खूबसूरती के रंगों से रंगीन हैं ये पक्षी

इंडियन पिट्टा (Indian Pitta) - नवरंग पक्षी

इंडियन पिट्टा, जिसे ‘नवरंग’ कहा जाता है, अपने चमकीले रंगों के कारण भारतीय जंगलों का एक अनोखा पक्षी है। इसके शरीर पर नौ अलग-अलग रंगों का मिश्रण होता है, जिससे यह जंगल में बेहद आकर्षक दिखता है। इसके पंख हरे और नीले रंग के होते हैं, जबकि पेट पीला और लाल होता है। इसकी चोंच काली और हल्की मुड़ी हुई होती है, जो इसे बाकी पक्षियों से अलग पहचान देती है। यह पक्षी ज्यादातर जमीन के करीब झाड़ियों और सूखे पत्तों के बीच रहता है, जिससे इसे पहचानना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
इंडियन पिट्टा मानसून के दौरान ज़्यादा सक्रिय रहता है और इस समय इसकी मधुर आवाज़ जंगलों में गूंजती है। यह पक्षी ज्यादातर पश्चिमी घाट, सतपुड़ा और हिमालय की तलहटी में देखा जाता है। अपने रंग-बिरंगे रूप और सुंदर आवाज़ के कारण यह पक्षी पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफरों के बीच काफी लोकप्रिय है।
कहाँ देखें:
- पश्चिमी घाट (महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल)
- सतपुड़ा और विंध्याचल के जंगल
- हिमालय की तलहटी (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश)
रेड-ब्रेस्टेड पैराकीट (Red-breasted Parakeet) - लाल छाती वाला तोता

रेड-ब्रेस्टेड पैराकीट, जिसे हिंदी में 'लाल छाती वाला तोता' कहा जाता है, अपनी आकर्षक रंगत और चंचल स्वभाव के कारण पक्षी प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसकी छाती पर गहरा लाल रंग होता है, जो इसके हरे पंखों के साथ एक सुंदर कंट्रास्ट बनाता है। इसकी लंबी पूंछ और तेज़ चोंच इसे और भी आकर्षक बनाती है।
यह तोता ख़ासकर पूर्वोत्तर भारत और सुंदरबन के मैंग्रोव जंगलों में पाया जाता है। यह झुंड में रहना पसंद करता है और अक्सर ऊंचे पेड़ों पर देखा जाता है। यह फल, बीज और छोटे कीड़े खाता है। इसकी तेज़ और मधुर आवाज़ दूर से ही सुनी जा सकती है। बढ़ते वनों की कटाई के कारण इसके आवास सिमट रहे हैं, लेकिन संरक्षित क्षेत्रों में अभी भी इसकी अच्छी संख्या पाई जाती है।
कहां देखें:
- असम और अरुणाचल प्रदेश के जंगल
- मेघालय और नागालैंड के ऊंचाई वाले क्षेत्र
- सुंदरबन के मैंग्रोव जंगल
इंडियन रोलर (Indian Roller) - नीलकंठ

इंडियन रोलर, जिसे नीलकंठ भी कहा जाता है, अपनी अद्भुत नीली और हरी रंगत के कारण बेहद सुंदर दिखता है। यह पक्षी भारत के मैदानों, जंगलों, और खेतों में पाया जाता है और इसे शुभ माना जाता है। इसकी उड़ान के दौरान पंखों की चमकीली नीली रंगत इसे और भी सुंदर बनाती है। यह मुख्य रूप से कीड़े, छोटे सरीसृप, और मेढक खाता है। बारिश से पहले ये काफी एक्टिव हो जाता है। इसे अक्सर पेड़ों की डाल पर बैठकर शिकार की तलाश करते हुए देखा जा सकता है। भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार, नीलकंठ भगवान शिव से जुड़ा हुआ है, और इसे विशेष रूप से दशहरे के दिन देखना शुभ माना जाता है। इसकी सुंदरता और महत्व इसे भारत के सबसे विशिष्ट पक्षियों में से एक बनाते हैं।
कहां देखें:
- राजस्थान, गुजरात, और मध्य प्रदेश के जंगल
- उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की घाटियां
- दक्षिण भारत के कृषि क्षेत्र और जंगल
एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर (Asian Paradise Flycatcher) - स्वर्गीय उड़ान पक्षी

एशियन पैराडाइज फ्लाईकैचर अपनी लंबी, रेशमी पूंछ और चमकीले नीले सिर के कारण बेहद आकर्षक दिखता है। इस पक्षी की सबसे अनोखी खासियत इसकी पूंछ है, जो उड़ते समय हवा में लहराती हुई दिखाई देती है, जिससे यह और भी मनमोहक लगता है। नर पक्षी आमतौर पर दो रंगों में पाए जाते हैं-एक सफेद और दूसरा नारंगी रंग का, जबकि मादा हल्के भूरे रंग की होती है, जिससे वह आसानी से पेड़ों में छिप जाती है।
यह पक्षी घने जंगलों, नदी किनारों और झरनों के पास रहना पसंद करता है और मुख्य रूप से कीटभक्षी होता है। तेज़ी से उड़ने और टहनियों के बीच फुर्ती से घूमने की इसकी क्षमता इसे अन्य पक्षियों से अलग बनाती है। इसे भारत में हिमालय की तलहटी, पश्चिमी घाट और दक्षिण भारत के जंगलों में देखा जा सकता है, जहां यह अपनी मधुर चहचहाहट से वातावरण को संगीतमय बना देता है।
कहां देखें:
- गिर वन, गुजरात
- हिमालय की तलहटी (उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम)
- कर्नाटक और केरल के घने जंगल
ग्रेट हॉर्नबिल (Great Hornbill)

