इस तरह करें गणेश चतुर्थी की तैयारी

अनुषा मिश्रा 19-08-2022 05:31 PM Culture
गणेश चतुर्थी को ज्ञान के देवता गणेश जी के जन्मदिन के रूप में पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।  पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश जी की रचना पार्वती जी ने की थी। जब शिव जी ने क्रोध में आकर गणेश जी का सिर काट दिया, तो देवी पार्वती बहुत दुखी हुईं। उन्होंने शंकर जी से कहा कि उन्हें हर हाल में उनके पुत्र गणेश वापस चाहिए। शिव जी ने गणेश जी के कटे हुए सिर को हाथी के सिर से बदल दिया और गणेश जी को वापस जीवित कर दिया। 

गणेश जी के जन्मदिन को पुरे देश में 10 दिनों तक बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। हालांकि, ये त्योहार सबसे स्तर पर महाराष्ट्र में मनाते हैं । कहा जाता है कि महान मराठा नेता छत्रपति शिवाजी ने स्वयं इस त्योहार को अपने लोगों के बीच संस्कृति और एकता को बढ़ावा देने के लिए एक सार्वजनिक कार्यक्रम के रूप में शुरू किया था, जो जाति से विभाजित थे। इसे राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक द्वारा 19वीं शताब्दी के अंत में देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वतंत्रता के संदेश को फैलाने के लिए फिर से धूमधाम से मनाया जाने लगा।  इसलिए यह त्योहार न केवल आस्था और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है बल्कि भारत के समृद्ध इतिहास का भी प्रतीक है।

इसमें कोई शक नहीं कि गणेश चतुर्थी की भव्यता का अनुभव करने के लिए सबसे अच्छी जगह मुंबई है। यहां इस त्योहार की तैयारी करीब एक महीने पहले से शुरू हो जाती है। पूजा गणेश जी की सुंदर नक्काशीदार रंगीन मूर्तियों की स्थापना के साथ शुरू होती है। गणेश जी की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा करके यह अनुष्ठान शुरू किया जाता है। 'प्राणप्रतिष्ठ' का शाब्दिक अर्थ 'जीवन की स्थापना' होता है, इसीलिए कहते हैं कि मूर्ति में स्वयं भगवान गणेश स्वयम विराजमान रहते हैं। इस पूजा में 10 दिनों के दौरान संगीत, नृत्य, नाटक और सभी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे मुंबई में होते हैं। इन समारोहों के दौरान मुंबई की हर गली जीवंत हो उठती है। गणेश जी को हर दिन मिठाई का भोग लगाया जाता है, जिसमें मुख्य मोदक होता है, जिसे उनकी पसंदीदा मिठाई माना जाता है। फूल, चावल, नारियल, गुड़ और सिक्के भी चढ़ाए जाते हैं। त्योहार के अंतिम दिन, अनंत चतुर्दशी पर मूर्ति को विसर्जित करने के लिए विशाल जुलूस निकलते हैं और मूर्ति को नदी या समुद्र में विसर्जित कर देते हैं। इस दिन मुम्बई की हवा भी "गणपति बप्पा मोरया" के जाप से गूंजती है लोग इस दिन गणपति जी से ज़िन्दगी के सभी दर्द और दुखों को दूर करने और अगले वर्ष जल्द ही वापस आने का अनुरोध करते हैं। गणेश चतुर्थी को अन्य राज्यों जैसे गोवा (यह कोंकणी लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है), आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इस बार 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी है। अगर आप भी इस दिन गणेश जी को उनका प्रिय मोदक खिलाना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कुछ अलग तरह के मोदक बनाने की रेसिपी…

चावल के आटे के मोदक

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आपको चाहिए

चावल का आटा – 1 कप

दूध – 2 कप

सूखा नारियल पाउडर – 1/2 कप

इलायची पाउडर – 1/2 छोटा चम्मच

चीनी – 1 कप

घी – 2 बड़े चम्मच

काजू – 1 बड़ा चम्मच

बादाम – 1 बड़ा चम्मच

पिस्ता – 1 छोटा चम्मच

सूखा नारियल – 2 बड़े चम्मच

इलायची पाउडर – 1/4 छोटा चम्मच

गुड़ – 2 बड़े चम्मच


इस तरह बनाएं

एक बड़े पैन में तीन कप पानी डालें व उसमें उबाल आने दें। इसमें चावल का आटा डालें और लगातार मिलाते हुए पकाकर 30 मिनट के लिए ढक दें। 

तब तक गुड़ और नारियल को कढ़ई में डाल कर गरम करने के लिये रखें। चमचे से चलाते रहें, गुड़ पिघलने लगेगा। चमचे से लगातार चला कर भूनें, जब तक गुड़ और नारियल का गाढ़ा मिश्रण न बन जाए। इस मिश्रण में काजू, किशमिश, खसखस और इलाइची मिला दें।  यह मोदक में भरने के लिये पिठ्ठी तैयार है।

आटा ठंडा होने पर अच्छी तरह से आटे को मसल-मसल कर मिलाएं। हो सके तो थोड़ा सा हाथ में घी लगाकर मिलाएं जिससे आटा मुलायम हो। 

