अमेरिका में H-1B वीजा खत्म होगा? क्या कहता है सांसद का नया बिल?
अमेरिका की जॉर्जिया राज्य की सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने H-1B वीजा प्रोग्राम को पूरी तरह खत्म करने वाला एक बिल पेश किया है। उनका कहना है कि इस प्रोग्राम का दुरुपयोग हो रहा है और इससे अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां छिन रही हैं। बिल का मकसद विदेशी कामगारों के लिए स्थायी निवास का रास्ता बंद करना है। इसमें विदेशी डॉक्टरों और नर्सों के लिए सीमित छूट है, लेकिन वो भी धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। ग्रीन का मानना है कि अमेरिकी लोग दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली हैं और देश को पहले अमेरिकियों को मौका देना चाहिए।
H-1B वीजा क्या है?
H-1B वीजा अमेरिकी कंपनियों को स्पेशल स्किल वाले विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देने की परमिशन देता है। इसमें टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और इंजीनियरिंग जैसे एरिया शामिल हैं। यह वीजा न केवल काम करने का मौका देता है, बल्कि एम्प्लॉयर के जरिए ग्रीन कार्ड के जरिये अमेरिका में स्थायी रूप से बसने का रास्ता भी खोलता है। लेकिन ग्रीन के मुताबिक, बिग टेक कंपनियां और अस्पताल इसका इस्तेमाल लागत कम करने और अमेरिकी कर्मचारियों को हटाने के लिए कर रहे हैं।
बिल में क्या-क्या प्रस्ताव हैं?
यह बिल H-1B प्रोग्राम को खत्म करने का प्लान है। अब वीजा खत्म होने पर विदेशी कामगारों को वापस अपने देश लौटना होगा, उनके पास नागरिकता का कोई रास्ता नहीं बचेगा। डॉक्टरों और नर्सों के लिए सालाना सिर्फ 10,000 वीजा की सीमा होगी, जो 10 साल में पूरी तरह बंद हो जाएगी। इससे अमेरिका में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए अपने देश के मेडिकल छात्रों को मौका मिलेगा। साथ ही, मेडिकेयर से फंडेड रेजिडेंसी प्रोग्राम में विदेशी छात्रों को जगह नहीं मिलेगी। ग्रीन कहती हैं कि यह बिल अमेरिकियों को टेक, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में प्राथमिकता देगा।
सांसद के बयान
ग्रीन ने कहा, “मैं अमेरिकियों को पहले रखूंगी। यह प्रोग्राम गलत है और अमेरिकियों को बदल रहा है। अमेरिकी सबसे प्रतिभाशाली हैं, हमें उनमें निवेश करना चाहिए।” उन्होंने आगे जोड़ा कि वीजा टेम्पररी मदद के लिए हैं, लेकिन हमेशा के लिए रहने की परमिशन नहीं देनी चाहिए। एक दूसरे बयान में उन्होंने कहा कि यह अमेरिका पहले की नीति है और विदेशियों को पहले रखना गलत है। मेडिकल क्षेत्र के लिए छूट देते हुए उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी डॉक्टरों को ट्रेनिंग का मौका मिलेगा।
भारतीय पेशेवरों पर असर
H-1B वीजा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल भारतीय आईटी पेशेवर करते हैं। अगर यह बिल पास होता है, तो हजारों भारतीयों का अमेरिका में काम करने और बसने का सपना टूट सकता है। वीजा खत्म होने पर उन्हें वापस लौटना पड़ेगा। पिछले साल अमेरिका में 9,000 से ज्यादा मेडिकल ग्रेजुएट्स को रेजिडेंसी नहीं मिली, जबकि 5,000 विदेशी डॉक्टरों को जगह मिली। यह बिल अमेरिका में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को दूर करने के साथ-साथ विदेशी निर्भरता कम करेगा।
आगे क्या होगा?
यह बिल अभी प्रस्तावित है और पास होने की गारंटी नहीं है। लेकिन अगर लागू होता है, तो अमेरिकी जॉब मार्केट में बदलाव आएगा। भारतीय यात्रियों और कामगारों को अब दूसरे ऑप्शन जैसे कनाडा या यूरोप पर नजर रखनी चाहिए।
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