बांसवाड़ा: राजस्थान का 100 द्वीपों वाला अनोखा ठिकाना

अनुषा मिश्रा 17-07-2025 05:43 PM My India
जब भी राजस्थान घूमने-फिरने की बात आती है, तो गर्म रेगिस्तान, ऊंट की सवारी और किलों की पुरानी कहानियां, बस यही याद आता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस रेतीले राज्य में एक ऐसी जगह भी है, जो आपके दिल को छू लेगी और आंखों को सुकून देगी? हां, हम बात कर रहे हैं बांसवाड़ा की, जिसे लोग प्यार से ‘100 द्वीपों का शहर’ भी कहते हैं। ये जगह न सिर्फ प्रकृति का एक अनमोल तोहफा है, बल्कि हर उस इंसान के लिए एक सपना है जो भीड़ से दूर सुकून की तलाश में होता है। तो चलो, अपने बैग पैक करो और इस खूबसूरत ठिकाने की सैर पर निकलते हैं, जहां हर कदम पर एक नई खुशी और नई कहानी मिलेगी!

बांसवाड़ा कहां है और कैसे पहुंचे?

बांसवाड़ा राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में एक प्यारा-सा शहर है, जो माही नदी की गोद में बसा हुआ है। ये जगह जयपुर, उदयपुर, और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ी हुई है। अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं, तो करीब 800-850 किलोमीटर की दूरी तय करके एक दिन में आराम से पहुंच सकते हैं। ट्रेन से आने वालों के लिए रतलाम जंक्शन नजदीकी स्टेशन है, जो बांसवाड़ा से सिर्फ 85 किलोमीटर दूर है। वहां से बस या टैक्सी पकड़ लो, और हो गया काम। सड़क मार्ग भी शानदार है, तो अपनी गाड़ी से भी आ सकते हो।

क्या है खास इस जगह में?

बांसवाड़ा की असली खूबसूरती इसके 100 से ज्यादा छोटे-छोटे द्वीपों में है, जो माही नदी में बने हैं। ये द्वीप इतने सुंदर हैं कि देखते ही मन करता है कि बस वहां रुक जाएं। मानसून के समय तो ये जगह और भी जादुई हो जाती है, हर तरफ हरी-भरी घास, झीलों का नीला पानी, और बादलों का साथ। ऐसा लगता है जैसे आप मालदीव या लक्षद्वीप में हों, लेकिन ये राजस्थान का खजाना है। यहां नौका विहार का भी मजा ले सकते हो, जिसका टिकट सिर्फ 50 रुपये प्रति व्यक्ति है। साथ में जंगली जानवरों को देखने का भी मौका मिलता है, तो कैमरा साथ रखना मत भूलना।

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बांसवाड़ा में घूमने की जगहें

माही बांध: ये बांध नदी के पानी को रोककर इन खूबसूरत द्वीपों को जन्म देता है। यहां से सूरज डूबते वक्त का नजारा देखकर दिल खुश हो जाता है।

आनंद सागर झील: चारों तरफ पानी और द्वीपों से घिरी ये झील शांति के लिए परफेक्ट है। यहां बच्चों के लिए झूले और पार्क भी हैं।

त्रिकूट पहाड़ी: अगर आपको ट्रेकिंग पसंद है, तो यहां चढ़ाई करके ऊपर से पूरी वादियों का नजारा देखो, दिल खुश हो जाएगा।

त्रिपुर सुंदरी मंदिर: ये पुराना मंदिर इतिहास और अध्यात्म का संगम है, जहां दिल को सुकून मिलता है।

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बांसवाड़ा कब जाना चाहिए और क्या लाना चाहिए?

बांसवाड़ा की असली खूबसूरती मानसून में (जुलाई से सितंबर) नजर आती है, जब सब कुछ हरा-भरा हो जाता है। लेकिन अगर आपको गर्मी पसंद नहीं, तो अक्टूबर से मार्च भी अच्छा समय है। बांसवाड़ा जा रहे हैं तो वाटरप्रूफ बैग, आरामदायक जूते, कैमरा, और हल्के कपड़े ज़रूर लें जाएं। बारिश में फिसलन हो सकती है, तो सावधान रहकर ही आगे बढ़िएगा। 


खाने का मजा

यहां का खाना भी देसी और लाजवाब है। माही नदी के किनारे बनी चाय और स्थानीय ढाबों की पूरी-सब्जी का स्वाद लेना मत भूलिएगा। अगर मीठा खाना हो, तो बाजार से मावा घेवर भी ज़रूर करिएगा।

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क्यों है ये जगह खास?

बांसवाड़ा अभी भी ज्यादा लोगों की नजर से बचा हुआ है, तो यहां भीड़भाड़ नहीं होती। राजस्थान सरकार इसे नया टूरिस्ट स्पॉट बनाने की कोशिश कर रही है, तो जल्दी से प्लान बनाइए, वरना बाद में भीड़ हो जाएग। ये जगह न सिर्फ प्रकृति प्रेमियों के लिए, बल्कि उन लोगों के लिए भी बेस्ट है जो शांति और एडवेंचर वाला सफर चाहते हैं।

तो अगली बार जब घूमने का प्लान बने, तो बांसवाड़ा को जरूर शामिल करना। ये राजस्थान का वो छुपा हुआ मोती है, जो आपके दिल को छू लेगा।

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