अजंता-एलोरा ही नहीं, महाराष्ट्र की ये गुफाएं भी हैं खास

टीम ग्रासहॉपर 16-06-2021 07:21 PM Destinations
दुनिया खूबसूरती से भी भरी हुई है। यहां पेड़ हैं, पहाड़ हैं, बर्फ से लदी वादियां हैं। बलखाती इतराती नदियां हैं और तो और समंदर के किनारे छूने को बेकरार दिखती लहरें भी हैं। इसके अलावा भी दुनिया में ऐसा बहुत कुछ है, जो थोड़ा छिपा हुआ है। हम बात कर रहे हैं गुफाओं की। एडवेंचर पसंद करने वाले टूरिस्ट्स के लिए भारत में गुफाओं की कमी नहीं है। इस इश्यू में हम आपको महाराष्ट्र की प्रमुख गुफाओं के बारे में बताएंगे। इसमें अजंता-एलोरा जैसी वर्ल्ड फेसम गुफाएं तो हैं ही साथ ही छोटी-छोटी कई अन्य गुफाएं भी हैं, जिनकी बनावट देखकर आप हैरान रह जाएंगे।

अजंता की गुफाएं

grasshopper yatra Image

बात जब भारत की गुफाओं की आती है तो अजंता का नाम सबसे पहले जेहन में आात है। महाराष्‍ट्र राज्‍य के औरंगाबाद जिले में हैं अजंता की गुफाएं। लगभग 200 ईसा पूर्व इन गुफाओं को बनवाया गया था। इन गुफाओं में हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के चित्र, मूर्ति व अन्‍य कलाकृति लगी हुई है। अजंता की गुफाओं को यूनेस्‍को ने विश्‍व विरासत स्‍थल का दर्जा भी दिया है। अजंता में लगभग 30 गुफाएं है जिनमें तीनों धर्मों के चित्र, मूर्तियां और भित्ति-चित्र बने हैं। गुफाओं की सभी दीवारों में एक- एक महत्‍वपूर्ण खिड़की लगी हुई हैं जो बहुमूल्‍य रत्‍नों से जड़ी हैं। अजंता की सभी गुफाओं की एक खास और आम बात है कि इन सभी में भगवान बुद्ध के जीवन के अनसुने किस्से दिखाए गए हैं। जब भगवान बुद्ध ने मोक्ष प्राप्‍त किया था उससे पहले के सभी वाकयों को यहां बखूबी दिखाया गया है।

एलोरा की गुफाएं

grasshopper yatra Image

एलोरा की गुफाएं

औरंगाबाद जिले से 30 किलोमीटर दूर हैं एलोरा की गुफाएं। विश्व विरासत स्थलों की फेहरिस्त में शामिल इन गुफाओं को  राशत्राकुता राजवंश में बनवाया गया था। तीन हिस्सों में बंटी एलोरा में 34 गुफाएं बनी हुई है। तीनों भाग हिन्‍दू, बौद्ध, व जैन धर्म के लिए है। बौद्ध भाग में 12 गुफाएं, हिन्‍दू भाग में 17 और जैन भाग में केवल 5 गुफाएं है। यह सभी गुफाएं पुराने समय की बनी हुई नायाब कलाकृति है। इनका पहला हिस्सा बौद्ध धर्म का है। 450 से 700 ईसा बाद बने इस हिस्‍से में 12 गुफाएं है। यह 12 गुफाएं दो नक़्क़ाशीदार हिस्सों में बंटी हैं यानि गुफा 1 से 5 और गुफा 6 से 12 । हिन्दू गुफाओं को ब्राह्मण गुफाएं भी कहा जाता है और पश्चिम की ओर बनी ये गुफाएं 13 से 29 तक हैं। एलोरा में गुफाओं का अंतिम भाग जैन धर्म का है। इसमें 5 गुफाएं है। इनकी कई खासियतें हैं जिनके बारे में जानने के लिए आपको यहां का एक चक्कर तो लगाना चाहिए।


पीतलखोरा की गुफाएं

grasshopper yatra Image

अजंता एलोरा की गुफाओं के बारे में हम सभी जानते हैं, लेकिन अजंता की गुफाओं से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पीतलखोरा की गुफाओं से आप अंजान होंगे। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पीतलखोरा की गुफाएं बनी हुई हैं। शहर की भीड़भाड़ से दूर ये गुफाएं एक अलग ही दुनिया का अहसास कराती हैं। ये सह्याद्री पर्वत शृंखला पर मौजूद 14 गुफाओं का एक समूह हैं। विशालकाल मूर्तियों से भरी इन गुफाओं की सुंदरता देखते ही बनती है। अद्भुत चित्रकारी और पत्थर पर की गई नक्काशी इसकी खासियत है। पत्थर की चट्टानों को काटकर बनाई गईं खूबसूरत मूर्तियां हर किसी को आश्चर्य में डाल देती हैं। चंदोरा की पहाड़ियों को काटकर इस गुफा का निर्माण किया गया है। इसमें प्रार्थना कक्ष, आवासीय कक्ष, आरामगाह आदि अलग-अलग जगहें हैं। इस गुफाओं में बने ज्यादातर चित्र छठवीं शताब्दी के हैं। यहां हर गुफा में आपको अलग अहसास होगा। सुंदर झरने का पार करने के बाद जब आप इसके परिसर में दाखिल होते हैं तो यहां हाथियों, सैनिकों की मूर्ति देखने को मिलेगी। अन्य भाग में भगवान बुद्ध के कई मुद्राओं में चित्र उकेरे गए हैं। यहां की चित्रकारी अजंता शैली जैसी ही है। भगवान बुद्ध के अलावा यहां नागदेव, हाथियों और घोड़े की मूर्तियां हैं। यहां मिली कई मूर्तियों को नई दिल्ली के नेशनल म्युजियम में रखा गया है।


