जल्द बदलने वाला है ऋषिकेश का मशहूर लक्ष्मण झूला, जानें सरकार का नया प्लान
ऋषिकेश का लक्ष्मण झूला एक ऐतिहासिक और खास जगह है, जहां हर यात्री जाना चाहता है। गंगा नदी पर बना ये झूला पर्यटकों का फेवरेट है। लेकिन 2019 से ये सुरक्षा कारणों से बंद है। अब सरकार इसे नए और शानदार 'बजरंग सेतु' से बदल रही है। ये ग्लास वाला ब्रिज दिसंबर 2025 तक तैयार हो जाएगा। ये केदारनाथ मंदिर की डिजाइन से प्रेरित है और बहुत खास होगा। आइए, लक्ष्मण झूला का इतिहास, बजरंग सेतु की खासियत और सरकार का प्लान समझें।
लक्ष्मण झूला का इतिहास
लक्ष्मण झूला 1929 में बनाया गया था। ये 137 मीटर लंबा ब्रिज तपोवन और जोनक गांवों को गंगा के पार जोड़ता था। रामायण की कहानी के मुताबिक, यहीं लक्ष्मण ने जूट की रस्सियों से नदी पार की थी। ये जगह पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए बहुत खास थी। लेकिन 2019 में सुरक्षा जांच में पता चला कि ब्रिज पुराना और कमजोर हो गया है। इसलिए इसे गाड़ियों और पैदल यात्रियों के लिए बंद कर दिया गया। अब लोग राम झूला या जानकी सेतु का इस्तेमाल करते हैं। पुराना लक्ष्मण झूला अब हेरिटेज के रूप में बचेगा, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं होगा।
बजरंग सेतु: नया और शानदार ब्रिज
बजरंग सेतु लक्ष्मण झूला की जगह लेगा। ये 132.5 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा ग्लास सस्पेंशन ब्रिज है। इसमें 3.5 इंच मोटे ग्लास के रास्ते हैं, जिनसे नीचे गंगा का नजारा दिखेगा। बीच में 5 मीटर चौड़ा स्टील का रास्ता है, जहां छोटी गाड़ियां चल सकेंगी। ब्रिज की डिजाइन केदारनाथ मंदिर से प्रेरित है, जिसमें खूबसूरत नक्काशी वाले टावर हैं। इसकी लागत 60 करोड़ रुपये है। इस ब्रिज का निर्माण जनवरी 2022 से चल रहा है।
काम की प्रगति
- 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
- बस ग्लास के रास्तों का काम बाकी है, जो 65 मिमी मोटा होगा।
- दिसंबर 2025 तक ब्रिज तैयार हो जाएगा।
- जनवरी 2026 में इसे प्रशासन को सौंप दिया जाएगा।
सुरक्षा की खास बातें
- ग्लास मजबूत है, जो टूटेगा नहीं और बारिश-तूफान सह सकता है।
- ये भारी पैदल और गाड़ियों के ट्रैफिक को झेल सकता है।
- हाल ही में (अक्टूबर 2025) एक 31 साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर निर्माण क्षेत्र में चढ़ गया और गंगा में गिर गया। इसके बाद सिक्योरिटी को और सख्त कर दिया गया है।
सरकार का क्या फैसला है?
सरकार लक्ष्मण झूला को तोड़ेगी नहीं। इसे हेरिटेज के रूप में रखा जाएगा। नया बजरंग सेतु पर्यटकों को आकर्षित करेगा और यातायात को आसान बनाएगा। उत्तराखंड सरकार ने 2020 में इसका प्लान तैयार किया था। ये उत्तर भारत का पहला ग्लास फ्लोर ब्रिज होगा। पर्यटक इसे सेल्फी पॉइंट के रूप में पसंद करेंगे, लेकिन सुरक्षा सबसे जरूरी है।
सफर के लिए टिप्स
- बजरंग सेतु दिसंबर 2025 में खुलेगा। तब तक राम झूला या जानकी सेतु यूज करें।
- ऋषिकेश पहुंचने के लिए देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट 20 किमी दूर है। ट्रेन से हरिद्वार तक आया ज सकता है जो यहां से 21 किमी दूर हैं।
- ऋषिकेश घूमने के लिए अक्टूबर से मार्च का मौसम सबसे अच्छा है। इस वक़्त यह शहर ठंडा और सुहाना रहता है।
- निर्माण क्षेत्र में न जाएं, क्योंकि सिक्योरिटी बहुत सख्त है।
लक्ष्मण झूला का जाना थोड़ा दुख देता है, लेकिन बजरंग सेतु एक नया और रोमांचक अनुभव लाएगा। ग्लास ब्रिज से गंगा का नजारा देखना शानदार होगा। पुराना झूला हेरिटेज के रूप में रहेगा। अगर आप ऋषिकेश जा रहे हैं, तो दिसंबर तक इंतजार करें। सुरक्षित और मजेदार यात्रा करें।
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