फ्लेमिंगो देखने के लिए भारत की 5 बेस्ट जगहें

फ्लेमिंगो! ये गुलाबी रंग के पक्षी इतने सुंदर हैं कि इन्हें देखते ही मन खुश हो जाता है। उनकी लंबी गर्दन और नाचती हुई चाल किसी डांसिंग स्टार जैसी लगती है। हर साल सर्दियों में हजारों फ्लेमिंगो भारत आते हैं, खासकर ग्रेटर और लेसर फ्लेमिंगो। ये पक्षी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और इजराइल जैसे देशों से लंबा सफर करके यहां पहुंचते हैं। अक्टूबर से मार्च का समय इनके लिए बेस्ट होता है, जब ये झीलों, नमक के मैदानों और लगून में इकट्ठा होते हैं। भारत में कई ऐसी जगहें हैं जहां आप इन गुलाबी मेहमानों को देख सकते हैं। ये जगहें न सिर्फ बर्डवॉचर्स के लिए, बल्कि नेचर लवर्स और फोटोग्राफर्स के लिए भी जन्नत हैं।
1. रण ऑफ कच्छ, गुजरात

रण ऑफ कच्छ फ्लेमिंगो देखने की सबसे शानदार जगह है। ये गुजरात में है और इसे ‘फ्लेमिंगो सिटी’ भी कहते हैं। सर्दियों में यहां का सफेद नमक का मैदान गुलाबी रंग से भर जाता है, क्योंकि हजारों लेसर फ्लेमिंगो अंडे देने आते हैं। ये नजारा ऐसा लगता है जैसे कोई गुलाबी कालीन बिछ गया हो। नवंबर से मार्च का समय बेस्ट है, खासकर दिसंबर और फरवरी। यहां आप जीप सफारी ले सकते हैं, जो आपको फ्लेमिंगो के करीब ले जाएगी। रण उत्सव के यहां दौरान जाना और भी मजेदार हो सकता है, क्योंकि तब फेस्टिवल का माहौल होता है। कच्छ में फ्लेमिंगो के अलावा पेलिकन और क्रेन जैसे पक्षी भी दिखते हैं। अगर आपको डेजर्ट और नेचर का कॉम्बिनेशन पसंद है, तो ये जगह आपके लिए परफेक्ट है।
- टिप: सुबह जल्दी या शाम को जाएं, जब फ्लेमिंगो फीडिंग करते हैं। बाइनोकुलर्स और कैमरा साथ रखें।
2. थाने क्रीक फ्लेमिंगो सैंक्चुअरी, महाराष्ट्र

मुंबई के पास थाने क्रीक एशिया का सबसे बड़ा फ्लेमिंगो कंजर्वेशन एरिया है। सोचिए, मुंबई जैसे बिजी शहर की स्काईलाइन के पीछे गुलाबी फ्लेमिंगो का झुंड! ये देखना अपने आप में कमाल है। हर साल करीब 1 लाख फ्लेमिंगो यहां आते हैं। अक्टूबर से मई का समय यहां जाने के लिए बेस्ट है। आप एरोली के कोस्टल एंड मरीन बायोडायवर्सिटी सेंटर से बोट सफारी बुक कर सकते हैं। ये सफारी मंगलोव्स के बीच से गुजरती है और 10 किलोमीटर का मजेदार सफर होता है। मुंबई में रहने वालों के लिए ये जगह बहुत आसान है, क्योंकि ट्रेन या लोकल से पहुंच सकते हैं।
- टिप: सुबह जल्दी जाएं और सनस्क्रीन लगाना न भूलें। बोट पर जगह पहले से बुक कर लें, ताकि इंतजार न करना पड़े।
3. सेवरी मडफ्लैट्स, मुंबई, महाराष्ट्र

मुंबई का एक और शानदार स्पॉट है सेवरी मडफ्लैट्स। ये जगह फ्लेमिंगो के लिए बहुत पॉपुलर है। यहां से मुंबई की ऊंची-ऊंची बिल्डिंग्स दिखती हैं और सामने गुलाबी फ्लेमिंगो का झुंड। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी यहां फ्लेमिंगो फेस्टिवल भी आयोजित करती है, जो बर्डवॉचिंग के लिए शानदार मौका देता है। दिसंबर से मई का समय सबसे अच्छा है। आप सेवरी जेट्टी से पैदल चलकर या बोट राइड लेकर फ्लेमिंगो देख सकते हैं। सुबह का समय बेस्ट है, जब ये पक्षी खाना खाते हैं और उनके रंग सूरज की रोशनी में चमकते हैं। ये जगह मुंबई वालों के लिए तो जैसे घर के पास की जन्नत है।
- टिप: आरामदायक जूते पहनें और कैमरा तैयार रखें। फेस्टिवल के Width जाएं तो गाइडेड टूर का मजा और बढ़ जाता है।
4. भीगवान बैकवाटर्स, महाराष्ट्र