जोगेश्वरी गुफा

grasshopper yatra Image

एक तरह से महाराष्ट्र गुफाओं का केन्द्र कहा जा सकता हैं। यहां छोटी-बड़ी मिलाकर तमाम गुफाएं हैं। ऐसी ही एक छोटी गुफा मुंबई शहर के गोरेगांव स्टेशन से करीब 30 किलोमीटर दक्षिण में अंबोली गांव में है, जिसे जोगेश्वरी गुफा कहते हैं। ये एक तरह का गुफा मंदिर भी है। इसमें प्रवेश करते ही आपको मूर्तियां देखने को मिल जाएंगी। इसमें तमाम मूर्तियां जोगेश्वरी माता, हनुमान और गणेश भगवान की हैं। धार्मिक महत्व के चलते भक्त इस गुफा में अपनी ओर से भी मूर्तियां स्थापित कर देते हैं। गुफा के अंदर आने वाले दर्शक इसकी भव्यता देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं। गुफा के अंदर बने विशाल स्तम्भ भी हैं, जिनके ऊपर गुफा टिकी हुई है। स्वरूप बताया जाता है कि यह गुफा करीब 1500 साल पुरानी है। समय का प्रभाव इस गुफा पर अधिक पड़ा है, जिसकी वजह से अधिकांश मूर्तियां अपने प्राचीन स्वरूप में नहीं बची हैं।

आपके पसंद की अन्य पोस्ट

जहां धड़कता है श्री कृष्ण का दिल

ओडिशा के पुरी शहर में बना भगवान जगन्नाथ का मंदिर अपने अंदर हज़ारों रहस्य समेटे है।

ताजमहल ही नहीं, कुछ और इमारतें भी कहती हैं इश्क की कहानी

मोहब्बत की निशानी मानी जाने वाली इन इमारतों ने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को अपनी कहानी सुनाई है।

लेटेस्ट पोस्ट

भारत का सबसे पहला नेशनल पार्क कौन सा है? क्या है इसके बनने की कहानी?

अगर आपको जंगल और जानवर पसंद हैं, तो ये जगह आपके लिए जन्नत है।

हिमाचल का 5000 साल पुराना त्योहार रौलान, जहां सचमुच आती हैं परियां

यह त्योहार आस्था, एकता और इंसान-देवता के रिश्ते की मिसाल है।

अमेरिका में H-1B वीजा खत्म होगा? क्या कहता है सांसद का नया बिल?

इसमें विदेशी डॉक्टरों और नर्सों के लिए सीमित छूट है, लेकिन वो भी धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।

भारत का नया पासपोर्ट सिस्टम: अब सब कुछ डिजिटल, आसान और सुरक्षित

इसका मतलब है कि अब पासपोर्ट बनवाना तेज, आसान और ज्यादा सुरक्षित हो गया है।

पॉपुलर पोस्ट

पुष्कर: उत्सवों को उत्साह से मनाती भगवान ब्रह्मा की ये नगरी

अरावली की पहाड़ियों से तीन ओर से घिरे राजस्थान के ह्रदय पुष्कर में एक अलग ही रंग का हिंदुस्तान बसता है। एक ऐसा हिंदुस्तान जिसे सैलानी सिर्फ देखने नहीं बल्कि उसे महसूस करने, जीने और इसकी आध्यात्मिकता में डूब जाने के लिए आते हैं।

वाइल्ड लाइफ के शौकीनों के लिए महाराष्ट्र है बेस्ट

प्लानिंग इस बार महाराष्ट्र के टाइगर रिजर्व्स को एक्सप्लोर करने की और एडवेंचर के साथ खूबसूरती को निहारने की।

भूटान घूमने का बना रहे हैं प्लान? रॉयल हाइलैंड फेस्टिवल कर रहा है इंतज़ार

भूटान गासा में रॉयल हाईलैंड फेस्टिवल की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

सितंबर में घूमने के लिए बेस्ट हैं ये जगहें

हमारा देश इतना बड़ा है कि यहां हर महीने आपको घूमने के लिए कई सुंदर जगहें मिल जाएंगी।