ऐसी लोकेशन्स जहां का ड्रोन शूट होगा बेहद खूबसूरत

अनुषा मिश्रा 07-06-2023 06:09 PM My India
ट्रैवेल और फोटोग्राफी का रिश्ता तो बहुत पुराना है। तस्वीरें ही हमारी यात्रा की खूबसूरत यादों को सहेज कर रखती हैं और कभी गाहे-बगाहे मोबाइल फोन में कुछ स्क्रॉल करते हुए हमारी नज़र उन पर पड़ जाती है तो वो सारे सुंदर से पल हमारी आंखों के सामने तैरने लगते हैं। हम में से कुछ लोग ऐसे भी होंगे जिन्होंने अपनी इन यादों का एक पुराने ज़माने वाला एल्बम बना रखा होगा और उसके पन्नों को पलट कर ही उन पलों को जी लेते हैं। कैमरे और मोबाइल से होता हुआ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का सफर अब ड्रोन तक पहुंच चुका है। ट्रैवेल की दुनिया में भी ड्रोन ने अपनी धाक जमा ली है। तो चलिए हम आपको ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में बताते हैं जहां आप बेहतरीन ड्रोन शॉट्स ले सकते हैं।

मुन्नार

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मुन्नार दक्षिण भारत की वह जगह है जहां सबसे ज्यादा चाय पैदा होती है। पहाड़ों के घुमावदार रास्तों के किनारे दूर तक फैले चाय के बागान यहां आए टूरिस्ट्स को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। वादियों के ऊपर मंडराते बादलों का नजारा अद्भुत होता है। आप जैसे - जैसे पहाड़ पर ऊपर बढ़ते जाते हैं बादल आपके नजदीक आते जाते हैं। कई जगह आप इन्हें छू भी सकते हैं। इन वादियों में जब सूरज की रोशनी पड़ती है तो लगता है जैसे आप अपने ही स्वर्ग में हों। यहां की वादियां हों या झरने दोनों ही जगह ड्रोन शूट के लिए बेहतरीन रहेंगी।

घूमने के लिए मुफीद समय - नवंबर से मार्च का समय यहां घूमने के लिए बेस्ट है।

टिप्स - मुन्नार आए हैं तो मट्टुपेट्टी डैम जरूर जाएं। एराविकुलम नेशनल पार्क जाना भी बनता है। एक दिन अनामुदी वॉटर फॉल के नजदीक गुजारें। टी गार्डन्स तो हैं ही खास।

कैसे पहुंचें - मुन्नार से नजदीकी एयरपोर्ट कोचीन है जो यहां से 110 किलोमीटर दूर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन भी 110 किलोमीटर की दूरी पर अलुवा है। तमिलनाडु और केरल के कई शहरों से यहां राज्य परिवहन की बसें भी चलती हैं। आप अपनी टैक्सी से भी मुन्नार जा सकते हैं।

जयपुर

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शाही राजस्थान का दिल जयपुर ट्रैवलर्स के लिए जन्नत की तरह है। हालांकि यहां पूरे साल टूरिस्ट्स की भीड़ रहती है और ये तेजी से एक मेट्रो सिटी के रूप में भी डेवलप हो रहा है, इसकी खूबसूरती में कोई कमी नहीं आई है। आमेर फोर्ट, नाहरगढ़ फोर्ट, जयगढ़ फोर्ट, जंतर-मंतर जैसी कई जगहें हैं जहां ड्रोन शूट कर सकते हैं। यहां के बाजार भी इतने खूबसूरत और रंगीन हैं कि आप उनके शॉट लेने से भी खुद को नहीं रोक पाएंगे। 

घूमने के लिए मुफीद समय - नवंबर से फरवरी के बीच का समय जयपुर घूमने के लिए भी बेस्ट है।

टिप्स - यहां के एमजी रोड पर आपको राजस्थानी खाने के कई ऑप्शंस मिल जाएंगे। बापू बाजार और जौहरी बाजार शॉपिंग के लिए बेस्ट हैं। हवा महल के सामने एक रूफ टॉप रेस्त्रां हैं जहां से हवा महल की सबसे शानदार फोटोज आती हैं तो यहां भी जरूर जाएं। 

कैसे पहुंचें - जयपुर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। रेलवे जंक्शन भी है तो दोनों के ही जरिए आप यहां पहुंच सकते हैं। एनएच - 48, एनएच - 11, एनएच - 12 जैसे मेजर हाइवेज जयपुर से जुड़े हैं। उत्तर भारत के ज्यादातर शहरों से यहां के लिए बस और टैक्सी मिल जाती हैं।

