सुकून से भरी हैं ये जगहें, कुदरत भी है मेहरबान

टीम ग्रासहॉपर 05-06-2021 03:01 PM My India
जब भी घूमने की बात आती है तो लोग ऐसी जगहों पर जाना चाहते हैं जो मशहूर हैं। ये जगहें यकीनन खूबसूरत होती हैं लेकिन हर वक्त पर्यटकों से भरी रहती हैं। अगर आप लॉकडाउन के बाद कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, कोविड की टेंशन ले-लेकर परेशान हो गए हैं तो हम आपको  बता रहे हैं दक्षिण भारत के कुछ ऐसे गांवों के बारे में जहां आपको ढेर सारा सुकून मिलेगा। 

टीकोय, केरल

बात खूबसूरती और हरियाली की हो और केरल का नाम न आए ऐसा कैसे हो सकता है। बीचेज, बैकवॉटर, शांत पहाड़ियों और नारियल के ऊंचे-ऊंचे पेड़ों के बीच बसा गांव टीकोय सैलानियों को अपनी ओर जरूर खींचता है। यहां साल भर पर्यटक घूमने जाते रहते हैं क्योंकि मौसम हमेशा ही खुशनुमा रहता है। शहरी शोर-शराबे से दूर पहाड़ी, घाटी और झरनों की खूबसूरती देखनी है तो आप यहां एक शानदार वीकेंड प्लान कर सकते हैं। ये गांव अपनी तमाम परंपराओं को सहेजे है और इसके आस-पास भी कई खूबसूरत गांव हैं, यहां से लगभग 13 किमी दूर कुमारकोम भी घूमने के लिए अच्छी जगह है। यहां वर्ड सेंचुरी है जहां आप प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं। यहां से कुछ दूर पर ही वायकॉम है जो अपने मंदिरों के लिए फेमस है। यहां आप बोटिंग और फिशिंग का भी मजा भी ले सकते हैं, कुल मिलाकर ये खूबसूरत गांव आप पर अपना जादू जरूर चलाएगा। 


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याना, कर्नाटक


अगर आप एडवेंचर के शौकीन है तो कनार्टक का याना गांव आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। इस गांव में पत्थरों की हैरतअंगेज कर देने वाली संरचनाएं देखने को मिलेंगी, इसे कार्स्ट या एसट्रोईडस कहा जाता है। ये रॉक्स कई सारे ट्रैकर्स को अपनी ओर खींचती हैं। यहां पर याना की गुफाएं हैं जहां के लिए कहा जाता है कि भस्मासुर ने भगवान शिव के लिए कठोर तप किया था। यहां पर शिवरात्रि के समय एक वार्षिक कार उत्सव मनाया जाता है। आसपास के इलाके हरे- भरे घने जंगलों से घिरे हैं जहां जाकर आप ताजी हवा में सांस ले सकेंगे और अपनी आजादी को महसूस करने के लिए दोनों हाथ हवा में लहराकर जोर से चिल्ला सकते हैं। याना जाने का रास्ता काफी सुंदर और हरा-भरा है जहां आप मजे से बाइक पर फर्राटे भर सकते हैं। ये रास्ते इतने खूबसूरत हैं कि पैदल चलने पर भी आप थकेंगे नहीं। 

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पूवर, केरल

पूवर गांव के नाम पर न जाइए, ये गांव देखने में बेहद खूबसूरत है। बेहद शांत वातावरण और नेचुरल ब्यूटी के लिए मशहूर ये जगह टूरिस्ट को काफी पसंद आती है। पूवर केरल की एक मात्र ऐसी जगह है जहां आपको समुद्र, नदी व झीलें तीनों ही देखने को मिलेंगी। यहां आकर खुले आसमान के नीचे मखमली घास पर लेट जाइए और कुछ दिनों के लिए भूल जाइए सारे काम-काज और ऑफिस। एक बात और यहां से सनसेट बेहद खूबसूरत दिखता है तो इसे भी मिस न करिएगा। पूवर पहुंचकर जब आप यहां की सुंदरता को निहारेंगे तो यकीनन ट्रिप के लिए पहले से तय समय को बढ़ाने का दिल चाहेगा। यहां आपको घूमने के लिए गाड़ी भी मिल जाएगी जिससे आप आस-पास की भी कई जगहों को एक्सप्लोर कर सकेंगे। पूवर से कोवलम 18 किमी दूर है और यहां कुरूमकाल पहाड़ी है जहां का लाइट हाउस काफी फेमस है। 


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अगुम्बे, कर्नाटक

हम सभी की बहुत सी यादें आर.के नारायण की टीवी सीरीज 'मालगुडी डेज' से जुड़ी हुई हैं। इस सीरियल में जिस गांव को दिखाया जाता है वो अगुम्बे है। अगुम्बे कर्नाटक का एक बेहद सुंदर गांव है, जहां जाने के लिए किसी भी पर्यटक को ज्यादा सेाचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह हरा-भरा गांव हैं जहां का माहौल बहुत ही रिफ्रेशिंग है। ये  हैरानी की बात ये है कि यहां साल भर भारी बारिश होती है, इसलिए इसे साउथ का चेरापूंजी भी कहा जाता है। मानसून के महीने यानी जुलाई से सितंबर को छोड़कर आप यहां कभी भी आ सकते हैं। अगुम्बे में घूमने के लिहाज से कई सारी जगहें मौजूद हैं जैसे यहां का सनसेट प्वाइंट जिसकी गिनती दुनिया भर के खास सनसेट प्वाइंट में होती है। यहां के जोगिगुंडी फॉल्स में सालभर पानी देखा जा सकता है। इस झरने को जोगी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां एक संत ने कई वर्षों तक ध्यान लगाया था। इसके अलावा यहां आप अगुम्बे रेनफोरेस्ट रिसर्च स्टेशन भी घूम सकते हैं, इस रिसर्च स्टेशन को इंडिया के फेमस रिसर्च सेंटर में गिना जाता है। ये कई अभ्यारण्य को भी अपने अंदर समेटे है जैसे शरवती, मुकाम्बिका, सोमेश्वर और भाद्र वन्यजीव अभ्यारण्य। अगुम्बे में झरने का शोर और फुहार आपकी सारी थकान दूर कर देगी और आस-पास की प्राकृतिक खूबसूरती देखकर आपको इस गांव से प्यार हो जाएगा। 


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चेट्टिनाड, तमिलनाडु

आपको फिल्म मालामाल विकली तो याद ही होगी, बता दें कि इसकी शूटिंग तमिलनाडु के चेट्टिनाड गाँव में हुई थी। यहां आपको शानदार हवेलियां देखने को मिलेंगी और यहां का स्थानीय खाना लाजवाब है। यहां बनने वाली डिशेज को कारैक्कुडि डिशेज कहते हैं। चेट्टिनाड में चेट्टियार समुदाय के लोग रहते हैं जो अभी भी अपनी परंपरा और रिवाजों को मानते हैं जो अब बाकी जगहों पर कम ही देखने को मिलता है। ये गांव अपनी कला के लिए भी जाना जाता है, यहां के सारे घर लगभग एक जैसे ही बने हैं, दरवाजे भारी, बड़े और नक्काशी वाले होते हैं। कला को समेटे ये रंग-बिरंगा गांव धार्मिक यात्रा करने वालों के लिए भी बहुत कुछ रखे हुए है। यहां एक बड़ा विष्णु मंदिर है, जो लगभग 500 साल पुराना है। इसके अलावा यहां की चेट्टियार साड़ियां भी फेमस हैं तो शॉपिंग का मूड भी बन सकता है। 


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