भारतीय रेलवे का नया तीर्थयात्रा पैकेज, सिर्फ 20 हज़ार रुपये से शुरू
भारतीय रेलवे ने एक नया और किफायती तीर्थ पैकेज शुरू किया है, जिसका नाम है ‘02 ज्योतिर्लिंग विद दक्षिण दर्शन यात्रा’। यह पैकेज 25 नवंबर 2025 से इंदौर से शुरू होगा और कुल 11 दिन तथा 10 रात का होगा। सबसे खास बात यह है कि इसकी शुरुआती कीमत सिर्फ 20,000 रुपये प्रति व्यक्ति है।
ट्रेन और चढ़ने का स्टेशन
यह यात्रा भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन से होगी, जिसमें यात्री इंदौर के अलावा उज्जैन, शुजालपुर, सीहोर, रानी कमलापति, इटारसी, बेतुल और नागपुर जैसे स्टेशनों से भी चढ़ सकते हैं। ट्रेन में तीन तरह की सीटें उपलब्ध हैं। सबसे सस्ती इकॉनमी क्लास स्लीपर है, जो 20,000 रुपये में मिलेगी। स्टैंडर्ड क्लास थर्ड एसी 32,800 रुपये में है और कम्फर्ट क्लास सेकंड एसी 43,300 रुपये में उपलब्ध है।
पहला पड़ाव: तिरुपति
यात्रा का पहला पड़ाव तिरुपति है। यहां रेणिगुंटा स्टेशन पहुंचकर यात्री तिरुपति बालाजी मंदिर के दर्शन करेंगे। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार वेंकटेश्वर को समर्पित है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। अगले दिन पद्मावती मंदिर के दर्शन होंगे जो बालाजी की पत्नी देवी पद्मावती को समर्पित है।
दूसरा पड़ाव: रामेश्वरम
इसके बाद ट्रेन रामेश्वरम ले जाएगी। यहां रामनाथस्वामी मंदिर है, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और रामायण से गहरा जुड़ाव रखता है। मंदिर के लंबे गलियारे और 22 पवित्र कुंड श्रद्धालुओं को शांति और आस्था का अनुभव देते हैं। रामेश्वरम चार धाम यात्रा का भी हिस्सा है।
तीसरा पड़ाव: मदुरै
रामेश्वरम के बाद ट्रेन मदुरै पहुंचेगी। मदुरै भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। यहां का मीनाक्षी अम्मन मंदिर देखने लायक है। यह मंदिर देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर को समर्पित है। मंदिर के गोपुरम की रंग-बिरंगी मूर्तियां और भव्य वास्तुकला हर किसी को मोह लेती हैं।
चौथा पड़ाव: कन्याकुमारी
मदुरै से रात में ट्रेन कन्याकुमारी के लिए रवाना होगी। कन्याकुमारी भारत की मुख्य भूमि का सबसे दक्षिणी सिरा है। यहां बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिंद महासागर तीनों मिलते हैं। यहां पूरा दिन घूमने का मौका मिलेगा। यहां विवेकानंद रॉक मेमोरियल, गांधी मंडपम और कन्याकुमारी मंदिर देखने लायक जगहें हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा यहां देखते ही बनता है।
अंतिम पड़ाव: श्रीशैलम
अंतिम पड़ाव श्रीशैलम है। यहां मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है, जो दूसरा ज्योतिर्लिंग इस यात्रा में शामिल है। यह मंदिर नल्लामाला की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच बसा है और भगवान शिव तथा माता पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रीशैलम के दर्शन के बाद ट्रेन वापस इंदौर की ओर चल पड़ेगी।
पैकेज में शामिल सुविधाएं
इस पैकेज में सिर्फ दर्शन ही नहीं, कई सुविधाएं भी शामिल हैं। हर दिन शाकाहारी नाश्ता, लंच और डिनर मिलेगा। सभी जगहों पर आने-जाने के लिए नॉन-एसी बसें होंगी। ट्रेन में टूर एस्कॉर्ट और सुरक्षा कर्मचारी रहेंगे। हर यात्री को रोजाना एक लीटर बोतलबंद पानी और ट्रैवल इंश्योरेंस भी दिया जाएगा।
क्यों चुनें यह पैकेज?
यह यात्रा सिर्फ घूमने का मौका नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और भक्ति का अनुभव है। दो ज्योतिर्लिंग, दक्षिण भारत के पवित्र मंदिर, समुद्र का किनारा और पहाड़ों की हरियाली, सब कुछ एक ही पैकेज में आपको मिल जाएगा। यह पैकेज “देखो अपना देश” पहल का हिस्सा है और IRCTC द्वारा संचालित है, इसलिए पूरी तरह भरोसेमंद है।
बुकिंग कैसे करें?
बुकिंग के लिए IRCTC की वेबसाइट या नजदीकी कार्यालय पर संपर्क करें। सीटें सीमित हैं, इसलिए जल्दी करें। इस नवंबर, अपने परिवार के साथ भगवान के दर्शन और यादगार सफर का प्लान बनाएं।
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