श्री राम के इस मंदिर पर हुआ था फिदायीन हमला

यहां हुआ था फिदायीन हमला

यह मंदिर लोगों की नजरों में तब आया जब नवंबर 24, 2002 को यहां पूजा कर रहे लोगों पर फिदायीन हमला हुआ। इस हमले में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और कई भक्त घायल हो गए। इसके बाद मंदिर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया। आतंकवादी हमले के 11 साल बाद 2013 में रघुनाथ मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए दोबारा खोले गए।
बेहद सुंदर है मंदिर
रघुनाथ मंदिर उत्तरी भारत में पाए जाने वाले सबसे बड़े मंदिर परिसरों में से है। मंदिर के मुख्य भवन का निर्माण एक ऊंचे चबूतरे पर किया गया है, जिसकी ऊँचाई 5 फीट है और आकार में अष्टकोणीय है। मंदिर के सामने तीन प्रवेश द्वार हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर रणबीर सिंह का एक चित्र और भगवान हनुमान की एक मूर्ति रखी गई है। इस मंदिर में सात शिखर या मीनारें हैं, और प्रत्येक मंदिर का अपना अलग शिखर है। अंदर दीवारों पर रामायण, महाभारत और भगवद गीता जैसे हिंदू महाकाव्यों की तस्वीरें लगी हैं। इसमें गणेश जी, विष्णु जी और कृष्ण जी की छवियां मुख्य हैं। एक बड़ी पेंटिंग में सीता के स्वयंवर को दर्शाया गया है।
मंदिर की आंतरिक दीवारें सोने से मढ़ी हुई हैं। यानी मंदिर के तीन तरफ की दीवारों को सोने की चादरों से सजाया गया है। इसमें एक गैलेरी भी है, जहां कई 'लिंगम' और 'शालिग्राम' रखे गए हैं। गौरवशाली मंदिर में सबसे महत्वपूर्ण मंदिर भगवान राम को समर्पित है, जो रघुनाथ मंदिर के मुख्य देवता हैं। यहां सूर्य देव का भी एक मंदिर है। इसके अलावा मंदिर के एक कमरे को इस तरह से विकसित किया गया है कि चारों धाम एक साथ देखे जा सकें। रामेश्वरम, द्वारकाधीश, बद्रीनाथ और केदारनाथ, जो चार धाम हैं, उन्हें इस तरह व्यवस्थित किया गया है कि उन्हें एक दिशा से देखा जा सकता है। उसी कमरे में भगवान सत्यनारायण की भी मूर्ति है। कमरे केंद्र में सूर्य जा एक सुंदर चित्र है। चारों दीवारों पर एक कैलेंडर देखा जा सकता है; जिसमें सभी महीनों को देवताओं के साथ चित्रित किया गया है।
इन बातों का रखें ध्यान
मंदिर परिसर के अंदर कैमरा और मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है। इन सामानों को सुरक्षित रखने के लिए आप मंदिर में उपलब्ध लॉकर सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। मंदिर के उन पुजारियों से सावधान रहें जो आने वाले भक्तों से बड़ी मात्रा में धन वसूलना चाहते हैं। दान करने से इनकार करेन और इस पर टिके रहें।
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