दिल में बस जाएगी नग्गर की खूबसूरती

अनुषा मिश्रा 19-07-2025 05:31 PM Travel To States
हिमाचल प्रदेश, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, अपनी कुदरती खूबसरती, बर्फ से ढके पहाड़ों, और शांत वादियों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यहां शिमला, मनाली, और धर्मशाला जैसी फेमस जगहें तो हैं ही, कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो अपनी सादगी और अनछुए आकर्षण के लिए खास हैं। ऐसी ही एक जगह है नग्गर, जो कुल्लू जिले में ब्यास नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव है। यहां का शांत वातावरण, ऐतिहासिक स्थल, और हिमालय की गोद में बसी वादियां इसे हर यात्री के लिए एक खास जगह बनाती हैं। चाहे आप एक साहसिक यात्री हों, कला प्रेमी हों, या बस प्रकृति की शांति में समय बिताना चाहते हों, नग्गर आपके लिए कुछ न कुछ ज़रूर लेकर आएगा। तो, अपनी यहां घूमने का जल्द ही प्लान बनाएं और नग्गर के जादू को अनुभव करें – एक ऐसी जगह जो आपके दिल में हमेशा बसी रहेगी।
नग्गर, कुल्लू घाटी में समुद्र तल से लगभग 1,800 मीटर की ऊंचाई पर है। यह गांव मनाली से लगभग 22 किलोमीटर और कुल्लू से 26 किलोमीटर की दूरी पर है। ब्यास नदी के बाएं तट पर बसा नग्गर अपनी शांत और सुकून भरी वादियों के लिए जाना जाता है। यहां की हरियाली, बर्फ से ढके हिमालय के नज़ारे, और प्राचीन मंदिर इसे एक बेहतरीन जगह बनाते हैं, खासकर उन यात्रियों के लिए जो भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति और संस्कृति के बीच समय बिताना चाहते हैं। नग्गर का इतिहास कुल्लू रियासत से गहराई से जुड़ा है, और यहां का नग्गर किला इसका शानदार नमूना है।
और यहां का नग्गर किला इसका शानदार नमूना है।

नग्गर का ऐतिहासिक महत्व

नग्गर का इतिहास कई सौ साल पुराना है। यह गांव कभी कुल्लू रियासत की राजधानी था, और यहां का नग्गर किला 15वीं शताब्दी में राजा सिद्ध सिंह ने बनवाया था। यह किला न केवल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि कुल्लू की समृद्ध संस्कृति और इतिहास का प्रतीक भी है। किले का निर्माण हिमाचली और पश्चिमी शैली के मिश्रण से हुआ है, जिसमें लकड़ी और पत्थर का खूबसूरत उपयोग देखने को मिलता है। आज यह किला हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) द्वारा एक हेरिटेज होटल के रूप में संचालित किया जाता है, जहां यात्री ठहर सकते हैं और राजसी ठाठ-बाट का मज़ा लें सकते हैं।

नग्गर का एक और ऐतिहासिक आकर्षण है निकोलस रोरिक आर्ट गैलरी। निकोलस रोरिक, एक प्रसिद्ध रूसी चित्रकार, दार्शनिक, और लेखक थे, जिन्होंने 1920 के दशक में नग्गर को अपना घर बनाया। उनकी कला और दर्शन ने नग्गर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। उनकी आर्ट गैलरी में उनकी बनाई पेंटिंग्स और हिमालयी संस्कृति से प्रेरित कला के नमूने देखे जा सकते हैं। रोरिक का यहां का घर भी टूरिस्ट्स के लिए खुला है, जो उनकी सादगी और प्रकृति के प्रति प्रेम को दर्शाता है।

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घूमने के लिए है बहुत कुछ

नग्गर भले ही एक छोटा सा गांव हो, लेकिन यहां देखने और करने के लिए बहुत कुछ है। 

1. नग्गर किला

नग्गर किला इस गांव की सबसे सुंदर जगह है। ब्यास नदी के किनारे ऊंची पहाड़ी पर बना यह किला न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यहां से घाटी का खूबसूरत नज़ारा भी दिखता है। किले की लकड़ी की नक्काशी और पत्थरों की संरचना इसे एक अनूठा रूप देती है। यहां ठहरने की सुविधा भी उपलब्ध है, और किले के रेस्तरां में स्थानीय हिमाचली व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है।

