जूलरी से है प्यार? लॉकडाउन के बाद घूम लीजिएगा ये बाजार

टीम ग्रासहॉपर 04-06-2021 02:56 PM My India
जूलरी का नाम सुनते ही लोगों को लगता है कि अरे, इसका तो लेना-देना सिर्फ लड़कियों से है। अव्वल तो ये कि आजकल लड़के भी फैशन जूलरी के दीवाने हो गए हैं और दूसरा ये कि अगर लड़कियों का जूलरी से लेना है तो ये भी मान लीजिए कि देना तो लड़काें का भी काम है। इसलिए जो भी घूमने के शौकीन हैं, ये स्टोरी उन सबके लिए है। हम जब भी कहीं घूमने जाते हैं तो वहां की कुछ मशहूर चीजों की शॉपिंग किए बिना नहीं रह पाते। तो हम आपको बता रहे हैं ऐसी ही जगहों के बारे में जो घूमने के लिए तो बेहतरीन हैं ही यहां की जूलरी भी कमाल की होती है।

जौहरी बाजार, जयपुर

रत्नों की असली चमक तो जयपुर के जौहरी बाजार में ही दिखती है। यह बाज़ार सभी तरह के पारंपरिक राजस्थानी गहने लेने का एक ऑप्शन हो सकता है। दुनिया भर से लोग जब यहां घूमने आते हैं तो ये मार्केट घूमना नहीं भूलते हैं।   यहां की ऑक्सीडाइज्ड जूलरी भी इतनी कमाल है कि आप एक लेने जाएंगे तो चार ले लेंगे। बड़ी दुकानों के बाहर फुटपाथ पर ये फैशन स्टेटमेंट बन चुकी जूलरी बहुत आसानी से कम दामों पर मिल जाती है। गहनों का बाज़ार होने के अलावा यह क्रॉफ्ट  के लिए भी फेमस है। इस बाजार में लकड़ी के शानदार नक्काशी किए हुए  सामान भी मिलते हैं। ज्वेलरी के मामले में भी ये शहर पीछे नहीं है, खूबसूरत राजस्थानी ज्वेलरी यहां की स्पेशलिटी है।  सोने का होलसेल बाजार होने के कारण यहां ज्वैलरी रिटेल बाजार की तुलना में आपको थोड़ी सस्ती भी मिल सकती है। वैसे ये बाजार कुंदन ज्वैलरी के लिए फेमस है तो अगर आपकी भी चाहत है कुंदन ज्वेलरी खरीदने की तो यहां का चक्कर जरूर लगाइए। 

मोतियों का बाजार, हैदराबाद

गले में मोतियों का हार किसे नहीं अच्छा लगता है। अगर आपका मन है असली और खूबसूरत मोतियों को देखने और खरीदने की तो हमारे पास आपके लिए एक बेस्ट जगह है। जी हां सिटी ऑफ पर्ल कहा जाने वाला हैदराबाद जो अपनी इस खासियत के लिए विदेशों में भी खासा लोकप्रिय है। वैसे तो हैदराबाद में मोती आपको गली की दुकानों से लेकर बड़े-बड़े मॉल व शोरूम में हर कहीं दिख जाएगा। लेकिन यहां की फेमस पर्ल मार्केट पुराने हैदराबाद के चारमीनार से शुरू होती है। वही चार मीनार जो हैदराबाद शहर का लैंडमार्क माना जाता है। इस चार मीनार के पीछे है मक्का मस्जिद और सामने है मोतियों का खूबसूरत सा बाजार। यहां आपको मोतियों की अलग-अलग किस्म के नेकलेस, हार, झुमके, ब्रेसलेट और दूसरे गहने मिलेंगे कि आप कन्फ्यूज हो 

जाएंगें कि कौन सा खरीदें और कौन न लें। थोड़ा सा मोल भाव करके आप यहां से अच्छे और सही रेट में मोतियों के खूबसूरत सेट खरीद सकते हैं, जो कहीं और आपको नहीं मिलेगा। हैवी लुक वाली ज्वेलरी से लेकर हल्के सेट सभी की तलाश आपकी यहां की बाजार में आकर खत्म हो जाएगी। मोती से जुड़ा कुछ भी ऐसा नहीं है जो यहां की बाजार में आपको गायब दिखेगा। यहां की बेगम बाजार, लाड बाजार,मदीना बाजार और सुल्तान बाजार ये सभी मोतियों की थोक बाजार हैं जहां आप घूमने जा सकते हैं। 

