अगर आप उत्तराखंड के छह नेशनल पार्क, सात सेंचुरी और चार कंजर्वेशन रिजर्व में से कहीं जाने का प्लान कर रहे हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है। अब आप उत्तराखंड के जंगलों में बहुत ही करीब से जानवरों को देख पाएंगे। जी हां, पर्यटकों की मांग को देखते हुए जंगलों में ड्रोन कैमरे को उड़ाने की परमिशन मिल गई है और अब पर्यटक ड्रोन कैमरे की नजर से कुदरती नजारों और वन्यजीवों का दीदार कर सकेंगे।
अपनी खूबसूरती और वाइल्ड लाइफ के लिए फेमस उत्तराखंड की वादियों में अगर आप घूमने जा रहे हैं, तो इस बार आपका मजा दोगुना हो सकता है। यहां के जंगलों की प्राकृतिक खूबसूरती के साथ ही साथ आप ड्रोन कैमरे से अठखेलियां करते हुए जानवरों को भी देख सकेंगे और सिर्फ देख ही क्यों, इन लम्हों को कैमरे में कैद भी कर सकेंगे। लाखों सैलानियों की मांग को देखते हुए वन विभाग ने ड्रोन कैमरा चलाने की परमिशन दे दी है हालांकि इसमें कुछ शर्तें भी लागू की जाएंगी। वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड के जिम कार्बेट सहित अन्य नेशनल पार्क, सेंचुरी और कंजर्वेशन रिजर्व में नैनो ड्रोन (250 ग्राम से कम वजन) से फोटो व वीडियोग्राफी करने की सुविधा मिल सकेगी। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको कुछ चार्जेज देने होंगे। अलग-अलग जगहों के हिसाब से वन विभाग ने दरें निर्धारित की है। हालांकि, सुरक्षा की नजर से अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों में ड्रोन कैमरे को चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उत्तराखंड फॉरेस्ट ड्रोन फोर्स के समन्वयक डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि ड्रोन से एरियल फोटो-वीडियोग्राफी से आकर्षण बढ़ेगा और पर्यटक यहां की वादियों को कैद करने के लिए आएंगे।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्पष्ट किया है कि जंगलों में 250 ग्राम से कम वजन के ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल की अनुमति जरूरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि तमाम अवसरों पर ड्रोन से फोटो-वीडियोग्राफी का चलन बढ़ा है। ऐसे में डीजीसीए की गाइडलाइन के हिसाब से ही विभाग ने वन्यजीव पर्यटन में नैनो ड्रोन की अनुमति देने का फैसला किया है। ड्रोन कैमरे का गलत इस्तेमाल न हो सके, इसके लिए निगरानी की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के डीएफओ स्तर के अधिकारियों को दी गई है।
जिम कार्बेट पर्यटकों की पहली पसंद
दुनियाभर में प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात देवभूमि उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की प्राकृतिक सुंदरता को निहारने के लिए हर साल लाखों लोग अलग-अलग राज्यों और देश से आते हैं। इस नेशनल पार्क में ही मैन वर्सेस वाइल्ड का एपिसोड बियर ग्रिल्स ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर शूट किया था। पीएम मोदी के साथ यह एपिसोड शूट होने के कारण इस नेशनल पार्क की ख्याति और बढ़ गई है। अब सबकी नजर में भारत का यह सबसे पुराना नेशनल पार्क आ गया है। वैसे, जैव विविधता के मामले में धनी उत्तराखंड में हर साल छह नेशनल पार्क, सात अभ्यारण्य और चार कंजर्वेशन रिजर्व में चार से पांच लाख सैलानी पहुंचते हैं। इनमें भी पर्यटकों की पहली पसंद विश्व प्रसिद्ध जिम कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क है। इसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अन्य संरक्षित क्षेत्रों में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन से फोटो व वीडियोग्राफी के रोमांच का तड़का डालने की पहल की है।
क्या होंगी ड्रोन उड़ाने की शर्तें
- ड्रोन 100 फीट से अधिक ऊंचाई पर नहीं उड़ेगा।
-ड्रन के उपयोग से वन्यजीवन में खलल न पड़े।
-सूर्यास्त के बाद जंगल में ड्रोन नहीं उड़ेगा।
-वन विभाग द्वारा चिह्नित जगहों पर फोटो और वीडियोग्राफी होगी।
-जंगल में ड्रोन उड़ाने की अनुमति लेने वाले को अपना पूरा ब्योरा देना होगा।