दुनिया के सबसे पुराने 5 शहर जहां आज भी लोग रहते हैं

दमिश्क, सीरिया

दमिश्क को दुनिया के सबसे पुराने और लगातार बसे हुए शहरों में से एक माना जाता है। दमिश्क लगभग 10,000 से 8,000 ईसा पूर्व के लोगों के रहने के प्रमाण मिलते हैं। कई राजाओं ने इस पर राज किया और कई लोगों के लिए ये शहर उनकी आरामगाह की तरह रहा। इन्हीं में से कुछ बादशाहों ने यहां आधुनिक जल नेटवर्क प्रणाली शुतु की थी। इस शहर को बाद में सिकंदर महान ने जीत लिया था।
फ़य्यूम, मिस्र
कहते हैं कि मिस्र के शहर फय्यूम में हज़ारों वर्ष तक लोग बस्ती बनाकर रहते रहे। इन्हीं में से एक प्राचीन शहर शेडेट भी है। यह प्राचीन मिस्र का एक क्षेत्र था जो अपनी उर्वरता, पौधों व पशु जीवन के लिए जाना जाता था। यह कभी एक शुष्क रेगिस्तानी बेसिन था, जो नील नदी की एक शाखा के यहां आ जाने के बाद एक पानी से भरा हुआ बेसिन बन गया। लगभग 4000 ईसा पूर्व बसा, यह मिस्र का सबसे पुराना शहर है और अफ्रीका के सबसे पुराने शहरों में से एक है। यह शहर क्रोकोडिलोपोलिस के प्राचीन स्थल का हिस्सा है, जो सोबेक-मगरमच्छ-देवता के पंथ का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है। फैय्यूम में पेटसुचोस नाम के एक पवित्र मगरमच्छ की पूजा की जाती थी, जो सोने और रत्नों से जड़ा था। मगरमच्छ एक विशेष मंदिर रहता था जिसमें रेत, एक तालाब और उसका भोजन था।
एथेंस, ग्रीस

एथेंस भी दुनिया के सबसे पुराने और लगातार बसे हुए शहरों में से एक है। यह सुकरात, प्लेटो, अरस्तू जैसे लोगों का इतिहास समेटे हुए है। इसे दर्शन का प्राचीन घर और पश्चिमी सभ्यता का जन्मस्थान भी कहा जाता है। यदि रिपोर्ट्स की मानें, तो एथेंस 5000 ईसा पूर्व से लगातार बसा हुआ है, या संभवतः 7000 ईसा पूर्व से भी बसा हो सकता है। यहां पाए जाने वाले कुछ प्राचीन प्रसिद्ध स्मारकों में एरेचथियन, एक्रोपोलिस- पार्थेनन और प्रोपीलिया हैं, जो सभी पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान बनाए गए थे।
शुश, ईरान
पहले इस जगह को सुसा के प्राचीन शहर के रूप में जाना जाता था, जहां शुश वह हिस्सा है जो इस क्षेत्र का अवशेष है। माना जाता है कि यह लगभग 5000 से 4000 ईसा पूर्व से लगातार बसा हुआ है। शुश का उल्लेख बाइबिल में एस्तेर की किताब में भी मिलता है, जिसे शूशन कहा जाता है। इस जगह को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में भी शामिल किया गया है। यहां एक महल सहित कई स्मारकों के अवशेष पाए गए हैं।
वाराणसी, भारत
भारत की आध्यात्मिक राजधानी कही जाने वाली इस जगह का इतिहास 11वीं शताब्दी का है। दुनिया भर से तीर्थयात्री इस पवित्र स्थान की यात्रा करते हैं। यहां दशाश्वमेध घाट पर शाम की गंगा आरती एक ऐसा अनुभव है जिसे अपनी ज़िंदगी में कम से कम एक बार ज़रूर देखना चाहिए। यहां के घाटों की जीवंतता और ऊर्जा में कुछ ऐसा है जिसे आप लंबे समय तक नहीं भूल पाएंगे।
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