मॉनसून में घूमने के लिए परफेक्ट हैं पायकारा फाल्स

अनुषा मिश्रा 14-07-2023 02:28 PM My India

पायकारा फॉल्स, तमिलनाडु के ऊटी में सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। ये झरना इतना सुंदर है कि यकीनन आपका दिल जीत लेगा। यह ऊटी के सबसे सुंदर और मनोरम झरनों में से एक है, जो पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को अपना दीवाना बना लेता है। पायकारा झरना पायकारा नदी से निकलता है जो चट्टानी ढलानों की एक श्रृंखला से गिरती है। पायकारा नदी और उसके आसपास की पहली झलक आपको कश्मीर की अनोखी घाटियों की याद दिलाएगी। यह झरना घने जंगलों से घिरी हरी-भरी घाटी के बीच है, जो इसके मनमोहक माहौल की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है।

बेमिसाल खूबसूरती

पायकारा झील से 2 किमी की दूरी पर और ऊटी बस स्टैंड से 23 किमी की दूरी पर, पायकारा फॉल्स तमिलनाडु के ऊटी में स्थित एक राजसी झरना है। ऊटी - मैसूर रोड पर स्थित, यह बैंगलोर के पास सबसे अच्छे झरनों में से एक है, और घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। पायकारा झरना पायकारा नदी से निकलकर पायकारा बांध के नीचे की ओर गिरता है। यह झरना चट्टानी तल पर कई परतों के ज़रिये 55 मीटर और 61 मीटर की ऊंचाई के साथ दो भागों में गिरता है जो धारा को अद्वितीय सुंदर बना देता है।

grasshopper yatra Image

 घने जंगल के बीच झरना देखने लायक है। यह हनीमून कपल्स और प्रकृति प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है। बरसात के मौसम में झरना पूरे शबाब पर होता है। अगर आप सुकून से भरी छुट्टी की तलाश में हैं, तो आपके लिए झरने और आसपास का माहौल , झरने के पानी से बनने वाली धुंध, इसकी कलकल करती आवाज़ आपके लिए एकदम परफेक्ट साबित होगी। झरने के आसपास के दृश्य को खूबसूरती से बनाए रखा गया है ताकि टूरिस्ट्स को सबसे सुंदर नज़ारा और अनुभव मिल सके। टोडास (स्थानीय जनजाति) के लिए पायकारा नदी सांस्कृतिक महत्व रखती है। नदी को पवित्र माना जाता है और यह पीढ़ियों से उनके जीवन और सांस्कृतिक प्रथाओं का एक अभिन्न अंग रही है। स्थानीय लोग धार्मिक अनुष्ठान करने, प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने के लिए नदी पर जाते हैं, लेकिन नदी को प्राचीन बनाए रखने का भी ध्यान रखते हैं।

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 पायकारा नदी का सांस्कृतिक महत्व स्थानीय लोककथाओं और परंपराओं से भी पता चलता है। नदी और उसका परिवेश स्थानीय समुदायों के बीच कला, संगीत और कहानी कहने के लिए प्रेरणा का विषय रहा है। पायकारा नदी का शांत और प्राचीन परिवेश केवल सुंदर झरने के बारे में नहीं है। यह शोला वनों, टोडा गांवों, सुंदर घास के मैदानों और वन्य जीवन का भी समर्थन करता है। झील के किनारे गर्मियों की धूप सेंकना या झील में नौकायन करना वहां आने वाले लोगों का पसंदीदा शगल है।

इन बातों का रखें ध्यान 

यहां गर्मियों के दौरान भी अपने साथ कुछ गर्म कपड़े ले जाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यहां शाम के समय काफी ठंड हो सकती है। मानसून के दौरान झील और झरनों से दूर रहना बेहतर होता है। खासकर मानसून के दौरान झरने बहुत तेज़ी से बह सकते हैं क्योंकि पानी का स्तर बिना किसी पूर्व चेतावनी के अचानक बढ़ सकता है और अनजाने में आपको नुकसान पहुंचा सकता है। 

कब जाएं? 

झरनों को देखने का सबसे अच्छा समय जुलाई है। पार्किंग स्थल से अच्छे रास्ते पर थोड़ी सी पैदल चलकर (5-10 मिनट) चलकर झरने तक पहुंचा जा सकता है।

समय: सुबह 8।30 बजे से शाम 5।30 बजे तक 

एंट्रीफी : 5 रुपये

कैसे पहुंचें? 

हवाईजहाज से निकटतम हवाई अड्डा कोयंबटूर है। ट्रेन से ऊटी मेट्टुपालयम से मीटर गेज ट्रेन द्वारा जुड़ा हुआ है। निकटतम ब्रॉड गेज स्टेशन मेट्टुपालयम है। प्रमुख रेलवे जंक्शन कोयंबटूर है। यहाँ से बीएस या टैक्सी से ऊटी आया जा सकता है। पैकरा फाल्स ऊटी बस स्टैंड से 20 किमी दूर हैं, जहां आप ऑटो या टैक्सी बुक करके पहुंच सकते हैं। 


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