सड़क की पूरी जानकारी QR कोड से: जल्द ही हाईवे पर स्कैन करके जानिए प्रोजेक्ट की हर डिटेल
भारत की सड़कें तेजी से बन रही हैं,l लेकिन कई बार उनकी क्वालिटी या देरी की वजह से लोग परेशान हो जाते हैं। अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक शानदार कदम उठाया है जो काफी चीज़ों को बदल सकता है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों पर QR कोड लगाने का आदेश दिया है। आप फोन से स्कैन करके उस सड़क के प्रोजेक्ट की सारी जानकारी पा सकेंगे। ठेकेदार का नाम, अधिकारी का नंबर, निर्माण की प्रगति और फीडबैक देने का तरीका, सब कुछ एक क्लिक में। साथ ही, यूट्यूब पर नियमित वीडियो अपडेट भी आएंगे। ये कदम पारदर्शिता बढ़ाने और जनता की शिकायतों का तुरंत जवाब देने के लिए है। आइए समझते हैं कि ये योजना क्या है, कैसे काम करेगी और आपको क्या फायदा होगा…
योजना का उद्देश्य क्या है?
2014 से अब तक भारत में 60,000 किलोमीटर से ज्यादा हाईवे बन चुके हैं। फिर भी सड़कों की खराब हालत और देरी की शिकायतें आती रहती हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि टोल देने वाले हर व्यक्ति को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सड़क मिलनी चाहिए। QR कोड से ये संभव होगा। स्कैन करने पर आपको मिलेगी पूरी जानकारी:
ठेकेदार, कंसल्टेंट और सरकारी अधिकारी के नाम।
- उनके संपर्क नंबर और ईमेल।
- प्रोजेक्ट की कुल लागत, शुरू होने की तारीख और पूरा होने की समयसीमा।
- निर्माण की वर्तमान स्थिति और फीडबैक देने का फॉर्म।
यूट्यूब पर क्या आएगा?
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और ठेकेदारों को अपना यूट्यूब चैनल बनाना होगा। वहां हर प्रोजेक्ट के वीडियो डालने अनिवार्य होंगे:
- निर्माण की शुरुआत से लेकर अंत तक की प्रगति।
- ड्रोन से ली गई हाई क्वालिटी वीडियो।
जनता की शिकायतों का जवाब और सुधार की जानकारी।
सड़क परिवहन सचिव श्वी. उमाशंकर ने बताया कि यूट्यूबर्स की वीडियो से भी कई गंभीर शिकायतें सामने आती हैं। अब ये आधिकारिक चैनल का हिस्सा होंगी। इससे ठेकेदार काम में ईमानदारी और तेजी दिखाएंगे।
अन्य महत्वपूर्ण कदम
नियमित ऑडिट: हर प्रोजेक्ट की जांच होगी। डिजाइन या मेंटेनेंस में गलती पकड़ी जाएगी। अच्छा काम करने वालों को इनाम मिलेगा।
प्रीकास्ट तकनीक: तेज और मजबूत निर्माण के लिए जरूरी। इससे समय कम लगेगा और सड़कें लंबे समय तक चलेगी।
पर्यावरण का ध्यान: द्वारका एक्सप्रेसवे पर 8,500 पेड़ों को काटने की बजाय दूसरी जगह लगाया गया। सड़क बनाते समय प्रकृति को बचाना प्राथमिकता है।
बड़ा प्लान: 25,000 किलोमीटर हाईवे को चार लेन बनाने का 2 लाख करोड़ का प्रोजेक्ट। इससे बंदरगाहों से माल ढुलाई आसान होगी।
यात्रियों को क्या फायदा?
- अगर आप हाईवे पर हैं:
- खराब सड़क दिखी तो QR स्कैन करें और सीधे अधिकारी से शिकायत करें।
- सोशल मीडिया पर लिखने के बजाय आधिकारिक फीडबैक दे सकेंगे।
- टोल का पैसा सही जगह लग रहा है या नहीं, ये चेक कर सकेंगे।
- अच्छी सड़कें ईंधन और समय दोनों बचाएंगी।
- भारत में 80 फीसदी माल सड़कों से जाता है। बेहतर हाईवे लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को 10 प्रतिशत से कम कर देंगे।
ये बदलाव क्यों जरूरी हैं?
सड़कें सिर्फ गाड़ी दौड़ाने का रास्ता नहीं, अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। अच्छे हाईवे से धार्मिक पर्यटन, एडवेंचर ट्रैवल और कारोबार बढ़ेगा। इससे जीवन आसान होगा और देश मजबूत बनेगा।
अगर आप ट्रैवलर हैं, तो ये नई व्यवस्था आपकी यात्रा को और सुरक्षित बनाएगी। ज्यादा जानकारी के लिए NHAI की वेबसाइट देखें।
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