कोटिलिंगेश्वर : जिस मंदिर में एक करोड़ से ज़्यादा शिवलिंग हैं

अनुषा मिश्रा 27-07-2022 02:55 PM Culture
सावन का महीना यानी बारिश का महीना, हर तरफ हरियाली बिखेरने का महीना, त्योहारों का महीना, झूलों का महीना, गीतों का महीना… और इन सब से बढ़कर भगवान शिव का महीना। यूँ तो ईश्वर की पूजा के लिए न कोई दिन में बंध सकता है और न रात में, न वक़्त में और में और न हालात में, न महीने में और न साल में लेकिन इस महीने में ऐसा लगता है जैसे हर तरफ महादेव की भक्ति हो, हवा में भी हर-हर शम्भू गूंजता सुनाई देता है। अब जब बात शिवार्चन और आस्था की चल ही रही है तो हम आपको कर्नाटक के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं, जहां आप जिधर भी नज़र घुमाएंगे आपको सिर्फ शिवलिंग ही नज़र आएंगे। 

हम बात कर रहे हैं कोटिलिंगेश्वर मंदिर की। कर्नाटक के कोलार जिले का कोटिलिंगेश्वर मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जो बहुत पुराना नहीं है लेकिन फिर भी बहुत सारे भक्तों और पर्यटकों का जमावड़ा यहां लगा रहता है। कोलार वैसे तो अपनी सोने की खदानों के लिए मशहूर है, लेकिन आप उन्हें देखने नहीं जा सकते। हालांकि, बंगलुरु से 70 किलोमीटर की दूरी पर बसे में आप कोटिलिंगेश्वर मंदिर के दर्शन ज़रूर कर सकते हैं।  बंगलुरु से यहां तक आने के लिए सड़क के दोनों ओर हरे- भरे खेत देखते हुए आप मंदिर पहुंच जाएंगे। 

सबसे ऊंचा शिवलिंग

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कन्नड़ में 'कोटि' का अर्थ है एक करोड़ और कोटिलिंगेश्वर का अर्थ है 1 करोड़ शिवलिंग। दुनिया के सबसे ऊंचे शिवलिंग वाले इस मंदिर में यहां लगभग 1 करोड़ अलग-अलग आकारों के शिवलिंग हैं। यहां का सबसे ऊंचा शिवलिंग, एशिया का भी सबसे ऊंचा शिवलिंग कहा जाता है जिसकी ऊंचाई 33 मीटर है और 11 मीटर ऊंची है यहां की भगवान नंदी की प्रतिमा। यहां लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर अपने मनचाहे आकर का शिवलिंग बनवाते हैं। इन शिवलिंग पर जिसने इन्हें बनवाया है उनका नाम भी लिखा होता है। 

1980 में, स्वामी सांभा शिव मूर्ति ने इस मंदिर को बनवाना शुरू किया था। मंदिर कोलार जिले के एक छोटे से गाँव कम्मासनद्र में है। हर दिन मंदिर में हज़ारों भक्त आते हैं। लेकिन महा शिवरात्रि पर यहां एक दिन में लाखों पर्यटक दर्शन करते हैं। भगवान शिव के अलावा यहां भगवान विष्णु, ब्रह्मा, देवी अन्नपूर्णेश्वरी, देवी करुमरी अम्मा, भगवान वेंकटरमणी स्वामी, भगवान पांडुरंग स्वामी, भगवान राम, सीता और लक्ष्मण मंदिर, भगवान पंचमुख गणपति, भगवान हनुमान जैसे अन्य देवताओं को समर्पित 11 छोटे मंदिर हैं और उसी परिसर में देवी कनिका परमेश्वरी मंदिर भी है। 

कोटिलिंगेश्वर मंदिर में हैं सारी सुविधाएं

चूंकि मंदिर बहुत पुराना नहीं है, इसलिए मंदिर में आने वाले पर्यटकों और भक्तों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं। यहां शौचालय, हाथ धोने के लिए विभिन्न जगहों पर नल, एक वेडिंग हॉल जहां सामूहिक विवाह आयोजित किए जाते हैं, एक ध्यान कक्ष और एक प्रदर्शनी है। मंदिर के ठीक बाहर एक छोटा सा बाजार है जिसमें छोटी-छोटी चीजें, छोटे-छोटे शिवलिंग और पूजा सामग्री बिकती है। पार्किंग के लिए जगह और खाने के स्टॉल भी हैं।

कैसे पहुंचें कोटिलिंगेश्वर मंदिर

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हवाई जहाज से

बंगलुरु केम्पेगौड़ा निकटतम हवाई अड्डा है। हवाई अड्डे से आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या कोलार पहुंचने के लिए सार्वजनिक वाहन भी ले सकते हैं। बंगलुरु से यहां पहुंचने में लगभग 2.5 घंटे लगते हैं। 

रेल मार्ग 

बंगलुरु, मैंगलोर, हासन और हुबली से कोलार तक अच्छी तरह से जुड़ा हुआ रेल नेटवर्क है। 

सड़क मार्ग

सड़क के रास्ते आप यहां आप बंगलुरु, मैंगलोर जैसे शहरों से आसानी से यहां आ सकते हैं।

ये भी जान लें

मंदिर का समय: सुबह 6:00 से रात 9:00 बजे तक

 प्रवेश शुल्क: 20 रुपये प्रति व्यक्ति 

कैमरा शुल्क: 100 रुपये 

पार्किंग शुल्क: 30 रुपये 

शिवलिंग लगवाने का खर्च: 6,000 रुपये से शुरू, कोई भी व्यक्ति इसे अपने नाम से स्थापित कर सकता है। 


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