कश्मीर की सबसे सुंदर जगह की सैर

इतिहास में गुरेज़ घाटी का महत्व
आगे बढ़ने से पहले हम ये जान लेते हैं कि आखिर इतिहास में गुरेज़ घाटी का क्या महत्व था। गुरेज़ घाटी प्राचीन दर्दिस्तान का एक हिस्सा है। यह उत्तर में मिनिमार्ग, शारदा पीठ, जो अब पश्चिम में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है और दक्षिण में बागतोर-कंजलवान तक फैली हुई थी। अब यह एरिया मिलिट्री इंटेंसिव हो गया है क्योंकि यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल के बहुत करीब है।एक समय था जब यह सुंदर घाटी चीन में काशगर से यूरोप तक ऐतिहासिक रूप से मशहूर सिल्क रूट का एंट्री गेट थी। समुद्र तल से 8,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित, यह जादुई घाटी शहर की भीड़-भाड़ से बचकर सुकून के कुछ पल बिताने के लिए एकदम परफेक्ट जगह है।

कभी न भूलने वाला एक्सपीरियंस
यहां रहने वाले लोगों की ज़िंदगी, उनके रीति-रिवाज सब काफी अलग होते हैं। यहां आएं तो लोकल लोगों के साथ समय बिताना बिल्कुल मत भूलिएगा। ये आपके लिए वन्स इन अ लाइफटाइम वाला एक्सपीरियंस साबित होगा। तो क्यों न इस कुदरती नगीने को देखने का प्लान बनाएं, सारी परेशानियों को भुलाकर ताज़ा हवा में सांस लें, दिल को कुछ वक्त के लिए सुकून से भर दें और दिमाग को रिचार्ज होने के लिए खूबसूरती की डोज दें
कर सकते हैं कई एक्टिविटीज
चाहे आप छुट्टियों की तलाश में हों, हनीमून मनाने वाले हों, फोटोग्राफी के शौकीन हों या प्रकृति प्रेमी हों, ये आप सबके लिए है। यहां आप ट्रेकिंग, कयाकिंग, रिवर राफ्टिंग, फोटोग्राफी, स्टार गेजिंग जैसी कई एक्टिविटीज का मज़ा ले सकते हैं।

गुरेज़ घाटी का मौसम
यहां सर्दियों में तापमान -10 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। अगर आप सर्दियों का मज़ा लेना चाहते हैं और बर्फबारी का देखना चाहते हैं, तो दिसंबर से मार्च के बीच यहां घूमने का प्लान बनाएं। हालांकि बार भारी बर्फबारी की वजह से यहां के रास्ते बंद हो जाते हैं, इसलिए सर्दियों में यहां आने से पहले अच्छे से जांच पड़ताल कर लें। वैसे गुरेज घाटी घूमने का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर तक है। जब लगभग 90 फीसदी देश गर्मी से जूझ रहा होता है तब एसी वाली ठंडक को छोड़कर असली ठंड के मज़े लेने की बात ही कुछ और होती है।
एक ज़रूरी बात : हालांकि गुरेज घाटी में भारी बारिश नहीं होती है, लेकिन यहां जो भी थोड़ी सी बारिश होती है, वह इस जगह की यात्रा को कठिन और चुनौतीपूर्ण बना देती है। सड़कें खराब हो जाती हैं, और उनसे गुजरना काफी मुश्किल होता है।
असली कश्मीरी खाना

गुरेज़ घाटी घूमने जा रहे हैं तो तुम्बा की रोटी और कलारी खाना न भूलियेगा। इसके अलावा यहां का वाजवान, रिस्ता, रोगन जोश, हरीसा, आब गोश्त तबाक माज़ और यखनी भी खूब मशहूर है।
ठहरने के लिए
गुरेज़ घाटी में आपको होमस्टे और होटल्स रुकने के सारे ऑप्शन्स मिल जाएंगे। हालांकि अभी यह जगह इतनी मशहूर नहीं है इसलिए यहां विकल्प कम हैं। आप चाहे तो इसके पास दवार में भी रुक सकते हैं।
कितना होगा बजट
अब हम सबसे ज़रूरी बात कर लेते हैं, यानी बजट की बात। तो गुरेज़ घाटी तक पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले श्रीनगर पहुंचना होगा। आप अपनी सुविधा और दूरी के मुताबिक ट्रेन, बस या फ्लाइट से श्रीनगर आ सकते हैं। श्रीनगर से यहां तक टैक्सी से पहुंचा जा सकता है जिसका किराया लगभग 12,000 से 16,000 रुपये होता है। होटल और खाने में एक परिवार का लगभग 6,000 से 8,000 रुपये का खर्चा हर दिन होगा। हालांकि अगर आपको कैंपिंग करनी है तो 800 से 1200 रुपये में आप एक छोटा कैम्प बुक कर सकते हैं।
कैसे पहुंचें?

ये तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि यहां से नजदीकी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट श्रीनगर में है जो यहां से 140 किलोमीटर दूर है। श्रीनगर से आप टैक्सी बुक करके या अकेले हैं तो बाइक रेंट पर लेकर संबल, बांदीपोरा, राज़दान पास, दवार होते हुए गुरेज़ वैली आ सकते हैं।
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