मसिनागुदी : हर तरह के टूरिस्ट्स को भाएगी यह जगह

अनुषा मिश्रा 29-07-2023 03:44 PM My India

आप एडवेंचर लवर हैं? वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हैं? आपको हरियाली पसंद है? ऊंचाई से गिरते हुए झरनों का पानी देखना पसंद है? या नदियां पसंद हैं? कोई नई जगह घूमने की तलाश में रहते हैं? अगर आपको इनमें से कुछ भी पसंद है, या सबकुछ पसंद है तो मसिनागुदी आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में बसा मसिनागुदी हर तरह के टूरिस्ट्स को पसंद आने वाली जगह है। इस जगह की एक खास बात ये भी है कि गर्मी हो या सर्दी, बारिश हो वसंत, यहां आप पूरे साल के किसी भी सीजन में जा सकते हैं। 

मुदुमलाई नेशनल पार्क के पांच रीजंस में से एक मसिनागुदी यहां के फेमस हिल स्टेशन ऊटी से सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां का हरियाली से भरा हुआ जंगल, फूलों, पौधों और जानवरों की अनगिनत प्रजातियां, ऊंचे झरने, गहरी नदियां इस जगह को पिक्चर परफेक्ट डेस्टिशन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं। अगर आपको वाइल्ड लाइफ सफारी का मजा लेना है या कैम्पिंग करनी है तो भी ये जगह आपको खुश कर देगी। यहां की मुदुमलाई वाइल्डलाइफ सेंचुरी, बांदीपुर नेशनल पार्क और तेपकड्डु एलिफेंट कैंप इसे एक बेहतरीन वाइल्डलाइफ हॉटस्पॉट बनाते हैं। यहां की मोयार नदी, पायकरा झील देखकर आपको ऐसा लगेगा जैसी कुदरत ने इस जगह अपनी सारी नेमतें न्योछावर कर दी हों। अगर आपका यहां जाने का प्लान बनता है तो हमारी ये स्टोरी आपके काम आ सकती हैं। हम आपको बता रहे हैं मसिनागुदी की 6 ऐसी जगहों के बारे में जहां की यात्रा आपके लिए यादगार हो सकती है।

मसिनागुदी जीप सफारी

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 नीलगिरी की पहाड़ियों में बसे मसिनागुदी की जीप सफारी में आप 2 घंटे तक जंगल में घूमने का मजा ले सकते हैं। यहां हर दिन सुबह और देर शाम को जीप सफारी चलती हैं, जो आपको 2 घंटे तक पूरा जंगल घुमाती है। यहां आप पेड़, पौधे, हरियाली, जानवर सब देख सकते हैं। सुबह की जीप सफारी का समय 6.00 और 7.00 बजे होता है और शाम को 5.00 या 7.00 बजे। आप यहां हाथियों को यूं ही घूमते हुए देख सकते हैं, इसके अलावा चीतल और जंगली सुअर भी यहां आपको दिखेंगे। 

मरवकंदी डैम

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अगर आप वाइल्डलाइफ की कुछ कमाल की फोटोज लेने के लिए मसिनागुदी जा रहे हैं तो इस डैम पर आपको वो मिल जाएगा जो आपको चाहिए। 1951 में बना ये डैम चारो तरफ हरियाली से घिरा हुआ है। यहां की सुबह बेहद खूबसूरत होती है। मारवकंदी मोयार हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर हाउस का मुख्य पानी का स्रोत है और यहां आने वाले टूरिस्ट्स के लिए सबसे खास जगह भी। यहां एक एनिमल वॉचिंग टावर है, जिसपर चढ़कर आप पक्षियों और जानवरों की खूबसूरत तस्वीरें ले सकते हैं। ज्यादातर जानवर इस डैम के पास अपनी प्यास बुझाने आते हैं, इसलिए अगर आप सुबह के वक्त यहां घूमने जाते हैं तो इस बात के काफी चांसेज हैं कि आपको बाघ, हाथी और दूसरे जानवर दिख जाएं। 