मोदक के सांचे में थोड़ा घी लगाएं। थोड़ा सा आटा लेके अंगूठे से दबाते हुए मोदक के सांचे में चारो तरफ फैला दें। फिर बीच में थोड़ा पिट्ठी का मिश्रण डाल दें और फिर थोड़ा सा आटा ऊपर से लगाकर अच्छी तरह से चिपका दें। 

किसी चौड़े बर्तन में 2 छोटे गिलास पानी डाल कर गरम करने रखें। जाली स्टैन्ड लगाकर चलनी में मोदक रख कर भाप में 10 - 12 मिनिट पकने दीजिये।  आप देखेंगे कि मोदक स्टीम में पककर काफी चमकदार लग रहे हैं।  मोदक तैयार हैं। मोदक को प्लेट में निकाल कर लगायें, और गरमा गरम परोसिये और खाइये।


चॉकलेट मोदक

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आपको चाहिए

1 पैकेट ग्लूकोज बिस्कुट

100 ग्राम ड्रिकिंग चॉकलेट पाउडर

1/4 टिन कडेंस्ड मिल्क

50 ग्राम नारियल पाउडर

काजू, हेजलनट, किशमिश, बादाम (वैकल्पिक)

घी

इस तरह बनाएं

ग्लूकोज बिस्कुट का पाउडर कर लें। इसे ड्रिंकिंग चॉकलेट पाउडर के साथ मिला लें, इसमें मिल्कमेड और चार बड़े चम्मच घी डालें। काजू और हेजलनट को एक बड़े चम्मच घी में फ्राई कर लें। चॉकलेट मिक्स की एक बॉल बनाएं और ऐसा करते समय, इसक बीच में ड्राई फ्रूट रखकर इसे मोदक का आकार देकर पूरा करें। आप सांचों का भी उपयोग कर सकते हैं। 

मोदक को कददूकस किए गए नारियल पर रोल करें और ठंडा परोसें! यह बहुत स्वादिष्ट होता है और बच्चों को भी मोदक काफी पसंद आएगा।


सूजी के मोदक

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आपको चाहिए

सूजी - ½ कप (100 ग्राम)

दूध - 1 कप 

कंडेंस्ड मिल्क - ½ कप 

घी - 2 टेबल स्पून 

बादाम -10-12 (बारीक कटे हुए)

पिस्ते - 10-12 (बारीक कटे हुए)

इलायची - 6-7 (पाउडर)

चीनी पाउडर - 1 टेबल स्पून 

केसर के धागे - 20-25

इस तरह बनाएं

सूजी को भून लीजिए। इसके लिए पैन को गैस पर रख कर गरम कीजिए। पैन में घी और सूजी डाल दीजिए। सूजी को लगातार चलाते हुए मीडियम आंच पर भून लीजिए। केसर में 2 चम्मच दूध डाल कर रख दीजिए ताकि केसर अपना रंग छोड़ सके। सूजी के 8-9 मिनिट भुन जाने पर सूजी में थोड़ा-थोडा़ करते हुए दूध डालते जाएं और सूजी को चलाते रहें। इसके बाद, इसमें केसर वाला दूध भी डाल कर अच्छे से मिक्स कर दीजिए। कंडेंस्ड मिल्क भी सूजी में डाल कर अच्छे से चलाते हुए पकाएं। सूजी के मिश्रण को अच्छा गाढ़ा हो जाने तक पका लीजिए। सूजी के अच्छे से गाढ़ा हो जाने पर गैस बंद कर दीजिए और मिश्रण के डोह को प्लेट में निकाल लीजिए। डोह को हल्का सा ठंडा होने दीजिए।

इसी बीच, स्टफिंग बना कर तैयार कर लीजिए। पैन को गैस पर रख कर गरम कर लीजिए। पैन में बारीक कटे हुए बादाम, बारीक कटे पिस्ते डाल कर ½ मिनिट हल्का सा भून लीजिए। ड्राय फ्रूटस भुन जाने पर गैस बंद कर दीजिए और इसमें इलायची पाउडर, चीनी पाउडर, और थोड़ा सा सूजी का मिश्रण भी डाल कर मिक्स कर लीजिए। स्टफिंग बनकर तैयार है।

सूजी के मिश्रण को चम्मच की सहायता से थोडा़ पलट लीजिए। मोदक बनाने के लिए सांचा लीजिए और इस सांचे में थोडा़ सा सूजी का मिश्रण डालिए और मिश्रण के बीच में थोडी़ सी जगह बनाकर उसमें थोड़ी सी स्टफिंग भर दीजिए। फिर स्टफिंग पर थोड़ा सूजी का मिश्रण रख कर इसे अच्छे से बंद कर दीजिए। सांचे को खोलिए, आपका मोदक बनकर तैयार है, इसे प्लेट में रख दीजिए। इसी तरह सांचे में सूजी और स्टफिंग भर कर सारे मोदक बना कर तैयार कर लीजिए।

सूजी के स्वादिष्ट मोदक बनकर तैयार हैं। मोदकों को 3-4 घंटे हवा में रहने दीजिए ये खुश्क होकर तैयार हो जाएंगे। इसके बाद इन्हें किसी कंटेनर में भर कर फ्रिज में रख दीजिए और 1 सप्ताह तक जब आपका मन करें इन्हें खाइये।

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