इस बार कुछ खास होगा हार्नबिल फेस्टिवल, घूम सकते हैं नागालैंड की ये जगहें

अनुषा मिश्रा 21-10-2022 05:23 PM My India
नागालैंड के हॉर्नबिल फेस्टिवल के बारे में अपने ज़रूर सुना होगा। अगर आप इस बार इन फेस्टिवल को एन्जॉय करना चाहते हैं तो अभी से तैयारी कर लीजिए। 1 से 10 दिसंबर तक इस बार हॉर्नबिल फेस्टिवल किसामा के हेरिटेज विलेज में आयोजित किया जाएगा। पिछले दो साल से कोविड के चलते इस फेस्टिवल में रौनक कुछ कम थी लेकिन बार इसे काफी भव्य तरीके से मनाए जाने की तैयारियां हैं। 

नागालैंड के पर्यटन, कला व संस्कृति सलाहकार एच खेहोवी येप्थोमी ने बताया है कि यह उत्सव 1 से 10 दिसंबर तक किसामा के नागा विरासत गांव में आयोजित किया जाएगा, जो नागालैंड की राजधानी कोहिमा से लगभग 12 किमी दूर स्थित है।

हेरिटेज विलेज में मनाते हैं फेस्टिवल

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यह गांव नागा हेरिटेज विलेज के रूप में जाना जाता है। किसामा गांव का उद्देश्य नागा लोगों की संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण करना और उनको बढ़ावा देना हैं। किसामा गांव का नाम दो गांवो के नाम किग्वेमा और फेमसा से मिलकर बना हैं। इस गांव का विकास राज्य सरकार ने नागा गांव के प्रतीक के रूप में कराया है। यह गांव आदिवासी नागा लोगों के मूल्यों, नैतिकता और आजीविका को प्रदर्शित करता है। इस गांव में हर साल दिसंबर में हॉर्नबिल उत्सव का आयोजन किया जाता है। फेस्टिवल 17 जनजातियों द्वारा मिलकर मनाया जाता है। 


हॉर्नबिल फेस्टिवल सबसे पहले 2010 में मनाया गया था यानी इस बार इस उत्सव का 23वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है। येप्थोमी ने कहा कि इस साल का हॉर्नबिल महोत्सव नए जोश के साथ एक भव्य आयोजन होगा। यह त्योहार 2020 में महामारी के कारण तीन दिनों के लिए मनाया गया था, जबकि पिछले साल मोन जिले के ओटिंग में नागरिकों के मारे जाने के बाद त्योहार को बीच में ही बंद कर दिया गया था।


येप्थोमी ने आगे बताया कि उन्होंने आदिवासी होहो या संगठनों से किसामा में अपने मोरंग (झोपड़ियों) की मरम्मत शुरू करने, त्योहार की तैयारी शुरू करने और सभी से इसकी भव्य सफलता में योगदान करने के लिए कहा है। उन्होंने आगे कहा कि किसामा हेरिटेज विलेज को नागालैंड के नक्शे से मिलता-जुलता बनाया गया है, जिसमें आदिवासी मोरंगों को उनके भौगोलिक स्थानों के अनुसार आवंटित किया गया है।


नागालैंड में घूमने के लिए जगहें 

अगर आप हॉर्नबिल फेस्टिवल मनाने नागालैंड जाएं तो बस वहीं से वापस न आ जाइयेगा। यहां देखने के लिए और भी बहुत कुछ है जो आपकी यात्रा को यादगार बना देगा। यहां हम आपको नागालैंड की 5 ऐसी जगहें भी बता रहे हैं जहां आप इस ट्रिप के दौरान जा सकते हैं। 


कोहिमा

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यह नागालैंड की राजधानी है और राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। ट्रेकिंग और कैंपिंग पसंद करने वालों के लिए यह सबसे अच्छी जगहों में से एक है। टूरिस्ट्स को यह जगह इतनी पसंद आ रही है कि उनकी संख्या यहां साल दर साल बढ़ती जा रही है। नागालैंड की खास बात यह है कि इसने अपनी प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखा है और संस्कृति और परंपराओं को खूबसूरती से संरक्षित किया है। कोहिमा का ऐतिहासिक महत्व भी काफी है। 



दीमापुर

दीमापुर को नागालैण्ड का प्रवेश द्वार भी लह सकते हैं। इस राज्य का इकलौता हवाई अड्डा भी यहीं है। यह जगह 13वीं शताब्दी के कचारी खंडहरों के लिए मशहूर है जो कुदरती नज़ारों के साथ बेहद खूबसूरत दिखता है। दीमापुर एक ऐसा शहर है जो नागालैंड की बाकी जगहों की तुलना में काफी भीड़भाड़ वाला है। यह इतिहास और प्रकृति के मेल के साथ एक घुमने के लिए आदर्श जगह है। दीमापुर और उसके आसपास कई गांव हैं जहां आप शहर के जीवन की हलचल से दूर जाने के लिए जा सकते हैं।


मोकोकचुंग

इसे नागालैंड की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। यह अपनी पहाड़ियों, त्योहारों, खूबसूरत गांवों, नदियों आदि के लिए मशहूर है। मोकोकचुंग के करीब घूमने लायक कई अद्भुत जगहें हैं जो आपको भारत में कहीं और नहीं मिलेंगी। यहां आने के लिए दीमापुर से टैक्सी लेनी पड़ती है। रास्ते में आपको 7-8 घण्टे का समय लग सकता है। 


वोखा

वोखा कई जनजातियों का घर है, खासकर लोथा जनजाति। यहां अनानास, संतरा, आलूबुखारा जैसे कई फलों की खेती की जाती है। इन फलों की सबसे खास बात यह है कि इन्हें जैविक तरीकों से उगाया जाता है इसलिए ये लगभग हर तरह के कीटनाशक से मुक्त होते हैं। यहां के जंगल भी देखने लायक हैं। जब फूल खिलते हैं और नदियां अपने पूरे उफान से बहती हैं तो यहां की घाटियां बेहद सुंदर दिखती हैं। यह कोहिमा से 4 घंटे की ड्राइव पर है। यहां स्थानीय जनजातियों की पारंपरिक कला और शिल्प देखने लायक है।


खोनोमा ग्रीन विलेज

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यह कोहिमा से 20 किमी की दूरी पर है और नागालैंड ही नहीं पूरे भारत के सबसे अच्छे व सबसे खूबसूरत गांवों में से एक है। यह अंगामी जनजाति का घर है जो पहले शिकार करते थे लेकिन अब उन्होंने अपने जीवन यापन के लिए खेती करना शुरू कर दिया है। यहां के घरों को प्राकृतिक तरीकों से बनाया गया है। इससे पता चलता है कि अंगामी जनजाति प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को लेकर कितनी गंभीर है। अगर आप यहां आए तो ज़ुलेकी, रुज़ाफेमा और इंटांगकी वन्यजीव अभयारण्य की यात्रा भी कर सकते हैं। 

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