चित्रकूट में इन 5 जगहों को देखना न भूलें

अनुषा मिश्रा 19-07-2022 02:41 PM Culture
चित्रकूट में घूमने के लिए कई दिलचस्प जगहें हैं। घंटियों की आवाज से गुलजार नदी घाटों से लेकर गर्व और अखंडता के प्रतीक ऊंचे किले और महल तक, झरनों से लेकर जंगल तक यहां सबकुछ है। वैसे तो यहां कई ऐसी जगहें हैं जो आपका दिल जीत लेंगी लेकिन हम आपके लिए चित्रकूट की 5 ऐसी जगहों की जानकारी लाए हैं जिन्हें देखे बिना आपकी यात्रा पूरी नहीं होगी।

कामदगिरी 
कामदगिरी एक जंगली पहाड़ी है जो चारों तरफ से कई हिंदू मंदिरों से घिरा हुई है। इसे चित्रकूट का दिल माना जाता है। तीर्थयात्री इस पहाड़ी के चारों ओर इस विश्वास के साथ परिक्रमा करते हैं कि उनके सभी दुखों का अंत हो जाएगा और ऐसा करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होंगी। कामदगिरी का नाम भगवान राम के दूसरे नाम कामद नाथ जी से लिया गया है, इसका मतलब सभी इच्छाओं को पूरा करना है। इस पहाड़ी की परिक्रमा के 5 किलोमीटर के रास्ते पर कई मंदिर हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध भरत मिलाप मंदिर है। यह उसी जगह पर बना है जहां भरत ने भगवान राम से मुलाकात की और उन्हें अपने राज्य में वापस आने के लिए मना लिया था। कामदगिरी पर्वत का कुछ भाग उत्तर प्रदेश में तो कुछ मध्य प्रदेश में पड़ता है।

गुप्त गोदावरी
गुप्त गोदावरी दो गुफाओं का समूह है। यहां अंदर जाने के लिए एक पतला सा रास्ता है जिसमें अमूमन हर कोई फंस जाता है। दूसरी गुफा से पानी की धाराएं निकलती हैं। ऐसा कहा जाता है कि एक बार भगवान राम और लक्ष्मण ने अपनी गुप्त बैठकें कीं, गुफा में इस बात की पुष्टि करते हुए सिहांसन नुमा कुछ रचनाएँ हैं। हालांकि चित्रकूट में ज़्यादातर धार्मिक यात्रा करने वाले लोग ही आते हैं लेकिन आजकल एडवेंचर पसंद करने वाले लोगों का भी यह पसंदीदा ठिकाना बन गया है। गुप्त गोदावरी भी ऐसे लोगों को काफी पसंद आती है।  एलीफेंटा की गुफाओं, अजंता और एलोरा की गुफाओं से मिलती जुलती यह गुफा कई लोगों को रहस्यमयी लगती है। 

रामघाट

grasshopper yatra Image

रामघाट चित्रकूट में सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। मंदाकिनी नदी का यह वही शांत घाट है जहां भगवान राम, सीता और लक्ष्मण प्रसिद्ध कवि तुलसीदास के सामने प्रकट हुए थे और वे नदी के किनारे बैठकर राम चरित मानस लिखते थे। रामघाट चित्रकूट में सभी धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है। ज़्यादातर तीर्थ यात्री यहीं स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि रामघाट में डुबकी लगाने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। आप मंदाकिनी नदी में नौका विहार भी कर सकते हैं और शाम तक इस जगह की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। यहां के घाट पर बजता मधुर संगीत और हवा में तैरती अगरबत्ती की खुशबू आपका मन मोह लेगी। आप यहां के घाट पर होने वाली आरती में भी शामिल हो सकते हैं।

स्फटिक शिला

स्फटिक शिला में दो बड़ी चट्टाने हैं। कहा जाता है कि ये भगवान राम और देवी सीता के पैरों के निशान हैं। स्फटिक शिला का शाब्दिक अर्थ है क्रिस्टल रॉक। यह घने जंगलों के बीच, मंदाकिनी नदी के तट पर जानकी कुंड के पास है। ऐसा कहा जाता है कि सीता और राम यहां आराम कर रहे थे और एक कौवे ने देवी सीता के पैरों को चोंच मार दी जिससे भगवान राम को गुस्सा आ गया और उन्होंने कौवे की आंखें निकाल लीं। हालांकि कौवा भगवान इंद्र के पुत्र जयंत का एक रूप था।

मार्फा

मार्फा की दूरी गुप्त गोदावरी से सिर्फ 4 किलोमीटर है और यह मध्य प्रदेश में आता है। यह जगह चंदेल किले के अवशेषों, खूबसूरत झरने और शानदार जंगलों के लिए मशहूर है। यहां एक पंचमुखी शंकर जी का मंदिर भी है। बारिश के मौसम में यहां का झरना बहुत सुंदर दिखता है। आप घण्टों इसकी आवाज़ सुनते हुए, बहते पानी को निहार सकते हैं। अगर इतिहास से प्यार है तो चंदेल किले के खंडहर में कुछ समय बिता सकते हैं।

चित्रकूट जाने के लिए बेस्ट समय

वैसे तो अक्टूबर से मार्च तक का समय यहां घूमने के लिए बेस्ट होता है लेकिन बारिश में मंदाकिनी नदी और इसके घाटों की खूबसूरती देखते ही बनती है।

कैसे पहुंचें चित्रकूट

यहां का निकटतम हवाई अड्डा प्रयागराज में है। जो यहां से 135 किलोमीटर डायर है। ट्रेन से कर्वी निकटतम रेलवे स्टेशन है और यह चित्रकूट से 8 किमी दूर है। दूसरा नजदीकी स्टेशन चित्रकूट धाम है। चित्रकूट झांसी-मानिकपुर मुख्य लाइन आता है जिसकी वजह से सभी प्रमुख भारतीय शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सड़क के रास्ते चित्रकूट पहुंचने के लिए प्रयागराज, बांदा, कानपुर, सतना और झांसी से सरकारी बसें उपलब्ध हैं। दिल्ली हवाई अड्डे से चित्रकूट के लिए टैक्सी भी ली जा सकती है।


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