बादलों के पीछे छिपा खूबसूरती का खजाना है शिलॉन्ग पीक
जब हम भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में घूमने की बात करते हैं तो शिलॉन्ग सबसे पहले दिमाग में आने वाली जगहों में से एक है। लेकिन इससे पहले कि आप शिलॉन्ग आएं, आपको शिलॉन्ग पठार के बारे में ज़रूर जानना चाहिए, वो शिलॉन्ग पठार जहां यह शहर बसा है।यह भारत के उत्तरपूर्व में सबसे प्रमुख पठारों में से एक है, जो लहरदार रास्तों, रोलिंग पहाड़ियों और ऊंचे बैकड्रॉप वाला है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, बेहतरीन जलवायु और प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है। मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग इस पठार पर बसी है, जहां से शहर की सुंदरता और इसके पठार की खूबसूरती देखी जा सकती है।
दिखता है हिमालय भी
आप ऊपरी शिलॉन्ग या जोवाई रोड के ज़रिये पूरे रास्ते शिलॉन्ग चोटी तक पहुंच सकते हैं। माना जाता है कि इसी चोटी से ही शिलॉन्ग को अपना नाम मिला है। अगर आप क्षेत्रीय कहानियों की मानें तो एक आदिवासी देवता 'लीशिलॉन्ग' पहाड़ियों में रहता है और सभी बुराइयों से शहर की रक्षा करता है। चोटी के शीर्ष पर स्थित यू शुलोंग बिंदु को पवित्र माना जाता है और हर साल बसंत के मौसम में यहां एक समारोह आयोजित किया जाता है। शिलॉन्ग पीक, शिलॉन्ग की सबसे ऊंची जगह है जहां से आसपास के सुंदर से नज़ारे देखे जा सकते हैं। शिलॉन्ग पीक शिलॉन्ग के केंद्र से लगभग 10 किमी दूर है। यह समुद्र तल से लगभग 6,447 फीट की ऊंचाई पर है। उस पीक से शिलॉन्ग शहर, यहां की लहरदार पहाड़ियां और आसपास की घाटियों की हरी-भरी हरियाली के शानदार नज़ारे साफ दिखते हैं। यह देश के सबसे ज़्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों में से एक है, इसलिए यहां ज़्यादातर तो बादल ही रहते हैं लेकिन जब मौसम साफ़ होता है तो आपको राजसी हिमालय पर्वत श्रृंखला की झलक भी देखने को मिल सकती है।
लेना पड़ता है एंट्री टिकट
आप एंट्री टिकट खरीद कर शिलॉन्ग पीक जा सकते हैं। दो व्यू पॉइंट हैं जहां से शिलॉन्ग का एक अद्भुत नज़ारा दिखता है। बेसमेंट में एक दुकान है जहां आप खासी पारंपरिक पोशाक और पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए मामूली कीमत पर तस्वीरें क्लिक करने के लिए ज्वेलरी किराए पर ले सकते हैं। ड्रेसेस को जरूर ट्राई करना चाहिए क्योंकि ये ड्रेसेस इसे पहनने वाले को एक कमाल का लुक देती हैं। शिलॉन्ग पीक में एक छोटा सा रास्ता है जहां आप घूम सकते हैं या बस बैठकर नज़ारे का आनंद ले सकते हैं। शिलांग व्यू पॉइंट शहर के ऊपर बादलों का एक अद्भुत दृश्य प्रदान करता है। चाय और स्नैक्स के लिए कुछ छोटी दुकाने हैं। ऊपर जाने के रास्ते में नज़ारे मंत्रमुग्ध कर देने वाले हैं लेकिन शिलॉन्ग चोटी के शिखर पर सबसे अद्भुत दृश्य हैं।
देखने लायक है लैटकोर
शिलॉन्ग पीक लैटकोर क्षेत्र में पड़ती है, जो भारतीय वायु सेना के पूर्वी वायु कमान के लिए एक महत्वपूर्ण आधार है। अगर आप उन लोगों में से हैं जो छावनी के माहौल को पसंद करते हैं, तो आप इस जगह को भी पसंद करेंगे। यह शिलॉन्ग के पास में ही है और आसानी से ड्राइव करके यहां पहुंचा जा सकता है। जैसे-जैसे आप ऊंचाई पर पहुंचेंगे तो आपको तापमान में परिवर्तन दिखेगा। यहां का मौसम बेहद ठंडा रहता है और यहां पर्यटकों की ज़्यादा भीड़ भी नहीं रहती। यहां आएं तो अपने लिए कुछ वक़्त निकाल कर आएं और शहर और आसपास की पहाड़ी श्रृंखलाओं के शानदार नज़ारे का मज़ा लें।
एलिफेंट फॉल्स ज़रूर देखें
एक बार जब यहां की खूबसूरती का जमकर मज़ा ले चुके हों तो पास के एलिफेंट फॉल्स की ओर निकल जाएं जो व्यूपॉइंट से सिर्फ 15 मिनट की दूरी पर है। एलिफेंट फॉल्स इस क्षेत्र के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक है। जैसे ही आप जंगल के ज़रिये एक पक्के रस्ते पर चलाएंगे पर चलेंगे, आपको झरने की आवाज़ सुनाई देने लगेगी।
यहां नीचे की और सुंदर रोडोडेंड्रॉन वन है, इसमें घूमना मत भूलिएगा। शिलॉन्ग पीक की खूबसूरती बदलते मौसम के साथ बदलती रहती है। मानसून के मौसम के दौरान, क्षेत्र धुंध के घूंघट में ढंका रहता है और कभी कभी बादल छंटने पर बेहद खूबसूरत हो जाता है।
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