भारत की सबसे बड़ी बावड़ी की कहानी

अनुषा मिश्रा 27-03-2023 06:50 PM My India
आभानेरी गांव में चांद बावड़ी (स्टेपवेल) राजस्थान के सबसे पुराने और सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि निकुंभ राजवंश के राजा चंदा ने 9वीं शताब्दी ईस्वी में इसे बनवाया था। लगभग 30 मीटर गहराई के साथ यह भारत की सबसे बड़ी बावड़ी है और दुनिया की सबसे बड़ी बावड़ियों में से एक है। इसे पानी के संरक्षण और भीषण गर्मी से राहत देने के लिए बनवाया गया था। यह स्थानीय लोगों के साथ-साथ राजघरानों के लिए एक सामुदायिक सभा स्थल था। 

grasshopper yatra Image

क्या है इतिहास

चांद बावड़ी या इसके पास बने हर्षत माता मंदिर के निर्माण के संबंध में कहीं कुछ लिखा हुआ इतिहास नहीं मिला है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि परानगर और मंडोर के सीढ़ीदार मंदिरों के साथ शैली और नक्काशियों में समानता के आधार पर, बावड़ी 8वीं-9वीं शताब्दी की हो सकती है। इसे संभवतः हर्षत माता मंदिर से पहले बनवाया गया था। स्टेप्स टू वाटर: द एंशिएंट स्टेपवेल्स ऑफ इंडिया में मोर्ना लिविंगस्टन के अनुसार, चांद बावड़ी उन कुछ बावड़ियों में से एक है, जिसमें "एक ही सेटिंग में पानी के निर्माण के दो शास्त्रीय काल" हैं। बावड़ी के सबसे पुराने हिस्से 8वीं शताब्दी के बाद के हैं। बावड़ी से सटा हुआ वास्तुशिल्प रूप से शानदार और मूर्तिकला की दृष्टि से सुंदर हर्षत माता मंदिर है, जिसे 7वीं-8वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था। जिन्हें पूरे गांव के लिए हर्ष और आनंद की देवी माना जाता है। लेकिन महमूद गजनी ने इसे नष्ट और क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके कई स्तंभ और मूर्तियां अब बिखरी पड़ी हैं। मुगलों ने बावड़ी की आंतरिक मूर्तियों को भी नष्ट कर दिया। खुशी की देवी, हर्षत माता का पास का मंदिर एक तीर्थ स्थल था और कुएं के साथ मिलकर एक परिसर का निर्माण करता था।

चांद बावड़ी एक बेहद सुंदर टूरिस्ट स्पॉट बन गया है जिसे देखने हर साल हजारों लोग जाते हैं। इसकी सीढ़ियों पर रोशनी और छाया का खेल इसको काफी आकर्षक बनाता है। जैसे-जैसे नीचे की ओर बढ़ते हैं, बावड़ी संकरी हो जाती है। तीन तरफ जेयोमेट्रिकल शेप में बंदी सीढियां हैं जो आपको नीचे पानी की सतह तक ले जाती है। चौथी तरफ एक तीन मंजिला मंडप है जिसमें शाही परिवार के बैठने के लिए नक्काशीदार झरोखे और छज्जे हैं। चांद बावड़ी से सटे हर्षत माता मंदिर है। चांद बावड़ी अन्य बावड़ियों की तरह जैसे जैसे नीचे जाती है, संकरी होती जाती है। बावड़ी के तह तक 13 तलो में 3509 सीढियां बनायी गयी हैं जो अद्भुत कला का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। यहां नीचे का तापमान बाहर के तापमान से लगभग 5-6 डिग्री कम रहता है।

चांद बावड़ी सहित इनमें से कई बावड़ियों ने पानी के साथ-साथ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कहा जाता है कि तीर्थयात्रियों को अपनी प्यास बुझाने और अपनी लंबी यात्रा के बाद चांद बावडू की सीढ़ियों पर आराम करने की जगह मिल गई थी। मंदिर के उत्खनित पत्थरों को अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कुएं के मेहराब में रखा है। 