भीगवान को ‘महाराष्ट्र का भरतपुर’ कहते हैं। ये जगह पुणे से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर उजनी डैम के बैकवाटर्स पर है। यहां फ्लेमिंगो के साथ-साथ डक्स, रैप्टर्स और कई माइग्रेटरी पक्षी दिखते हैं। दिसंबर से मई का समय यहां जाने के लिए बेस्ट है। बोट सफारी इस जगह की जान है, जो आपको फ्लेमिंगो के इतने करीब ले जाती है कि आप उनके हर मूव को देख सकते हैं। भीगवान में भीड़ कम होती है, इसलिए शांति से नेचर का मजा ले सकते हैं। अगर आप पुणे या मुंबई से हैं, तो वीकेंड ट्रिप के लिए ये जगह सही है।
- टिप: बोट सफारी पहले से बुक करें। सुबह जल्दी जाएं, ताकि सूरज की रोशनी में फ्लेमिंगो के गुलाबी रंग को अच्छे से देख सकें।
5. चिल्का झील, ओडिशा

चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी ब्रैकिश वॉटर लैगून है और फ्लेमिंगो देखने के लिए शानदार जगह है। नलाबाना आइलैंड इस झील का सबसे पॉपुलर स्पॉट है, जहां हजारों फ्लेमिंगो इकट्ठा होते हैं। खास बात ये कि यहां इरावदी डॉल्फिन भी दिख सकती हैं। नवंबर से फरवरी का समय इस जगह घूमने के लिए बेस्ट है। आप यहां सतपाड़ा से बोट टूर बुक करें, जो आपको फ्लेमिंगो और अन्य पक्षियों के करीब ले जाएगा। ये जगह पुरी से पास है, तो अगर आप ओडिशा घूमने जा रहे हैं, तो चिल्का को अपने प्लान में जरूर डालें। बर्डवॉचिंग के साथ-साथ यहां का नजारा और शांति आपको रिफ्रेश कर देगी।
टिप: बोट टूर के लिए गाइड ले लें, जो आपको सही स्पॉट्स दिखाएगा। कैमरा और बाइनोकुलर्स साथ रखें।
फ्लेमिंगो देखने के लिए टिप्स

फ्लेमिंगो देखना आसान है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखें ताकि आपका अनुभव और मज़ेदार हो:
सही समय: सर्दियां (अक्टूबर से मार्च) बेस्ट हैं, क्योंकि तब फ्लेमिंगो सबसे ज्यादा आते हैं। सुबह या शाम का समय चुनें, जब रोशनी अच्छी होती है।
सामान: बाइनोकुलर्स, कैमरा, सनस्क्रीन, पानी की बोतल और आरामदायक जूते साथ रखें।
सुरक्षा: पक्षियों से दूरी बनाए रखें और उन्हें डिस्टर्ब न करें। लोकल गाइड की मदद लें, जो सही जगह ले जाएंगे।
फोटोग्राफी: सूर्योदय या सूर्यास्त का समय फोटोज के लिए बेस्ट है। गुलाबी रंग पानी में रिफ्लेक्शन के साथ कमाल लगता है।
पर्यावरण: फ्लेमिंगो संरक्षित पक्षी हैं, इसलिए कचरा न फैलाएं और नेचर का ध्यान रखें। प्लास्टिक बिल्कुल न ले जाएं।
क्यों देखें फ्लेमिंगो?

फ्लेमिंगो सिर्फ खूबसूरत ही नहीं, उनकी कहानी भी कमाल की है। ये पक्षी हर साल हजारों किलोमीटर उड़कर भारत आते हैं, खाना और सुरक्षित जगह ढूंढने। भारत की झीलें, नमक के मैदान और तट उनके लिए परफेक्ट हैं। इन जगहों पर जाना सिर्फ बर्डवॉचिंग नहीं, बल्कि नेचर से कनेक्शन का मौका है। ये ट्रिप आपको सुकून देगी, स्ट्रेस भगाएगी और कुछ खूबसूरत यादें देगी। चाहे आप फैमिली के साथ हों, दोस्तों के साथ या अकेले, ये जगहें हर किसी के लिए खास हैं।
कैसे करें प्लान?
- मौसम चेक करें: सर्दियों में मौसम सुहाना रहता है, लेकिन कुछ जगहों पर ठंड ज्यादा हो सकती है, तो जैकेट साथ रखें।
- बुकिंग: बोट सफारी या गाइडेड टूर पहले से बुक करें, खासकर पीक सीजन में।
- यात्रा: ज्यादातर जगहें बड़े शहरों (मुंबई, अहमदाबाद, पुरी) से पास हैं। ट्रेन, बस या टैक्सी से आसानी से पहुंच सकते हैं।
- लोकल खाना: हर जगह के आसपास लोकल खाने का मज़ा लें। गुजरात में ढोकला, ओडिशा में सीफूड और महाराष्ट्र में वड़ा पाव जरूर ट्राई करें।
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