कान्हा नेशनल पार्क

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कान्हा नेशनल पार्क मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। यहां तेंदुए, स्लोथ बियर, बारासिंहा, गौड़ जैसी जानवरों की कई  प्रजातियां हैं और 300 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी हैं और हां, बाघ तो हैं ही। वाइल्ड लाइफ के शौकीनों के लिए यह जगह बेस्ट है लेकिन अगर आपको सिर्फ ड्रोन शूट है तो भी आपके लिए यहां बहुत कुछ है। आप इसके किसी भी हिस्से में जाकर शूट करें रिजल्ट शानदार ही मिलेगा। हालांकि, इसके लिए पहले आपको यहां की ऑथोरिटीज़ से परमिशन लेनी होगी। 

घूमने के लिए मुफीद समय - कान्हा नेशनल पार्क 15 अक्टूबर खुलता है और 30 जून के बाद बंद हो जाता है।

टिप्स -  यहां टाइगर सफारी का मजा जरूर लें। बामनी दादर में ढलता हुआ सूरज देखें। कान्हा म्यूजियम और अमरकंटक भी घूमें।

कैसे पहुंचें - यहां से 266 किलोमीटर दूर नागपुर में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट नजदीकी हवाई अड्डा है। जबलपुर रेलवे स्टेशन जो कि यहां से 169 किलोमीटर दूर है, नजदीकी रेलवे स्टेशन है। जबलपुर, नागपुर और रायपुर से यहां के लिए डायरेक्ट बस भी आसानी से मिल जाती हैं।

कच्छ का रण

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रण का कच्छ का एरिया 10,000 स्क्वॉयर किलोमीटर में फैला है और सदी में यह दुनिया का सबसे बड़ा रेत का रेगिस्तान बन जाता है। पूर्णिमा की रात में जब चांद की रोशनी इस नमक के रेगिस्तान पर पड़ती है तो ये जगह एकदम जन्नत जैसी नजर आती है। यहां आपको कई जनजातियों के लोग भी मिल जाएंगे, जिनकी वेश-भूषा और घर बेहद सुंदर होते हैं। 

घूमने के लिए मुफीद समय - नवंबर से फरवरी के बीच आप कच्छ के रण में घूम सकते हैं।

टिप्स - नवंबर से फरवरी के बीच चलने वाले रण उत्सव का हिस्सा बनें। यहां का गधों का अभ्यारण्य भी बहुत खास है तो वहां भी जरूर जाएं। मांडवी के बीच पर कुछ समय बिताएं और धोलाविरा की आर्कियोलॉजी देखें। आप यहां कैम्पिंग भी कर सकते हैं। यहां खुले आसमान के नीचे लेटकर रात में तारे देखने का अनुभव बेहतरीन साबित होगा।

कैसे पहुंचें - यहां का नजदीकी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन 76 किलोमीटर दूर भुज में है। मुंबई, अहमदाबाद, चेन्ने और रायपुर जैसे शहरों से यहां के लिए रोज डायरेक्ट फ्लाइट हैं। रेलवे स्टेशन भी ज्यादातर शहरों से सीधा जुड़ा है। आप गुजरात स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों से भी यहां सीधे पहुंच सकते हैं। 

नुब्रा घाटी

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नुब्रा घाटी लद्दाख में एक ऐसी जगह है जो अपनी अनूठी सुंदरता के साथ टूरिस्ट्स को आकर्षित करती है। नुब्रा घाटी एक ठंडा रेगिस्तान है। इस घाटी की विशेषता ऊंचे पहाड़, रेत के टीले और साफ नीला आसमान है। अब गर्मियां आ गयी हैं तो आपको यहां का एक ट्रिप प्लान करना चाहिए। यहां ड्रोन शूट के लिए इतनी बेहतरीन जगहें हैं कि हर शॉट कमाल का आएगा।

घूमने के लिए मुफीद समय - अप्रैल से जून का समय नुब्रा घाटी में घूमने के लिए बेस्ट होता है।

टिप्स - नुब्रा घाटी काफी ऊंचाई पर है तो अगर आपको मोशन सिकनेस या कोई और दिक्कत है तो अपनी दवाई साथ ज़रूर लेकर जाएं। यहां गर्मियों में भी मौसम ठंडा रहता है तो अपनी पैकिंग उसी हिसाब से करें। 

कैसे पहुंचें- नुब्रा घाटी का नज़दीकी हवाई अड्डा लेह हवाई अड्डा है, जिसे कुशोक बकुला रिम्पोची हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है। यह लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन नुब्रा घाटी का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 840 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क के रास्ते नुब्रा घाटी तक पहुंचने के लिए, आपको पहले नेशनल हाईवे (NH 1) से लेह पहुंचना होगा, जो श्रीनगर को लेह से जोड़ता है। नुब्रा घाटी तक पहुंचने के लिए आप 3 रास्ते अपना सकते हैं। पहला है लेह-नुब्रा वैली वाया खारदुंग ला, दूसरा रूट है लेह से नुब्रा वैली वाया वारी ला और तीसरा रूट है लेह-नुब्रा वैली वाया अघम श्योक रोड।

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