जवेरी मार्केट, मुंबई

त्योहार हो या शादी सोने के बिना काम नहीं चलता और सोने की जवेरी बाजार देश की मशहूर जूलरी मार्केट में एक है। ये मुंबई में है। यहां लाइन से आपको सैकड़ों होलसेल जूलरी की दुकानें सजी मिलेंगी। भारी भरकम सेट से लेकर यहां कीमती स्टोन, चांदी, सोने व प्लेटिनम हर तरह की ज्वेलरी मिलेगी। ट्रेडिशनल ज्वेलरी से लेकर, कुंदन के खूबसूरत जड़ाऊ सेट की वैरायिटी देखकर आप इसके कायल हो जाएंगे। कई नामी ज्वेलर्स ने अपने स्टोर इस बाजार में खोल रखे हैं। ये बाजार 10 बजे से लेकर शाम के 7:30 तक खुली रहती है और रविवार को बंद रहती है। यहां जूलरी के अलावा भी काफी कुछ है खरीदने और देखने को। लकड़ी और ब्रास के फोटो फ्रेम जो आपको कहीं और नहीं मिलेंगे, फर्नीचर, खिलौने, घर की सजावट के सामान भी आप यहां से खरीद सकते हैं। इस बाजार को जेवरात के मामले में पूरे देश में पहले नम्बर पर रखा गया है और मिडिल ईस्ट देशों में सबसे ज्यादा सोना यहीं से एक्सपोर्ट होता है। ये बाजार साउथ मुंबई के भुलेश्वर में है और यहां तक पहुंचने के लिए आपको आराम से टैक्सी, बस सब मिल जाएंगे। 

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सोनी बाजार, राजकोट


राजकोट की सोने की बाजार देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फेमस है। यहां पर बनाई जाने वाली जूलरी अमेरिका, हॉन्ग कॉन्ग, सिंगापुर और ब्रिटेन जैसे कई बड़े देशों व शहरों में बेची जाती है। राजकोट मीनाकारी वर्क के लिए भी जाना जाता है। यहां 3000 से ज्यादा शोरूम जूलरी के हैं। कई छोटे खुदरा विक्रेता हैं। यहां की मेन जूलरी मार्केट 6 किलोमीटर एक छोर से दूसरे छोर तक फैली है। पूरे देश में राजकोट के गहनों की भारी मांग है। यहां बने सोने के गहनों की खासियत ये है कि शुद्ध व खरे होते हैं। अगर यहां कोई दुकानदार आपको 22 कैरेट की अंगूठी बताकर बेंचता है तो वो उतनी ही शुद्ध  होगी उसमें कोई मिलावट नहीं होगी चाहे वह हॉलमार्क हो या न हो। राजकोट के सोने के गहनों के कारोबार के साथ-साथ चांदी के गहनों और बर्तनों का कारोबार और प्रोडेक्शन भी यहां जोरदार होता है। राजकोट में तैयार चांदी के गहनों की खासियत उनकी शुद्धता है। 


दरीबा कलां, दिल्ली

दरीबा कलां का मतलब है, अतुलनीय मोती की सड़क। दिल्ली के चांदनी चौक के शीशगंज गुरुद्वारे से ठीक पहले बाईं तरफ एक रास्ता जाता है, जो दरीबा कलां के नाम से जाना जाता है।  जेवरों का शौक रखने वाले यहां सोने-चांदी, डायमंड और मोतियों के जेवरों की खरीदारी कर सकते हैं। इस बाजार की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां की हर दुकान के जेवर के डिजाइन अलग-अलग होते हैं। अगर आप हल्के और सस्ते जेवर चाहते हैं तो यह बाजार आपके लिए बेस्ट है। यहां आपको कुंदन, मेटल और जयपुरी जूलरी सस्ते दामों में मिल जाएंगी। सुबह 11 बजे से रात के आठ बजे के बीच कभी भी आप यहां आकर खरीदारी कर सकते हैं। इस बाजार का इतिहास काफी पुराना है। मुगल बादशाह शाहजहां ने जब दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया तो चांदनी चौक बनवाया जिसे शाही बाजार के नाम से जाना जाता था। इसमें बादशाह और उनके परिवार के लोग खरीदारी करने जाते थे। यहीं पर एक बाजार बनाया गया जिसमें गहनों की दुकानें थीं, ये बाजार थी दरीबा कलां। इस बाजार में उस दौरान देश के बड़े सुनारों के अलावा अन्य देशों के जौहरी भी जेवरात बेचने के लिए आते थे। बेगमों को अगर उनके जेवरातों का डिजाइन पसंद नहीं आता था तो उनसे मनपसंद डिजाइन का आर्डर ले लिया जाता था और अगली बार उनकी पसंद का जेवर उन्हें मिल जाता था। आज भी यह बाजार अपने नाम की तरह ही खूबसूरत जेवरों से जगमगाता नजर आता है। 


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