विदेश नहीं गए तो क्या हुआ, ये जगहें कर देंगी कमी पूरी
लवासा, पुणे
महाराष्ट्र के पुणे से करीब 60 किमी दूर लवासा एक बेहद खूबसूरत शहर है, जो कई मायनों में इटली के पोर्टोफिनो से मिलता-जुलता है। यहां तक की इस शहर की कई सड़कों और बिल्डिंग के नाम पोर्टोफिनो शहर की सड़कों पर हैं। शहर की झीलों का साफ चमकता पानी और यहां का हसीं मौसम आपका मन मोह लेगा। ऊंचाई पर होने के कारण यहां का मौसम बेहद सुहावना होता है और आप जब भी जाएंगे आपको लवासा से यकीनन प्यार हो जाएगा। इस शहर को पहली नजर में देखकर आपको यही लगेगा कि आप इटली में हैं। चारों तरफ मौजूद हरियाली और खूबसूरती के बीच बना टेमघर डैम और वरसगांव लेक इस शहर की खूबसूरती में जैसे चार चांद लगा देते हैं। नेचर लवर्स के साथ ही साथ एडवेंचर पसंद करने वाले लोगों के लिए भी यहां करने को बहुत कुछ है। ट्रैकिंग, माउंटेनियरिंग, कैंपिंग और लेक में वॉटर स्पोर्ट्स इन सभी का मजा आप यहां आकर उठा सकते हैं। इन सबके अलावा यहां रैपेलिंग, राफ्ट बिल्डिंग, योगा, आयुर्वेदिक सेंटर्स में स्पा और मसाज का भी आनंद उठा सकेंगे। अगर आप फैमिली के साथ गए हैं तो बड़ों के साथ यहां बच्चों के लिए भी बहुत कुछ देखने के लिए है, जैसे यहां का इमैजिका थीम पार्क कमाल का है। यहां पर हर उम्र के लिए अलग-अलग राइड्स, रिजॉर्ट व रेस्टोरेंट मौजूद हैं। वैसे तो यहां का सीजन हमेशा ही अच्छा होता है लेकिन विंटर्स घूमने के लिए बेस्ट है क्योंकि जब यहां ठंडी हवाएं चलती हैं तो आस-पास की खूबसूरती को निहारने का मजा कुछ बढ़ सा जाता है।
पुडुचेरी
पुडुचेरी एक केंद्रशासित प्रदेश है जो बेहद सुंदर है। इस शहर में आपको फ्रांस की झलक दिखेगी। यहां की कॉलोनियां फ्रेंच कॉलोनियों की तर्ज पर ही बनाई गई हैं। यहां पहुंचकर आपको बेहद सुकून मिलेगा, पैरों के नीचे गीली रेत और बीच पर सनसेट का नजारा आपकी सारी टेंशन को खत्म कर देगा। पुडुचेरी को पहले पांडिचेरी कहा जाता था। कहा जाता है जब भारत में ब्रिटिश सेना थी तो केवल पांडिचेरी में ही छोटा सा फ्रांस बचा रह गया था और आज भी इस शहर में फ्रेंच खुशबू को लोग महसूस कर सकते हैं। यही कारण है कि देश-विदेश से पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं। खूबसूरत और सिस्टमेटिक तरीके से बसे पुडुचेरी को कभी फ्रांस की कॉलोनी भी कहा जाता था और यही वजह है कि आपको यहां जगह-जगह अलग-अलग तरह की ऐतिहासिक और धार्मिक चीज़ें देखने को मिलेंगी। चाहे वो खाने-पीने की चीज हो या पहनने-ओढ़ने की, सभी में मॉर्डनिटी की झलक दिखाई देती है। एन्जॉयमेंट के साथ मेडिटेशन के लिए भी पुडुचेरी बेस्ट है। यहां पर लगभग 32 खूबसूरत चर्च हैं, जिसमें कुछ तो काफी फेसम और सुंदर हैं। इन चर्च को गोथिक शैली में डिजाइन किया गया है और यहां अभी भी कांच की खिड़कियां बनाई जाती हैं, जो यीशू के टाइम की याद दिलाती हैं। प्रोमेनेड बीच यहां का सबसे आकर्षक बीच है, जहां शाम होते ही ट्रैफिक व भीड़-भाड़ बंद हो जाती है जिससे यहां घूमने वालों को शांति मिल सके। पुडुचेरी में आपको बैकवॉटर का मजा लेने का मौका भी मिलेगा। यहां के बीचेज में आपको नीला पानी और किनारों पर नारियल के ऊंचे-ऊंचे पेड़ देखने को मिलेंगे जो पुडुचेरी की पहचान हैं।
