कसार देवी, माचू पिच्चू और स्टोनहेंज में है कुछ एक जैसा

न भूलें दर्शन करना

अगर आप अल्मोड़ा आते हैं तो कसार देवी मंदिर में दर्शन ज़रूर करें। यह मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर है, यहीं नीचे कसर नाम का एक गांव है। मंदिर सुंदर और हरे भरे जंगलों से घिरा हुआ है। अभिलेखों के अनुसार, यहां का पुराना मंदिर एक गुफा को काटकर बनाया गया था, और माना जाता है कि यह लगभग 2000 वर्षों से बना हुआ है। हालांकि यगण जो नया मंदिर है वह 1948 में बनाया गया था।
कसारदेवी, माचू-पिच्चू और स्टोनहेंज की खासियत
कसारदेवी मंदिर, अल्मोड़ा (भारत) - अल्मोड़ा से 10 किमी दूर अल्मोड़ा-बिंसर मार्ग पर बने कसारदेवी के आसपास पाषाण युग के अवशेष मिलते हैं। यहां लोगों को इतनी शांति मिलती है कि कई लोग तो यहां महीने भर रुक जाते हैं तो कुछ अपनी गर्मी की पूरी छुट्टियां यहीं बिताते हैं।
माचू-पिच्चू, पेरू (अमेरिका) - यहां इंका सभ्यता के अवशेष मिले हैं जो उस वक्त एक धार्मिक नगरी थी। 11वीं शताब्दी में यहां वेधशाला भी थी। यहां ऊपर पहाड़ी से नीचे देखने पर एक लम्बी लाइन दिखाई देती है, जबकि नीचे पहुंचने पर ऐसा कुछ नहीं पाया जाता है।
स्टोनहेंज स्मारक, विल्टशायर (इंग्लैंड) - वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूची में शामिल यह स्मारक दुनिया के सात अजूबों में शुमार है। यहां भी प्रागैतिहासिक काल के प्रमाण देखे जा सकते हैं।
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