2. निकोलस रोरिक आर्ट गैलरी

नग्गर में निकोलस रोरिक का घर और आर्ट गैलरी कला प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं। यहां उनकी पेंटिंग्स, हिमालय की सुंदरता, और आध्यात्मिकता से प्रेरित कृतियां प्रदर्शित हैं। गैलरी काफी शांत और सुंदर है, जो टूरिस्ट्स को कुछ पल सुकून के साथ बिताने का मौका देती है। यहां का म्यूजियम रोरिक के जीवन और उनके परिवार के योगदान को भी दिखाता है।

3. त्रिपुरा सुंदरी मंदिर

नग्गर में बना त्रिपुरा सुंदरी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जो स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इस मंदिर की लकड़ी की नक्काशी और पगोड़ा शैली की वास्तुकला इसे खास बनाती है। यह मंदिर देवी त्रिपुरा सुंदरी को समर्पित है, और यहां साल में कई उत्सव और मेले लगते हैं, जो पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति से जोड़ते हैं।

4. गौरी शंकर मंदिर

नग्गर का गौरी शंकर मंदिर 11वीं शताब्दी का एक और ऐतिहासिक मंदिर है, जो भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है। इस मंदिर की शिखर शैली और पत्थर की नक्काशी इसे कला और वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना बनाती है। मंदिर का शांत वातावरण और इसके आसपास की हरियाली इसे एक आध्यात्मिक और सुंदर जगह बनाती है।


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5. जगतिपट मंदिर

यह मंदिर नग्गर के स्थानीय लोगों के बीच बहुत पूजनीय है। मंदिर की प्राचीन वास्तुकला और शांति इसे देखने लायक बनाते हैं। यहां से ब्यास नदी और आसपास की पहाड़ियों का खूबसूरत नज़ारा भी देखा जा सकता है।

6. ब्यास नदी के किनारे सैर

नग्गर में ब्यास नदी के किनारे टहलना एक सुकून भरा अनुभव है। नदी का साफ पानी, चारों ओर हरियाली, और हिमालय की चोटियां इसे एक कमाल की जगह बनाती हैं। यहां आप पिकनिक मना सकते हैं, फोटोग्राफी कर सकते हैं, या बस प्रकृति की गोद में कुछ समय बिता सकते हैं।

एडवेंचर टूरिज्म का भी मज़ा

नग्गर केवल ऐतिहासिक और धार्मिक जगहों तक सीमित नहीं है; यहां कई साहसिक और मनोरंजक एक्टिविटीज भी होती हैं। 

1. ट्रेकिंग

नग्गर और इसके आसपास कई ट्रेकिंग रूट हैं, जो प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर के शौक़ीनों के लिए आदर्श हैं। चंद्रखानी पास और मलाना ट्रेक यहां से शुरू होने वाले लोकप्रिय ट्रेक हैं। ये ट्रेक आपको घने जंगलों, गांवों, और हिमालय के सुंदर नज़ारों से से रूबरू कराते हैं।

2. फोटोग्राफी

नग्गर की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक जगहें फोटोग्राफी के लिए एकदम बेस्ट हैं। चाहे वह ब्यास नदी का किनारा हो, नग्गर किले का नज़ारा हो, या रोरिक की आर्ट गैलरी का शांत परिसर, यहां हर कोने में कुछ खास तस्वीरें खींचने का मौका मिलता है।

3. स्थानीय संस्कृति का अनुभव

नग्गर में स्थानीय हिमाचली संस्कृति को करीब से देखने का मौका मिलता है। यहां के मेले, उत्सव, और लोकल बाजारों में जाकर आप हिमाचली हस्तशिल्प, वस्त्र, और व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। स्थानीय लोगों से बातचीत करके आप उनकी सादगी और मेहमाननवाजी का अनुभव कर सकते हैं।4. योग और ध्यान


