फिजाओं में चार चांद लगाता राजस्थान का माउंट आबू फेस्टिवल

पहुंचना है बेहद आसान
माउंट आबू राजस्थान का प्रमुख हिल स्टेशन है। इसलिए यहां पहुंचने के लिए आपको कई साधन मिल जाएंगे। माउंट आबू के सबसे करीब उदयपुर हवाई अड्डा है। यहां से माउंट आबू 185 किलोमीटर दूर है। बाकी की यात्रा आप बस या लगातार चलने वाली टैक्सी से कर सकते हैं। ट्रेन से जाना हैं तो यहां आबू रोड रेलवे स्टेशन माउंट आबू से 28 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से देश के कई प्रमुख शहरों से ट्रेन की सुविधा है। माउंट आबू सड़क मार्ग से भी बेहद आसानी से पहुंच सकते हैं। राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें कई शहरों से चलती हैं। दिल्ली के कश्मीरी गेट से भी माउंट आबू के लिए सीधी सेवा है। माउंट आबू हर मौसम में आया जा सकता है।
कुंभलगढ़ फेस्टिवल का भी उठाएं लुत्फ
माउंट आबू के विंटर फेस्टिवल से दिल न भरा हो तो राजस्थान में दिसंबर महीने में ही एक और बड़ा आयोजन होता है। यह राजस्थान के राजसमंद में होने वाला तीन दिवसीय कुंभलगढ़ फेस्टिवल है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गुलजार रहने वाले इस फेस्टिवल को कुंभलगढ़ फोर्ट परिसर में यज्ञवेदी चौक में होता है। यहां हर दिन अलग-अलग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। कठपुतली नृत्य प्रदर्शन, राजस्थानी कलाकारों की ओर से राजस्थानी लोकनृत्य व अन्य प्रतियोगिताएं भी होती हैं। विदेशी कलाकार भी इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं। इस फेस्टिवल का प्रमुख आकर्षण रंगारंग कार्यक्रम होते हैं। इसमें सूफी गायन को सुनने लोग दूर-दूर से आते हैं। साथ ही विभिन्न नृत्य विधाओं का भी प्रदर्शन होता है।

कैसे पहुंचें
राजसमंद हवाई जहाज से पहुंचना चाहते हैं तो यहां से सबसे करीबी हवाई अड्डा उदयपुर में है। इसकी दूरी 67 किलोमीटर है। उदयपुर से आसानी से टैक्सी और बसें मिल जाती हैं। सड़क मार्ग की बात करें तो राजसमंद पूरे भारत से जुड़ा हुआ है। नई दिल्ली, इंदौर, अहमदाबाद और राजस्थान के कई शहरों से सीधी बसें यहां के लिए मिल जाएंगी। अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो उदयपुर रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा।
रण उत्सव: तीन महीने चलने वाला उत्सव
नमक के सफेद रेगिस्तान पर गूंजती संगीत की धुनें टूरिस्ट्स को गुजरात के कच्छ तक खींच लाती हैं। यहां जाड़े के मौसम में रण उत्सव का आयोजन होता है। तीन महीने चलने वाले रण उत्सव की शुरुआत नवंबर में हो जाती है। यह फेस्टिवल गुजरात की संस्कृति और परम्पराओं के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाता है। इसमें गीत-संगीत, नृत्य के अलावा कलाकारों की ओर से विविध कलाओं का प्रदर्शन किया जाता हैं। दुनियाभर में मशहूर गुजरात का कच्छ रण उत्सव गुजरात के बारे में बहुत कुछ जानने का मौका देता है। रण उत्सव में अच्छा संगीत सुनने और नृत्य देखने के अलावा लजीज व्यंजन चखने का भी मौका मिलता है। यहां गुजरात के परम्परागत व्यंजनों के अलावा स्थानीय खानपान की चीजों का जायका भी कभी न भूलने वाला अनुभव साबित होता है। अगर आप भी गुजरात के रण महोत्सव का हिस्सा बनना चाहते हैं तो यहां आने से पहले अपने पास पहचान पत्र जरूर रख लें, इसके बगैर आपको इसमें प्रवेश नहीं मिल पाएगा। वहीं विदेशी टूरिस्ट्स को पासपोर्ट दिखाने पर ही प्रवेश मिलता है। अपने साथ डॉक्यूमेंट्स की कॉपी जरूर रखें। रण उत्सव खरीदारी के लिए भी मुफीद है। यहां आने वाले टूरिस्ट्स इस उत्सव में जमकर खरीदारी करते हैं।

आसानी से पहुंच सकते हैं कच्छ
रण उत्सव में आना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट भुज में है, जो यहां से करीब 75 किलोमीटर दूर है। यहां के लिए देश के बड़े शहरों से फ्लाइट्स मिल जाएंगी। एयरपोर्ट से कच्छ के लिए बस और टैक्सी मिल जाएंगी। ट्रेन से आना चाहते हैं तो भुज रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा। यहां से आसानी से कच्छ पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग की बात करें तो कच्छ तक पहुंचने के लिए एसी, नॉन-एसी में पब्लिक व प्राइवेट हर तरह की बस उपलब्ध रहती हैं।
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