ग्रेट हॉर्नबिल भारत के सबसे बड़े और खास पक्षियों में से एक है, जिसे इसकी विशाल चोंच और पीले-सिर (कैस्क - टोपी जैसी संरचना) के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है। भारत में इसे असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिमी घाट और कर्नाटक के जंगलों में देखा जा सकता है।
ग्रेट हॉर्नबिल को खाने में फल पसंद आते हैं, खासकर अंजीर। यह जंगलों के इको सिस्टम को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि यह बीजों का फैलाव करता है। इसका गहरा, गूंजता हुआ स्वर जंगलों में इसे और भी प्रभावशाली बनाता है। हॉर्नबिल पक्षी अपने जीवनसाथी के लिए समर्पित होता है। मादा अंडे देने के दौरान एक पेड़ के खोखले में घोंसला बनाकर रहती है, जबकि नर उसे भोजन पहुंचाता है। इसकी यह अनोखी प्रजनन प्रणाली इसे पक्षी जगत में विशेष बनाती है।
कहां देखें:
- काजीरंगा और नामदाफा राष्ट्रीय उद्यान (असम, अरुणाचल)
- पश्चिमी घाट (केरल, कर्नाटक)
ग्रीन मैगपाई (Green Magpie) - हरा मलकौहा

ग्रीन मैगपाई, जिसे मलकौहा भी कहा जाता है, आकर्षक और खुश रंग वाला पक्षी है। इसकी मुख्य पहचान इसके चमकीले हरे पंख और तेज लाल चोंच से होती है, जो इसे बाकी पक्षियों से अलग बनाती है। यह पक्षी अपने रंग-बिरंगे शरीर के कारण किसी जंगल में आसानी से पहचान में आता है। ग्रीन मैगपाई की बनावट इसे जंगल के घने और ऊंचे पेड़ों में तेजी से उड़ने और झाड़ियों के बीच फुर्ती से दौड़ने के काबिल बनाती है। इसकी उड़ान के दौरान इसकी स्पीड और फ्लाइट की कला देखने लायक होती है। यह पक्षी ज्यादातर छोटे कीड़े और फल-फूल खाता है। यह मुख्य रूप से दक्षिण और उत्तर-पूर्वी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों, जैसे कि उत्तराखंड, सिक्किम, और अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों में पाया जाता है। ग्रीन मैगपाई का सुंदर रूप और चंचल स्वभाव इसे पक्षी प्रेमियों के बीच एक पसंदीदा पक्षी बनाता है।
कहां देखें:
- उत्तराखंड, सिक्किम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के जंगल
मोर (Peacock)

मोर अपनी नीली-हरी चमक और लंबे, रंग-बिरंगे पंखों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। जब यह अपने पंख फैलाकर नाचता है, तो ऐसा लगता है मानो इंद्रधनुष धरती पर उतर आया हो। इसका सिर गहरे नीले रंग का और मुकुटनुमा कलगी से सजा होता है, जो इसके शाही रूप में चार चांद लगा देता है। मोर सिर्फ सुंदर ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं में भी इसका खास महत्व है। इसे सौंदर्य, गर्व और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। मोर का सबसे आकर्षक पहलू उसका पंख फैलाकर किया गया नृत्य है, जो बरसात के मौसम में देखने लायक अद्भुत दृश्य होता है। गांवों और खेतों में इसका नाचते हुए दिखना एक अद्भुत अनुभव होता है।
कहां देखें:
- राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम और उत्तर भारत के कई हिस्सों के जंगलों और खुले खेतों में।
स्कार्लेट मिनिवेट (Scarlet Minivet) - लाल-पीला मिनिवेट

स्कार्लेट मिनिवेट एक खूब रंगीन और आकर्षक पक्षी है, जो अपने चमकीले शरीर और रंग-बिरंगे पंखों के कारण जंगलों में एक नगीने की तरह नजर आता है। इस पक्षी के नर का शरीर मुख्य रूप से लाल और काले रंग में होता है, जबकि मादा का शरीर पीले और जैतूनी रंग का होता है। नर पक्षी के पंखों और सिर पर गहरे लाल रंग की छटा होती है, जो उसे एक शानदार और चमकदार रूप देती है।
स्कार्लेट मिनिवेट भारतीय जंगलों में अपने रंगीन शरीर के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है, ख़ासकर तब जब यह जंगल के ऊंचे पेड़ों पर उड़ता हुआ दिखता है। यह पक्षी मुख्य रूप से घने और ऊंचे जंगलों में पाया जाता है, और इसे झुंड में उड़ते हुए देखा जा सकता है। हिमालय के विभिन्न हिस्सों, पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर भारत के जंगलों में इसका बसेरा होता है।
कहां देखें:
- हिमालय, पश्चिमी घाट, नागालैंड और मेघालय के जंगल
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