नग्गर का शांत वातावरण योग और ध्यान के लिए आदर्श है। यहां कई रिट्रीट सेंटर हैं, जहाँ आप योग सत्रों में भाग ले सकते हैं और अपने मन को सुकून दे सकते हैं।

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4. योग और ध्यान

नग्गर का शांत वातावरण योग और ध्यान के लिए आदर्श है। यहां कई रिट्रीट सेंटर हैं, जहाँ आप योग सत्रों में भाग ले सकते हैं और अपने मन को सुकून दे सकते हैं।

यहां का खाना भी है खास

नग्गर में भोजन का अनुभव भी खास है। यहां के स्थानीय रेस्तरां और कैफे में आपको हिमाचली, भारतीय, और कॉन्टिनेंटल खानों का स्वाद मिलेगा। कुछ लोकप्रिय हिमाचली व्यंजन जिन्हें आपको ज़रूर आज़माना चाहिए, उनमें शामिल हैं:

  • सिद्दू: एक प्रकार की भाप में पकी रोटी, जो घी और चटनी के साथ परोसी जाती है।
  • धाम: हिमाचली थाली, जिसमें दाल, चावल, सब्जियां, और मिठाई शामिल होती है।
  • बाबरू: गेहूं के आटे से बना एक तला हुआ व्यंजन, जो चटनी के साथ खाया जाता है।
  • मद्रा: चने और दही से बना एक स्वादिष्ट व्यंजन।

नग्गर किले के रेस्तरां में आप इन व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। इसके अलावा, गांव में कई छोटे कैफे हैं, जो कॉफी, चाय, और हल्के नाश्ते के लिए मशहूर हैं।


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नग्गर कैसे पहुंचें?

नग्गर तक पहुंचना काफी आसान है, क्योंकि यह कुल्लू और मनाली जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

  • हवाई मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर (कुल्लू) में है, जो नग्गर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। यहां से टैक्सी या बस लेकर नग्गर पहुंचा जा सकता है।
  • रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर है, जो नैरो गेज रेलवे से जुड़ा है। हालांकि, ज़्यादातर यात्री चंडीगढ़ या पठानकोट तक ट्रेन से आते हैं और फिर सड़क के रास्ते नग्गर पहुंचते हैं।
  • सड़क मार्ग: नग्गर कुल्लू और मनाली से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा है। दिल्ली, चंडीगढ़, और अन्य नजदीकी शहरों से नियमित बसें और टैक्सियां उपलब्ध हैं।

नग्गर में रुकने की जगहें

नग्गर में रुकने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जो हर बजट के लिए उपयुक्त हैं। नग्गर किला अपनेme एक शानदार हेरिटेज होटल है, जो एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है। इसके अलावा, गेस्टहाउस, होमस्टे, और छोटे रिसॉर्ट भी उपलब्ध हैं। कुछ लोकप्रिय विकल्पों में शामिल हैं:

  • द हिमालयन ट्राउट हाउस: प्रकृति के बीच एक शांत गेस्टहाउस।
  • नग्गर डिलाइट रिसॉर्ट: आरामदायक और आधुनिक सुविधाओं वाला रिसॉर्ट।
  • होमस्टे: स्थानीय परिवारों के साथ ठहरने का अनुभव, जो आपको हिमाचली संस्कृति से जोड़ेगा।

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घूमने के लिए परफेक्ट मौसम

नग्गर का मौसम साल भर अच्छा रहता है। गर्मियों (मार्च से जून) में यहां का तापमान 10 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो इसे गर्मी से राहत पाने के लिए एक शानदार जगह बनाता है। सर्दियों (दिसंबर से फरवरी) में तापमान 0 डिग्री से नीचे चला जाता है, और बर्फबारी नग्गर को एक परियों की नगरी में बदल देती है। मानसून (जुलाई से सितंबर) में बारिश होती है, जो घाटी को और भी हरा-भरा बना देती है, लेकिन इस दौरान भूस्खलन का खतरा रहता है।

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