जंगल जंगल बात चली है
अनुषा मिश्रा
19-12-2019 12:24 PM
Soul Journey

पर्यटन का जुनून इसे कहते हैं। कहां आलोक सर लखनऊ में अपने घर पर बैठे थे। सुकून से, टीवी के आगे। हाथ में चाय की प्याली लिए हुए और कहां हमें लखीमपुर में रुकने को कहकर दो घंटे में खुद पहुंचने को बोला। उन्होंने अपना पहले से पैक रखा बैग उठाया। बस पकड़ी और लखीमपुर पहुंच गए। उन्हें घुमक्कड़ी का शौक है, इसलिए एक बैग हमेशा तैयार रखते हैं, जिसमें दो जोड़ी कपड़े, निक्कर-बनियानऔर पतला वाला तौलिया रहता है। इसे 'इमरजेंसी ट्रेवेल किट' भी कह सकते हैं। जो फर्स्ट एड की तरह तैयार रखना पड़ता है।
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