एक चाय की चुस्की.....एक कहकहा

श्रृंखला पाण्डेय 04-02-2020 05:20 PM Food And Drinks

दूर-दूर तक फैली खूबसूरत वादियां हों, ठंडी हवाएं आपको छूकर तरोताजा कर रहीं हों, झीलें एक मीठी सी धुन सुनाकर बह रहीं हों और आप हाथों में चाय का कप लिए इस खूबसूरती को बस देर तक निहार रहे हों। चाय के दीवानों को इससे ज्यादा और क्या चाहिए कि मनपसंद सफर हो और साथ में अदरक वाली चाय की गर्म चुस्कियां। उत्तर भारत के ज्यादातर लोगों का फेवरेट ड्रिंक चाय ही माना जाता है और कई तो इस कदर चाय के शौकीन हैं कि उन्हें किसी भी मौसम और दिन-रात से मतलब नहीं होता बस किसी ने चाय का नाम भर लिया और इन्हें तलब हो उठती है। इसमें कोई शक नहीं कि ये आपके सफर को दोगुना मजेदार बना देती है तो ग्रासहॉपर के इस अंक में हम बात करने जा रहे हैं चाय की अलग-अलग वैरायिटीज की और अगर आप खुद को टी लवर मानते हैं तो जरूरी है कि इन सभी अलग-अलग किस्म की चायों के स्वाद का मजा जरूर लें। 


ईरानी टी

ये चाय भारत के साउथ एरिया में ज्यादा फेमस है। ईरान से आई ये चाय मुंबई, पुणे होते हुए अब हैदराबाद की भी खासियत बन गइ है। हैदराबाद में कई सारे कैफे और स्टाल्स हैं जहां आपको ईरानी चाय मिल जाएगी। ये चाय सुनहरी होती है क्योंकि इसमें मावा डालकर देर तक इसे उबाला जाता है लेकिन इसका टेस्ट वाकई यादगा रहने वाला होता है। कई जगहों पर इसे मस्के के साथ दिया जाता है।

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बटर टी

ये बटर टी, मलाई मार के वाली चाय नहीं है बल्कि एकदम अलग किस्म की वैरायिटी है जो भारत, नेपाल और भूटान के हिमालयी लोगों द्वारा याक के मक्खन, चाय की पत्तियों और नमक से बनाई जाती है। इसे बनाने में एक खास काली चाय का इस्तेमाल करते हैं जो उसी एरिया में पाई जाती है। तिब्बत में इसे Po Cha के नाम से भी जाना जाता है। इसका स्वाद मीठा नहीं बल्कि नमकीन होता है। इसे बनाने का तरीका बाकी चायों से बिल्कुल अलग है। तिब्बत में जब भी किसी के यहां कोई मेहमान आता है तो उसे एक बॉउल में बटर टी दी जाती है। इसे चुस्कियां लेकर पिया जाता है।

ब्लैक टी

ब्लैक टी का ज्यादातर इस्तेमाल वेस्टर्न कल्चर में किया जाता है। इसे बनाते समय दूध और चीनी का इस्तेमाल नहीं होता है इसलिए स्वाद में ये बेहद स्ट्रांग होती है। इस चाय के कई फायदे भी हैं। ये आपके हार्ट को हेल्दी बनाती है और कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। असम चाय, दार्जिलिंग चाय, सीलोन चाय और केन्याई चाय ब्लैक टी की कुछ अलग वैरायिटीज है। स्वाद में भले ये आपको कुछ खास न लगे लेकिन, ये आपकी सेहत का पूरा खयाल रखती है।

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तंदूरी चाय

आपने नवाबों के शहर लखनऊ के तंदूरी चिकन का स्वाद तो चखा होगा लेकिन क्या तंदूरी चाय का लुत्फ उठाया है अगर नहीं उठाया तो इस बार जरूर ट्राई कीजिए। तंदूरी चाय की सौंधी महक ही इसकी खासियत है और इसे बनाने का तरीका भी बिल्कुल अलग है। इसे बनाने के लिए पहले कुल्हड़ या मिट्टी के बर्तन को तंदूर में गरम किया जाता है और फिर उसमें आधी पकी चाय डाली जाती है, पहले से गरम बर्तन में चाय ऊपर तक खौल जाती है और उसे सौंधी सी महक के साथ स्वाद देती है। महक से भरपूर इस चाय को कुल्हड़ में पिया जाता है, इसका जायका गजब का है।

