ये सूनसान जगहें हैं आपकी अगली ट्रिप के लिए परफेक्ट
धनुषकोडी, तमिलनाडु
यह जगह बेहद शांत है, जिसके एक तरफ बंगाल की खाड़ी और दूसरी तरफ हिंद महासागर है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 1964 में एक बहुत बड़ा तूफान आया था जिसमें धनुषकोडी भ गया था, जिसके बाद तत्कालीन सरकार यहां रहने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। भले ही यहां कोई रहता नहीं लेकिन ये जगह कुदरती खूबसूरती से भरी हुई है। दिन में यहां शंख, शीप आदि की कुछ दुकाने लगती हैं लेकिन शाम को यहां आने पर रोक है। यहां आज भी कई खंडहर हैं जो उस वक़्त की घटना की गवाही देते हैं। इसके अलावा, पौराणिक किंवदंतियों में कहा गया है कि यह वह स्थान भी है जहां से भगवान राम ने लंका (श्रीलंका) के लिए एक सेतु (पुल) बनाया था।
उनाकोटि, त्रिपुरा
अगर हम स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार चलें, तो यह स्थान भगवान शिव के श्राप से ग्रस्त है। सैकड़ों रॉक-कट मूर्तियों और प्राचीन मंदिरों के खंडहरों से घिरी यह जगह सभी पुरातत्व प्रेमियों के लिए एक खजाना है। ये मूर्तियां हरे-भरे जंगल के बीच हैं, जबकि इसका एक बड़ा हिस्सा नीचे दबा हुआ है, जिसकी कभी खुदाई नहीं की गई। अभिलेखों की मानें तो एक करोड़ के लगभग मूर्तियां हैं। यही कारण है कि इसका यह नाम कैसे पड़ा। कोई नहीं जानता कि कब और कैसे बिना तराशे पत्थर की ये मूर्तियां बनाई गईं।
कुलधरा, राजस्थान
इस जगह आपको किंवदंती और इतिहास दोनों मिलेंगे। रिपोर्ट्स की मानें तो जैसलमेर के पास यह कभी एक समृद्ध गांव था, जिसे गांव वालों ने छोड़ दिया है। यहां की कहानी शक्तिशाली मंत्री सलीम सिंह के इर्द-गिर्द घूमती है, जो ग्राम प्रधान की बेटी से परिवार की मर्जी के खिलाफ जबरन शादी करना चाहता था। स्थिति तब और बिगड़ गई जब सलीम ने गांव वालों को परेशान करना जारी रखा, जिसके बाद गांववालों ने रातों-रात गांव छोड़ने का फैसला कर लिया, लेकिन एक श्राप दे दिया कि यहां फिर कभी कोई नहीं बस पाएगा। तब से, कोई भी वहां बसने में कामयाब नहीं हुआ है और आज तक यह जगह खंडहर बनी हुई है।
गांधीकोटा, आंध्र प्रदेश
पेन्नार नदी के तट पर स्थित, आंध्र प्रदेश का यह आकर्षक छोटा सा गांव कुछ शानदार ऐतिहासिक संरचनाओं को समेटे हुए है। यहां गंडिकोटा किला, एक मस्जिद, एक छोटा किला, दो मंदिर और एक अन्न भंडार है। अब, ये सभी खंडहर हो गए हैं और कुछ संरचनाएं भी टूटने के कगार पर हैं। वैसे तप यह जगह अब उजाड़ है लेकिन टूरिस्ट्स को खूब लुभाती है।
चिकतन किला, लद्दाख
चितकन किला, लद्दाख
हिमालय में बहुत दूर स्थित, कारगिल शहर से कुछ घंटों की ड्राइव के बाद आपको चितकन किला मिलेगा जो कभी एक राजसी किला माना जाता था। यह किला लेह पैलेस से पुराना और लंबा माना जाता है जो कई रहस्यों से घिरा हुआ है। यह एक पहाड़ी के ऊपर बना है जो अब खाली पड़ा है। इसे काउंट ड्रैकुला के महल के भारतीय संस्करण के रूप में जाना जाता है। हालांकि बर्फ से ढका किला एक शानदार दृश्य बनाता है, लेकिन अब यह खंडहर है।
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