फिल्मों की शूटिंग

grasshopper yatra Image

चांद बावड़ी में भूमि, द फॉल, भूल भुलैया और पहेली जैसी कई फिल्मों की शूटिंग हुई है। 2012 की हॉलीवुड फिल्म द डार्क नाइट राइजेज में क्रिस्चियन बेल अभिनीत बैटमैन के रूप में चांद बावड़ी को इसके प्रोडक्शन सेट में से एक के लिए प्रेरणा के रूप में इस्तेमाल किया गया था, लेकिन वास्तव में चांद बावड़ी में इसे फिल्माया नहीं गया था।

कैसे पहुंचें

चांद बावड़ी जयपुर से 88 किमी दूर है। यहां पहुचने के लिए नज़दीकी एयरपोर्ट जयपुर में है। जहां से आप सिकंदरा तक बस से जा सकते हैं और सिकंदरा से जीप या टैक्सी ले सकते हैं, या जयपुर से सीधे टैक्सी ले सकते हैं। जयपुर से चांद बावड़ी का रास्ता दौसा, सिकंदरा मोड़, गूलर चौराहा और आखिर में आभानेरी से होकर जाता है। यहां से नजदीकी रेलवे स्टेशन दौसा है। बस से भी आप यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं। 

आपके पसंद की अन्य पोस्ट

दिसम्बर में घूमने के लिए राजस्थान के बेस्ट ऑफबीट डेस्टिनेशन्स

हमारे साथ चलिए यहां के ऑफबीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स की सैर पर

हनुमान जी की सबसे ऊंची मूर्ति है यहां, दिलचस्प है इतिहास

2010 में हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने यहां 108 फीट की हनुमान प्रतिमा स्थापित की थी।

लेटेस्ट पोस्ट

इतिहास का खजाना है यह छोटा सा शहर

यहां समय-समय पर हिंदू, बौद्ध, जैन और मुस्लिम, चार प्रमुख धर्मों का प्रभाव रहा है।

लक्षद्वीप : मूंगे की चट्टानों और खूबसूरत लगूंस का ठिकाना

यहां 36 द्वीप हैं और सभी बेहद सुंदर हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 10 द्वीप ही ऐसे हैं जहां आबादी है।

नए साल का जश्न मनाने के लिए ऑफबीट डेस्टिनेशन्स

वन्यजीवन के बेहतरीन अनुभवों से लेकर संस्कृति, विरासत और प्रकृति तक, इन जगहों में सब कुछ है।

विश्व पर्यटन दिवस विशेष : आस्था, श्रद्धा और विश्वास का उत्तर...

मैं इतिहास का उत्तर हूं और वर्तमान का उत्तर हूं…। मैं उत्तर प्रदेश हूं।

पॉपुलर पोस्ट

घूमने के बारे में सोचिए, जी भरकर ख्वाब बुनिए...

कई सारी रिसर्च भी ये दावा करती हैं कि घूमने की प्लानिंग आपके दिमाग के लिए हैपिनेस बूस्टर का काम करती है।

एक चाय की चुस्की.....एक कहकहा

आप खुद को टी लवर मानते हैं तो जरूरी है कि इन सभी अलग-अलग किस्म की चायों के स्वाद का मजा जरूर लें।

घर बैठे ट्रैवल करो और देखो अपना देश

पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश नाम से शुरू की ऑनलाइन सीरीज। देश के विभिन्न राज्यों के बारे में अब घर बैठे जान सकेंगे।

लॉकडाउन में हो रहे हैं बोर तो करें ऑनलाइन इन म्यूजियम्स की सैर

कोरोना महामारी के बाद घूमने फिरने की आजादी छिन गई है लेकिन आप चाहें तो घर पर बैठकर भी इन म्यूजियम्स की सैर कर सकते हैं।