गोवा
दूर तल फैले समंदर के किनारे रेत पर बैठकर जहां तक नजर घुमाइए सिर्फ लहरों का शोर और नारियल के ऊंचे-ऊंचे पेड़ देखने को मिलेंगे, कुछ ऐसा है गोवा। कहीं न कहीं इस राज्य का आर्किटेक्चर यूरोप से मिलता जुलता है। वैसे भी गोवा को पुर्तगालियों ने ही बसाया था और वह यहां लगभग 450 साल तक रहे, इसलिए यहां उनका असर भी साफ दिखता है। सुंदर ड्राइव वेज़, पुराने पुर्तगाली आलीशान बंगले और चर्च की इमारत में की गई बारीक कारीगरी पुर्तगाली संस्कृति की झलक दिखाती है। सेंट कहेटॉन चर्च, और सेंट ऑगस्टीन के चर्च का खण्डहर उनके समय को दोहराता है। पूरी दुनिया में गोवा अपने सी-फूड, बीचेज, नाइट पार्टी लाइफ, वॉटर स्पोर्टस के लिए जाना जाता है और यही कारण है कि ये जगह युवाओं की फेवरेट है। इसके अलावा ये इंडिया के बेस्ट हनीमून स्पॉट्स की लिस्ट में भी शामिल है। अक्सर आपको यहां के बीचेज पर एक-दूसरे का हाथ थामे कपल्स दिख जाएंगे। खुशनुमा मौसम, काजू की फेनी और शानदार एक से बढ़कर एक कैसिनो गोवा को और भी खास बना देते हैं। इसलिए देसी ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी गोवा अक्सर भा ही जाता है। यहां छोटे-बड़े मिलाकर कुल 40 बीचेज हैं जिनमें अंजुना, पलोलेम, कैलेंगुट, बागा , मीरामार, बागाटोर और सिंकेरियन खास बीच हैं जहां शाम को पर्यटकों का जमावाड़ा लगा रहता है। तो फिर यूरोप न सही गोवा की ही सैर कर ली जाए, यहां की संस्कृति को करीब से देखा जाए और समझा जाए। शाम को यहां के बीचेज पर सबकुछ भुलाकर झूमकर नाचिए और यहां के टेस्टी फूड को एन्जॉय कीजिए।
दमन एंड दीव
गुजरात के पास अरब सागर में बसा दमन एंड दीव एक केन्द्र शासित प्रदेश है जो पहले पुर्तगालियों के कब्जे में था। पहले ये गोवा की राजधानी हुआ करती थी, लेकिन बाद में इसे अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल गया। यहां का मौसम साल भर ही सुहावना होता है, इसलिए कभी भी यहां की ट्रिप प्लान कर सकते हैं। पूरे प्रदेश में पुर्तगालियों की संस्कृति की झलक देखने को मिल जाएगी। इसके उत्तर में 'कोलाक' और दक्षिण में 'कलाई' नदी है। यहीं एक खूबसूरत बीच जंपोर है जो स्विमर्स का पसंदीदा स्पॉट है। यहां से सनसेट का नजारा बेहद खूबसूरत दिखता है। इसके अलावा दमन का बेसीलिका ऑफ बोम जीसस 450 साल पुराना चर्च है जो आज भी पुर्तगालियों की शानदार कला को प्रदर्शित करता है। इसकी शिल्पकला को देखकर आज भी कोई ये अंदाजा नहीं लगा सकता है कि ये चर्च कितना पुराना है। चर्च के दरवाजे में भव्यता दिखाई देती है, लकड़ी पर बड़ी खूबसूरत सी नक्काशी की गई है, लाल, नीले व गोल्डेन रंगो की डिजाइनें इस चर्च की खूबसूरती में जैसे चार चांद लगा देती हैं। दमन का देवका बीच भी काफी लोकप्रिय रहा है, जहां आप अवनी तन्हाई को जी सकते हैं, अजब सा सुकून है इस जगह में। नगोआ बीच पर आप जहां तक नजर घुमाएंगे आपको पाम के पेड़ों की एक लंबी कतार देखने को मिलेगी और ये इस तरह से लाइन में लगे हैं जैसे लगता है कि सब मिलकर बीच को निहार रहे हैं। कुल मिलाकर दमन व दीव पहुंचकर आपको ये मलाल नहीं रहेगा कि आपने विदेश नहीं देखा, क्योंकि उसकी झलक आपको यहां दिख जाएगी।
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