देश के सबसे छोटे टाइगर रिज़र्व के बारे में पता है आपको ?
आपने बड़े - बड़े टाइगर रिज़र्व के बारे में खूब सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का सबसे छोटा टाइगर रिज़र्व कौन सा है? महाराष्ट्र में वर्धा जिले के हिंगानी के पास स्थित बोर टाइगर रिजर्व भारत का सबसे छोटा टाइगर रिजर्व है। अगर आप सोच रहे हैं कि देश के सबसे छोटे बाघ अभयारण्य कैसा होगा तो रिपोर्ट के मुताबिक यहाँ लगभग 8 बाघ हैं। 2014 में, जब इसे पहली बार टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था, तब यहां केवल केवल चार बाघ थे!
बोर टाइगर रिजर्व अचानक ही टाइगर रिजर्व नहीं बन गया। 2014 से पहले, इसे बोर वन्यजीव अभयारण्य के रूप में जाना जाता था, जो विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों का घर था। रिज़र्व अब 121.10 किमी वर्ग के क्षेत्र को कवर करता है।
हैं कई तरह के जानवर
यह एक महत्वपूर्ण संरक्षण क्षेत्र है। बोर टाइगर रिजर्व अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है और विभिन्न वन्यजीव प्रजातियों, विशेषकर बंगाल बाघों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास के रूप में काम करता है। बाघों के अलावा, यह रिज़र्व तेंदुए, स्लॉथ भालू, सांभर हिरण, भारतीय बाइसन (गौर), चीतल, जंगली सूअर और कई अन्य स्तनधारियों का घर है।
अगर आप नागपुर जा रहे हैं, तो बोर टाइगर रिजर्व ज़रूर जाएं क्योंकि यह शहर से सिर्फ 78 किमी दूर स्थित है। टाइगर रिजर्व पेंच टाइगर रिजर्व (155 किमी) और ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (136 किमी) के भी करीब है।हालांकि, यहां देश के बाकी बाघ अभ्यारण्यों की तुलना में बाघों की संख्या काफी कम है, लेकिन पास के राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के करीब होने के कारण बोर एक महत्वपूर्ण संरक्षण स्थल है। बोर टाइगर रिज़र्व में विभिन्न प्रकार के वन हैं, जिनमें शुष्क पर्णपाती वन, मिश्रित वन और घास के मैदान शामिल हैं।
इतिहास
यह साल 1970 में महाराष्ट्र सरकार की अधिसूचना के बाद अस्तित्व में आया। पहले यह एक गेम रिज़र्व था लेकिन फिर वर्ष 1970 में इसे राष्ट्रीय उद्यान या वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा दिया गया। यह पैंथर और बाघों की घनी आबादी होने के कारण किया गया था। वर्ष 2012 में, महाराष्ट्र सरकार ने एक नोटिस जारी किया और पुराने 61.1 किलोमीटर में अतिरिक्त 60 किलोमीटर जोड़ दिया, जिससे अब यह 121.10 किलोमीटर हो गया है। राज्य सरकार ने इस टाइगर रिजर्व के लिए अलग-अलग जोन घोषित किए हैं- इको-टूरिज्म जोन, न्यू कोर जोन और बफर जोन।
बहुत कुछ है देखने को
बोर टाइगर रिज़र्व में कई तरह की जड़ी-बूटियां पाई जा सकती हैं जैसे वाघोरी, वेलात्री, वनभांडी, वाइट, गोखरू, तरवर, टेनेला और टैरोटा। इस अभ्यारण्य में बांस के पेड़ भी देखने को मिल सकते हैं। बोर टाइगर रिजर्व के इकोज़ोन में ऐन, सागौन और तेंदू जैसी कई मुख्य प्रजातियाँ हैं। यहां जंगली कुत्ते, स्लॉथ भालू, बंदर, जंगली सूअर, भौंकने वाले हिरण, माउस हिरण, मोर, सांभर हिरण, चीतल, नीलगाय, भारतीय बाइसन, भारतीय तेंदुआ और बंगाल टाइगर जैसे कई जानवर पाए जाते हैं. यह सरीसृपों की 26 विभिन्न प्रजातियों का घर है जो 11 परिवारों से संबंधित हैं। इनमें से 6 प्रजातियां लुप्तप्राय हैं और ये मॉनिटर छिपकली, चेकर्ड कीलबैक, भारतीय रैट स्नेक, भारतीय रॉक अजगर, रसेल वाइपर और भारतीय कोबरा हैं . आपको यहां पक्षियों की 160 से अधिक प्रजातियां मिलेंगी जो सोलह विभिन्न क्रमों के 46 परिवारों से संबंधित हैं। इसमें 9 लुप्तप्राय प्रजातियां और प्रवासी पक्षियों की 10 प्रजातियां शामिल हैं। आप इन जंगली जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में घूमते हुए देखकर एक अद्भुत समय बिता सकते हैं।
समय
बोर टाइगर रिजर्व मंगलवार से रविवार तक खुला रहता है, हालांकि सोमवार को यह अभयारण्य बंद रहता है।
कहां ठहरें ?
यहां कई फॉरेस्ट लॉज और रेस्ट हाउस हैं, जहां पर्यटक आराम से रह सकते हैं। जंगल की नाइटलाइफ़ का अनुभव करना रोमांचक साबित होगा.
मौसम और घूमने का सबसे अच्छा समय
बोर टाइगर रिजर्व में आप किसी भी मौसम में घूम सकते हैं। हालांकि , मानसून सीजन के कारण टाइगर रिजर्व 16 जून से 30 सितंबर तक बंद रहता है। बोर टाइगर रिजर्व की यात्रा का आदर्श समय अप्रैल से मई के दौरान है।
घूमने की जगहें
बोर टाइगर रिजर्व अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विभिन्न पर्यटक आकर्षणों के लिए जाना जाता है। यह अपने धार्मिक आकर्षणों के लिए लोकप्रिय है जैसे - केल्ज़ार में गणेश मंदिर, खड़की में हनुमान मंदिर, चौकी में बृहस्पति मंदिर, और खोरी-खापा में शिव मंदिर। महाभारत काल से ही इस स्थान का अत्यधिक महत्व है।
कैसे पहुंचें?
बोर टाइगर रिजर्व का नज़दीकी रेलवे स्टेशन वर्धा जंक्शन है जो लगभग 35 किलोमीटर दूर है। निकटतम हवाई अड्डा नागपुर है जो बोर टाइगर रिजर्व से 80 किलोमीटर दूर है। सड़क द्वारा हिंगनी एक कोठरी बस स्टैंड है जो इस वन्यजीव अभयारण्य से 5 किलोमीटर दूर है। आप चाहें तो गाड़ी से इस टाइगर रिजर्व तक जा सकते हैं। आमतौर पर टूरिस्ट्स निजी जीप और कार किराये पर लेते हैं जो उन्हें इस बाघ अभयारण्य तक ले जाती हैं।
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