रोज टी

नाम से ही समझ गए होंगे रोज टी यानि गुलाब की चाय। ताजा गुलाब की पत्तियों को पानी में उबालने के बाद पानी को छानकर उसमें शहद मिलाकर इसे बनाया जाता है। जितने खास तरीके से ये बनाई जाती है स्वाद में भी उतनी ही लाजवाब होती है। आप चाहें तो इसे घर पर भी बना सकते हैं। 

मसाला टी

मसाला चाय की बेहतरीन खुशबू की तो बात ही अलग है। अदरक, कालीमिर्च, लौंग, दालचीनी, इलायची के मिश्रण को जब इस चाय में देर तक खौलाया जाता है तो उसकी महक से ही स्वाद का अंदाजा लग जाता है। असम की मसाला चाय में ममरी चाय के पौधों का इस्तेमाल भी किया जाता है, जो इसे अलग स्वाद देती है तो इस बार जब भी असम जाना हो, वहां की मसाला चाय पीना मत भूलिएगा।

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ओलोंग टी

ओलोंग टी का स्वाद न तो ब्लैक टी जितना स्ट्रांग है और ना ही यह ग्री टी जैसा लाइट। ओलोंग चाय की महक और स्वाद अक्सर ताजे फूलों या ताजे फलों जैसी ही लगती है। वैसे ये चाय सेहत के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ कई और भी मिनरल्स होते हैं जो आपको फिट रखने में मदद करते हैं। ये चाय चीन की पैदावार है और बाकी चायों से काफी अलग है। इस चाय की एक और खास बात ये है कि ये एक अलग तरह के बर्तन गैवां में पीस कर बनती है।

कश्मीरी कहवा एक पारम्परिक कश्मीरी चाय है, जो वहां के लोगों को सर्द मौसम से बचाती है। इसमें सूखे मेवे और मसालों का भी इस्तेमाल होता है। कहवा चाय आपके मन को तरोताजा कर देगी। इसमें पड़ी दालचीनी की खुशबू जहां दिल को खुश करती है वहीं सूखे मेवे और मसाले आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। सर्दियों में ये चाय स्वाद के साथ-साथ काफी फायदेमंद भी है। इस बार कश्मीर घूमने जाइए तो इस मजेदार चाय की चुस्कियां लेना न भूलिएगा। इसका गजब का स्वाद आपको इसका दीवाना बना देगा। 

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कहवा टी

कश्मीरी कहवा एक पारम्परिक कश्मीरी चाय है, जो वहां के लोगों को सर्द मौसम से बचाती है। इसमें सूखे मेवे और मसालों का भी इस्तेमाल होता है। कहवा चाय आपके मन को तरोताजा कर देगी। इसमें पड़ी दालचीनी की खुशबू जहां दिल को खुश करती है वहीं सूखे मेवे और मसाले आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। सर्दियों में ये चाय स्वाद के साथ-साथ काफी फायदेमंद भी है। इस बार कश्मीर घूमने जाइए तो इस मजेदार चाय की चुस्कियां लेना न भूलिएगा। इसका गजब का स्वाद आपको इसका दीवाना बना देगा। 

नून टी

नून चाय भारत के उत्तरी क्षेत्रों में खासतौर से जम्मू और कश्मीर में ज्यादा पी जाती है। इसके अलावा राजस्थान और नेपाल की भी कई जगहों पर आपको ये चाय मिल जाएगी। नून या गुलाबी चाय कश्मीर घाटी में पैदा होने वाली विशेष पत्तियों 'फूल' से बनाई जाती है। इसे बनाने के लिए चाय की इन 'फूल' पत्तियों को अच्छे से उबाला जाता है।  इस चाय की एक और खासियत है कि इसमें शक्कर के साथ हल्का नमक भी डाला जाता है और दूध डालने पर इसका रंग गाढ़ा होने की बजाय हल्का गुलाबी हो जाता है। सुनने में भले थोड़ा अजीब लगे लेकिन स्वाद में ये लाजवाब है तो एक बार नून टी ट्राई जरूर कीजिएगा।

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