कोहिमा से 20 किमी की दूरी पर है, ये सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का सबसे ज्यादा हरा-भरा गाँव है। मनमोहक आबोहवा और हरे-भरे माहौल वाली ये जगह पर्यटकों को लुभाती है। इस गाँव में घर एक दूसरे से सटाकर पहाड़ी ढलानों पर बड़े सुंदर तरीके से बनाए गए हैं। गाँव के हर घर के दरवाजे पर आप एक खास तरह का सींग लटका हुआ पाएंगे जो उनके साहस और रक्षा के भाव को दर्शाता है। अगर आप अपनी छुट्टियां बिना शहरी शोर-शराबे के गाँवों की हरियाली और सुकून भरे माहौल में बिताना चाहते हैं तो इस गाँव में आपका स्वागत है। चारो ओर हरे भरे पहाड़ इस गाँव को जन्नत में बदलने की पूरी कोशिश करते हैं। यहां की जनजातियों की संस्कृति को पास से देखने के लिए एक बार यहां जरूर आएं। यहां की कुदरती खूबसूरती आप पर भी अपना जादू बिखेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
शॉपिंग के कई ठिकाने
नागालैंड के लोग रंग-बिरंगी और डिजाइनर पोशाक पहनना पसंद करते हैं, इसलिए आपको यहां अलग-अलग तरह के शॉल और स्थानीय कपड़े देखने को मिलेंगे। इसके अलावा बांस से बने कई प्रोडेक्ट यहां ये खरीद सकते हैं। यहां की खासियत है लकड़ी, कांसे और लोहे से बनी ज्वैलरी, इनकी कई वैरायिटी आपको दिखेगी। घूमने के बाद अगर शॉपिंग का मन बना रहे हैं तो माओ मार्केट कोहिमा की सबसे बड़ी मार्केट है। इसके अलावा तिब्बती, वोख, सेनापति और नागा मार्केट भी फेमस है जहां पर्यटकों की भीड़ रहती है। इन सभी जगह आपको रंग-बिरंगे कपड़े, ज्वेलरी, हैंडीक्राफ्ट जो ज्यादातर बांस और लकड़ी के बने होते हैं, सही रेट में मिल जाएंगे। अब यहां तक आएं हैं तो कुछ तो साथ लेकर जाइए ही निशानी के तौर पर।
तरह-तरह के मोमोज का चखिए स्वाद
नागालैंड में आकर मोमोज चखे बिना जाना थोड़ी सी नाइंसाफी होगी। यहां कई अच्छे रेस्टोरेंट हैं, जो आपको अच्छे मोमोज सर्व कर सकते हैं, लेकिन अगर आप शाकाहारी हैं, तो ऑप्शन थोड़े कम मिलेंगे। चाओ एंड मोमो और मॉम एंड आई कैफे यहां के फेमस मोमोज रेस्टोरेंट हैं लेकिन इसके अलावा यहां की हर गली में आपको लजीज मोमोज की कई वैरायिटीज मिलेंगी तो इनका स्वाद चखना न भूलिए।

कैसे जाएं
हवाई रास्ता-
नागालैंड में एक ही हवाई अड्डा है दीमापुर। यहां के लिए दिल्ली और कोलकाता से सीधे फ्लाइट्स हैं।
ट्रेन से-
नागालैंड का मेन रेलवे स्टेशन भी दीमापुर है, जो भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
सड़क के रास्ते-
दीमापूर पूर्वोत्तर भारत के अनेक शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा है। दीमापुर से नागालैंड की राजधानी कोहिमा की दूरी 74 किलोमीटर है तो आप अपनी सुविधा के हिसाब से रास्ता चुन सकते हैं।
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