समंदर के किनारों के परे भी है गोवा की खूबसूरती
गोवा शायद हमारे देश की सबसे ज़्यादा घूमी जाने वाली जगहों में से एक है। वैसे तो यहां कई ऐसी जगहें हैं जो देखने लायक हैं लेकिन उनमें ज़्यादातर बीच और फोर्ट ही शामिल हैं। मॉनसून के मौसम में पहाड़ों पर जाना कितना खतरनाक साबित हो सकता है ये तो आपको हाल-फिलहाल की ख़बरों से पता चल ही गया होगा। ऐसे में गोवा ट्रैवेलर्स के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकता है और वो भी ट्रेडिशनल वाले गोवा नहीं, ऑफ बीट गोवा।
अब आप सोच रहे होंगे कि भाई, गोवा तो लोग बीच पर मस्ती करने ही जाते हैं, वहां और क्या किया जा सकता है? तो आप ये जान लीजिए और एक बार मेरा कहा मान लीजिये कि गोवा में वो है जो आपका दिल - ओ - दिमाग ताज़ा कर देगा। गोवा की ऐसी ही एक अनोखी जगह है अरवलेम गुफाएं जो पांडव गुफाओं के नाम से ज़्यादा मशहूर हैं।
अर्वलेम गुफाएं, जिन्हें पांडव गुफाओं के नाम से भी जाना जाता है, उत्तरी गोवा के संक्वेलिम गांव में स्थित प्राचीन चट्टान को काटकर बनाई गई गुफाएं हैं। पणजी से सैनक्वेलिम तक की एक घंटे की ड्राइव में आपको हर तरफ सब कुछ हरा भरा दिखाई देगा और हां यह ड्राइव थका देने वाली नहीं है। ये गुफाएं ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व रखती हैं और माना जाता है कि ये 6ठी या 7वीं शताब्दी की हैं। कुछ लोग कहते हैं कि इन गुफाओं को बौद्ध भिक्षुओं ने बनवाया था। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि इन गुफाओं और अजंता और एलोरा की गुफाओं के बीच शैली और वास्तुकला में समानताएं आसानी से पाई जा सकती हैं।
स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, पांडवों ने अपने निर्वासन के दौरान इन गुफाओं में शरण ली थी। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई ठोस ऐतिहासिक सबूत नहीं है। ये गुफाएं एक ही लेटराइट चट्टान से बनी हैं और इसमें पांच खंड हैं। केंद्रीय कक्ष सबसे बड़ा है और इसमें एक शिवलिंग है। इस वजह से ये गुफाएं धार्मिक महत्व भी रखती हैं। भले ही यह गोवा के सुदूर इलाकों में से एक में है लेकिन तीर्थयात्री इस जगह पर आते रहते हैं।
हुआ है मौसम का असर
गुफाओं ने सदियों से मौसम की मार झेली है और समय के साथ कुछ टूट-फूट भी हुई है। बहरहाल, यह एक दिलचस्प पुरातात्विक जगह है और गोवा की सांस्कृतिक विरासत का तमगा हासिल किये है। गुफाओं से थोड़ी दूरी पर मशहूर अर्वलेम झरना है, जिसे हरवालेम झरना भी कहा जाता है। मानसून के मौसम में यह झरना बेहद सुंदर होता है। झरने के पास, शिव को समर्पित एक रुद्रेश्वर मंदिर है। हालांकि, मानसून में यहां पानी का प्रवाह काफी तेज़ होता है इसलिए विशेष सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है। पत्थर की सीढ़ियां जो आपको झरने के मुहाने के पास ले जाती हैं, कभी-कभी फिसलन भरी हो सकती हैं। यहां आएं तो झरने और गुफाएं सब देखकर ही जाएं। यकीन मानिये गोवा का ये ट्रिप यादगार बन जाएगा।
घूमने का सही समय
गर्मियों में गोवा में ह्यूमिडिटी बहुत ज़्यादा हो जाती है इसलिए अप्रैल से जून के महीनों को छोड़ कर आप साल के किसी भी समय यहां आ सकते हैं। अर्वलेम फॉल्स की यात्रा के लिए मानसून का मौसम सबसे अच्छा समय है। हालांकि, मॉनसून में वॉटर स्पोर्ट्स बंद रहते हैं और बीच पर होने वाली ज़्यादातर एक्टिविटीज बंद रहती हैं लेकिन ये वक़्त झरने देखने के लिए बेस्ट रहता है।
कहां ठहरें?
वैसे तो आप पूरे गोवा में जहां चाहें वहां रुक सकते हैं आपको यहां कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन ज़्यादातर टूरिस्ट स्पॉट्स नॉर्थ गोवा में हैं तो आप वहां रुकना प्रिफर कर सकते हैं। अगर भीड़- भाड़ से दूर रहना है तो साउथ गोवा बेस्ट ऑप्शन है। सर्दियों में गोवा जा रहे हैं तो एडवांस बुकिंग कराना मत भूलिएगा। इस वक़्त यहां बहुत भीड़ होती है। मॉनसून में आपको होटल्स काफी सस्ते मिल जाएंगे क्योंकि इस वक़्त यहां ज़्यादा लोग नहीं आते।
ख़र्चा कितना होगा?
अगर आप मॉनसून में गोवा जाते हैं तो एक दिन के लिए आपको 800 से 2000 रुपये में आराम से होटल मिल जाएगा। खाने का खर्चा आपका हर दिन लगभग 1000 से 2000 रूपये में हो जाएगा। सर्दियों में यहां ये दोनों खर्चे काफी बढ़ जाते हैं।
कैसे पहुंचें?
एक बार जब आप गोवा पहुंच जाते हैं, तो आपको बिचालिम जिले में जाना होगा जहां अर्वलेम झरना है। यह पणजी से लगभग 31 किमी दूर है। झरने से लगभग 1।2 किमी दूर अर्वलेम गुफाएं हैं जहां आप सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं।
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