दादरा नगर हवेली : पश्चिमी घाट का खूबसूरत ठिकाना
वसोना लॉयन सफारी
यादों में अगर आप दादरा नगर हवेली की यात्रा को संजोना चाहते हैं और बब्बर शेर की दहाड़ सुनना चाहते हैं, तो एक बार लॉयन सफारी जरूर जाएं। सिलवासा शहर से महज 10 किमी. की दूरी पर स्थित इस सफारी में आपको बहुत कुछ देखने को मिलेगा। इस सफारी में आपको गुजरात के गिर जंगलों के शेर देखने को मिलेंगे। यही नहीं, इस सफारी में सैर का आनंद उठाने के लिए और शेर को बहुत ही करीब से देखने के लिए आपको गाड़ी भी उपलब्ध कराई जाती है। खास तरीके से बनी जिप्सी में सैर करके पर्यटक सुरक्षित तरीके से शेरों को देख सकते हैं। ज्यादा बड़ा जंगल न होने के कारण आपको आसानी से शेर या फिर शेरनी दिख जाएंगी। यह वन्यजीव अभयारण्य 92 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस लॉयन सफारी को एशियाई शेरों या पेन्थरों लियो की रक्षा के लिए बनाया गया था। यहां पर सात मीटर की चैन लिंक खाड़ी को घुसपैठ रखने के लिए निर्धारित किया गया है। अगर आप सफारी में घूमने जाना चाहते हैं, तो फिर यहां पर तीन किमी तक सफारी वाहनों से सैर कर सकते हैं।
खानवेल
अगर आप कुटिया में रहना चाहते हैं। पहाड़ियों पर बने ऊंचे-नीचे कॉटेज और छोटे-बड़े खेतों में कुछ समय बिताना चाहते हैं तो दादरा नगर हवेली आने के बाद खानवेल जरूर आइए। सिलवासा से करीब 25 किमी. की दूरी पर बसे खानवेल को देखने के बाद ऐसा लगाता है जैसे प्रकृति ने इसे खुद सजाया है। चारों और पहाड़ियों से घिरे इस इलाके के घुमावदार रास्तों का सफर आपको रोमांच से भर देगा। खानवेल की चिकनी सड़कें, बड़े-बड़े खूबसूरत पेड़ और झरना यहां की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं और यह सब देखकर आप भी मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। खानवेल में घने जंगलों के बीच बसी आदिवासियों की बस्तियों में भी जाकर आप गांव का आनंद ले सकते हैं। प्राकृतिक रूप से समृद्ध इस इलाके में आपको शांति और सौंदर्य का अद्भूत और अनोखा संगम देखने को मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि खानवेल में सर्दियों की सुबह सांस थाम लेने वाली होती है, कोहरे से ढके खानवेल को देखकर ऐसा लगता है मानो कोई तस्वीर देखी जा रही है। खानवेल से ही होकर साकार्टोड नदी बहती है। खानवेल में गांव जैसा आनंद देने के लिए बिल्कुल गांव जैसा वातावरण होटलों और कॉटेजों में मिलता है। अगर आप भी पहाड़ियों पर खेतों के बीच में बने कॉटेज में कुछ समय बिताना चाहते हैं तो खानवेल से बेहतर और कोई डेस्टिनेशन हो ही नहीं सकता है।
सतमालिया डीयर पार्क
दादरा नगर हवेली की शान कहे जाने वाले इस पार्क में आपको कई तरह के हिरण देखने को मिल जाएंगे। करीब 25 हेक्टेयर में फैले इस पार्क में प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत कुछ है। अगर आपको अलग-अलग प्रजातियों के हिरण देखने हैं, तो सतमालिया डीयर पार्क से बेहतरीन जगह कुछ और हो ही नहीं सकती है। यहां पर आपको जगह-जगह पर बनी मचान भी दिख जाएंगी, जिन पर चढ़कर आप पूरे जंगल को देख सकते हैं। ऊंचाई पर बसा होने के कारण इसी पार्क से ही दुधनी झील और दमन गंगा नदी पर बना बांध भी दिखता है। इस पार्क की सबसे खास बात यह भी है कि इसी पार्क में आदिवासियों का पूरा एक गांव बसा है। जहां आप बेफिक्र होकर सैर कर सकते हैं। ये आदिवासी यहां आने वाले पर्यटकों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यहां एक वृंदावन मंदिर भी है जिसमें भगवान कृष्ण की नहीं शिव की पूजा होती है। लायन सफारी की सैर करने के बाद इस पार्क में जरूर जाएं। यह पार्क लायन सफारी से 10 किमी. और सिलवासा से 20 किमी. दूर है।
लुहारी
दादरा नगर हवेली में एक गांव है लुहारी। लुहारी को भले ही गांव बोला जाता है, लेकिन सिलवासा में इससे सुंदर और शानदार जगह कोई और नहीं है। पुर्तगाली शब्द सिल्वा का रूप है लुहारी। अगर आप प्रकृति के सानिध्य में आकर थोड़ा आराम की सोच रहे हैं तो यह गांव आपके बेस्ट जगह है। भीड़भाड़ से कोसों दूर इस गांव में आपके लिए बहुत कुछ मिल जाएगा। लुहारी में जगह-जगह पर पर्यटकों के लिए खास तरह के रिसॉर्ट बने हुए हैं, जो मचान की तरह वाले कॉटेज होते है। इन रिसॉर्ट से आसानी से जंगलों को देखा जा सकता है। यही नहीं सिलवासा पर्यटन विभाग की तरफ से यहां पर साहसिक खेलों का भी आयोजन किया जाता है। इसमें जटिल ट्रेल्स पर ट्रैकिंग, हाइकिंग और कैंपिंग शामिल है। शहर के व्यस्त जीवन से अगर आप परेशान हो गए हैं, तो कुछ समय प्रकृति की गोद में बसे लुहारी आ सकते हैं। लुहारी सिलवासा से लगभग 14 किमी. की दूरी पर है।
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