आम, जिनका स्वाद है सबसे ख़ास

अनुषा मिश्रा 03-06-2021 02:24 PM My India

फलों के राजा आम की आमद शुरू हो गई है। जून की दोपहर में चलने वाली लू के थपेड़े इसकी मिठास बढ़ा चुके हैं। अपने लाजवाब स्वाद के चलते दुनियाभर का पसंदीदा फल आम लोगों का लालच अपनी ओर बढ़ा रहा है। इस खास फल की पैदावार देश के कई अलग-अलग राज्यों में की जाती है, और यहां के कई राज्य ऐसे हैं जहां के आम पूरे देश में मशहूर हैं। ऐसे में यहां पैदा होने वाले आम की कुछ चुनिंदा लजीज किस्मों के बारे में जानना तो बनता ही है। 

आम के उत्पादन के मामले में भारत का दुनिया के किसी देश से कोई मुकाबला नहीं है। पूरे विश्व में पाई जाने वाली आम की 1400 किस्म में से भारत में ही 1000 किस्म के आम पाए जाते हैं। अब देश में आम की बात करें तो इसकी सबसे ज्यादा पैदावार यहां के उत्तर प्रदेश में होती है, लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्य भी अपने-अपने आमों के लिए मशहूर हैं। 

दशहरी, उत्तर प्रदेश

आम के शौकीन हैं तो मलिहाबाद का नाम जरूर सुना होगा। उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले की एक तहसील का ब्लॉक है मलिहाबाद। शहद से मीठे दशहरी आम का इस जगह से करीबी नाता है। पूरी दुनिया में अपने अव्वल किस्म के आमों के लिए मशहूर मलिहाबाद देश में आम का सबसे बड़ा उत्पादक है। ऐसा कहा जाता है कि लखनऊ शहर की मीठी जुबान के पीछे कहीं न कहीं दशहरी आम की मिठास का ही असर है। जून-जुलाई के मौसम में रसदार आम के पेड़ों से लदा ये पूरा इलाका मदहोश कर देने वाली खुशबू से सराबोर हो जाता है। यहां की आम मंडी में दो महीनों तक आम के शौकीनों और व्यापारियों की ऐसी भीड़ उमड़ती है मानों कोई मेला लगा हो। लोग अपने साथ कई पेटियां बांधकर आम ले जाते हैं।

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अल्फांसो, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में पैदा होने वाले अल्फांसो आम की तो पूरी दुनिया दीवानी है। आम की यह किस्म इतना मशहूर है कि इसे जीआई टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग) भी मिल चुका है। किसी क्षेत्र विशेष के उत्पादों की पहचान को जियोग्रॉफिल इंडीकेशन सर्टिफिकेशन दिया जाता है। अल्फांसो आम का वजन 150 से 300 ग्राम के बीच होता है। जापान, कोरिया सहित यूरोप के कई देशों में इस आम को निर्यात किया जाता है। इसमें मिठास, स्वाद और सुगंध में दूसरे किस्म के आम से पूरी तरह अलग होता है। पकने के एक सप्ताह बाद भी आम खराब नहीं होता है इसके कारण ही इसको निर्यात करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। अल्फांसो आम का रस स्वादिष्ट होता है और इसकी त्वचा पतली लेकिन कठोर होती है। दूसरे आमों की तुलना में इसका बीज भी छोटा होता है , इसलिए इसका आनंद लेने वाले इसे खास दर्जा देते हैं। 

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केसर, गुजरात

यह आम अपने स्वाद व केसर जैसी खुशबू के लिए जाना जाता है। गुजरात में गिर अभयारण्य के आसपास के इलाकों जैसे जूनागढ़ और अमरेली जिलों में गिर्नार पर्वत के तलहटी में केसर आम उगाया जाता है। इस आम को भी जिआई टैग मिला है। यह सभी आमों में सबसे मीठा आम भी माना जाता है और अन्य आमों की तुलना में यह महंगा भी बिकता है। ‘केसर’ आम की मुख्य पहचान यह है कि इसके ऊपरी हिस्से पर हरे और पीले रंग का मिश्रण होता है। अगर यह आम कुदरती रूप से पका हो तो इसमें से मीठी खुशबू आने लगती है। अगर इसमें से खुशबू न आए तो समझ जाइए कि यह कैल्शियम कार्बाइड से पकाया गया है। इस आम के छिलकों का रंग केसरिया होता है। इसलिए इन आमों को केसर कहा जाता है।

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बंगनपल्ली, आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के एक गांव बंगनपल्ली से ही बंगनपल्ली आम की पैदाइश मानी जाती है। एकदम साफ, बिना किसी दाग-धब्बे के पीले पतले छिलके, बिना रेशे, मीठे, सुगंधित और रसभरे गुदे से भरा यह आम दक्षिण भारतीयों का पसंदीदा है। 200 से 400 ग्राम के वजन वाले बंगनपल्ली आम को कई दिन रखकर भी आराम से खाया जा सकता है। 

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जानिए आम की खूबियां

फलों का राजा आम खुद में कई गुण भी समेटे हुए है। आम में कई पोषक तत्व संतुलित मात्रा में पाए जाते हैं। इसके सौ ग्राम गूदे में करीब डेढ़ ग्राम फाइबर की मात्रा पाई जाती है। फाइबर पेट के लिए बेहद फायदेमंद होता है, इसकी वजह से मोटापा भी नियंत्रित रहता है। आम में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस के अलावा विटामिन ए, सी, ई, बी व अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। आम को खाने से कैंसर से बचाव भी होता है, साथ ही ये हमारी त्वचा, आंखों के लिए भी उपयोगी है। हालांकि ज्यादा मात्रा में आम खाने से पाचन तंत्र गड़बड़ा सकता है व त्वचा पर फुंसियां निकल आने की भी समस्या हो जाती है।


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