मुदुमलाई वाइल्डलाइफ सेंचुरी

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 वाइल्डलाइफ लवर्स के लिए ये नेशनल पार्क सही मायनों में किसी ट्रीट से कम नहीं है। यहां कई जानवरों और पक्षियों की संरक्षित प्रजातियां हैं, यह एक टाइगर रिजर्व भी है। आप यहां बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ और भारतीय हाथियों को यहां-वहां घूमते हुए देख सकते हैं। इस जगह की खास बात ये भी है कि यहां तीन तरह के जंगल हैं - उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती (tropical moist deciduous), उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती (tropical dry deciduous) और दक्षिणी उष्णकटिबंधीय शुष्क कंटीले जंगल ( southern tropical dry thorn forest)। इस जगह को घूमने के लिए सबसे सही वक्त दिसंबर से जून के बीच का होता है। आप यहां अंदर तक घूमने के लिए सफारी भी बुक कर सकते हैं। अगर आप वन सफारी में घूमना चाहते हैं तो इसका समय सुबह 6.30 से 9.00 बजे तक और शाम को 3.30 से 6.00 बजे तक होता है। अगर आपको एलिफेंट सफारी बुक करनी है तो इस समय सुबह 7.00 बजे से 8.30 बजे तक और शाम को 3.30 से 5.00 बजे तक होता है। इस पार्क के अंदर जाने के लिए आपको टिकट भी लेना होगा, जिसकी फीस 15 रुपये है।

यहां के जंगल में गुजारिए रात

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 नीलगिरी की पहाड़ियों की गोद में, मसिनागुदी साउथ इंडिया का सबसे खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट है। यहां टाइगर रिजर्व, बांदीपुर और मुदुमलाई के बीच में एक छोटा सा गांव है, जो किसी के लिए भी एक सपनों के गांव जैसा हो सकता है। वाइल्डलाइफ, बायो डायवर्सिटी और कुदरती खजाने के साथ वीकेंड बिताने के लिए यह बेहतरीन जगह है। मसिनागुदी जंगल स्टे आपको प्रकृति के घर में रुकने का एक ऐसा एक्सपीरियंस देगा जो शायद आप कभी न भूल पाएं। यहां का जंगल रिजॉर्ट मसिनागुदी यात्रियों को यहां ठहरने की सुविधा देता है। यहां इतना कुछ है करने को कि आप एक मिनट के लिए भी बोर नहीं होंगे। 

मोयार नदी

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 मसिनागुदी ने 7 किलोमीटर दूर बहने वाली यह नदी बांदीपुर और मुदुमलाई वाइल्डलाइफ सेंचुरी को एक-दूसरे से अलग करती है। मोयार नाम के एक छोटे से निकलने वाली यह नदी, भवानी नदी की सहायक नदी है। इस नदी के आस-पास कुदरत की ऐसी खूबसूरत छटा बिखरी है, जो आपको अपना दीवाना बना लेगी। बायोडायवर्सिटी का तो जैसे खजाना है यहां। यहां के नजारे इतने सुंदर हैं कि आप यहां की तस्वीरें लिए बिना रह ही नहीं पाएंगे। यह नदी कई जानवरों के लिए पानी का सबसे बड़ा स्रोत भी है, इसलिए आप यहां आने पर उन्हें भी देख सकते हैं। बस इसके लिए आपको यहां सुबह या शाम को आना होगा। इस नदी में आप मछली पकड़ सकते हैं, नाव की सैर कर सकते हैं। कुल मिलाकर कुछ खूबसूरत लम्हों को हमेशा के लिए कैद करने के लिए यह जगह एकदम मुफीद है। 

थेपकड्डू एलिफेंट कैंप

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मसिनागुदी उन बहुत कम जगहों में से एक है, जो आपको वाइल्डलाइफ को बहुत करीब से देखने और जानने का मौका देती हैं। थेपाकड्डू एलिफेंट कैंप उन जगहों में से एक है जो वाइल्डलाइफ लवर्स, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स, कुदरत से प्यार करने वालों और घुमक्कड़ी के शौकीन, हर तरह के लोगों के लिए अपने पास कुछ न कुछ छुपाए है। मुदुमलाई वाइल्डलाइफ सेंचुरी के पास बसे इस कैंप में बड़ी संख्या में हाथी हैं। यहां के हाथियों को ट्रेनिंग भी जाती है। 1972 में इस जगह को एलिफेंट कैंप बनाया गया था और तब से अब तक यह मसिनागुदी के टॉप टूरिस्ट अट्रैक्शंस में शामिल है। अगर आपने अपनी जिंदगी में जंगल में घूमते हाथी को कभी करीब से नहीं देखा तो यह मौका आपको यहां मिल सकता है। हां, यहां आकर आप एलिफेंट सफारी का मजा लेना मत भूलिएगा। यहां सुबह 7.00 से 8.00 बजे तक और शाम को 4.00 से 5.00 बजे के बीच में एलिफेंट सफारी का आनंद लिया जा सकता है। इसके लिए भारतीयों को 1,120 रुपये और विदेशियों को 11,600 रुपये का टिकट लेना होता है। 

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