प्रकृति का खूबसूरत तोहफा हैं कारगिल के गांव

टीम ग्रासहॉपर 18-08-2020 08:35 PM My India
घूमने वालों के लिए दुनियाभर में ढेरों जगह मौजूद हैं। मगर, इनमें कुछ खास ऐसी जगह भी हैं जिन्हें शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। उस क्षेत्र की खूबसूरती देखकर हर किसी का मनमोह जाता है। कुछ जगह ऐसी होती हैं जो कि अपनी तस्वीरों के जरिए ही लोगों को आकर्षित कर लेती हैं। इन्हीं जगहों में शामिल हैं लेह और लद्दाख। लेह में ही स्थित है वीर योद्धाओं के शौर्य का बखान करने वाली कारगिल चोटी। 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के बाद चर्चा में आई यह चोटी इस समय पर्यटन का मुख्य आकर्षण बन चुकी है। लेह-लद्दाख आने वाला हर शख्स कारगिल जरूर आना चाहता है। आइए हम आपको बताते हैं कि ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और नीले रंग की दिखने वाली झीलों के आसपास कौन-कौन से खूबसूरत ठिकाने छिपे हुए हैं।

सुमुर गांव

नुब्रा नदी के तट पर बसा सुमुर गांव सम्स्तान्लिंग मठ या गोम्पा के लिए जाना जाता है। इस मठ का निर्माण वर्ष 1841 में हुआ था। क्यागर और सुमुर गांव के बीच बसे इस मठ को लामा त्सुल्त्रिम नीमा ने स्थापित किया था। टूरिस्ट्स के यहां आने की मुख्य वजह बौद्ध पाठशाला, भित्ति-चित्र, और बौद्ध मूर्तियों का संग्रह है। 1962 में तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने गोम्पा के सात मंदिरों का उद्घाटन किया था। लेह की शान कहे जाने इस मठ में मनोरंजन और इतिहास का अनोखा मेल देखने को मिलता है। इस गांव में ही सेना के बड़े सम्मान महावीर चक्र से सम्मानित कर्नल चेवांग रिंचेन का जन्म हुआ था। वह इंडियन आर्मी में कमीशंड ऑफिसर बनने वाले नुब्रा घाटी के पहले व्यक्ति थे। श्योक नदी पर बने पुल का नाम कर्नल चेवांग रिंचेन के सम्मान रखा गया है। 

grasshopper yatra Image

सानी गांव

सालभर में आठ महीने बर्फ से ढके रहने वाले कारगिल के निकट बसा सानी गांव बौद्ध धर्म के अनुयाइयों का बड़ा धार्मिक स्थल है। इस गांव में बना सानी मठ सबसे पुराना और प्रसिद्ध मठ है। युद्धभूमि पर बना सानी मठ विश्व के उन आठ श्रद्धेय मठों में से शामिल है, जहां पर बौद्ध समुदाय के प्रसिद्ध गुरुओं मारपा, नारोपा और पद्मसंभव ने दौरा किया था। सानी मठ को पहली सदी में कुषाण वंश के राजा कनिष्ठ ने बनवाया था। यह मठ 108 स्तूपों में से एक है। इस मठ में भगवान बौद्ध की 20 फीट लम्बी मूर्ति रखी है, जिसे कनिका स्तूप के नाम से भी जाना जाता है। पास में बसा मेलबख मठ भी मुख्य आकर्षण का केंद्र है। चट्टानी पहाड़ी पर बने इस मंदिर में भगवान बौद्ध की 9 मीटर ऊंची प्रतिमा लगी हुई है।  

grasshopper yatra Image

संकू

चारों ओर से हरे-भरे पेड़ों और पहाड़ियों से घिरा ‘संकू’ हमेशा ही पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। कारगिल से 42 किलोमीटर की दूरी पर बसा यह खूबसूरत पिकनिक स्‍पॉट लोगों के बीच में काफी लोकप्रिय है। आस्था के अनूठे संगम को अपने में समेटे संकू घाटी से बहने वाली नक्पोछु और कर्त्से नदियां उसे चार चांद लगाती हैं। यहीं पर ही एक धार्मिक स्थल भी है जो कि कार्पो-खार के नाम से जाना जाता है। यह धार्मिक स्थल एक मुस्लिम विद्वान और संत सैयद मीर हाशिम को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है वह 16वीं शताब्दी में बौद्ध शासक रहे नामग्याल को इस्लाम का सबक देने के लिए आए थे। उनसे प्रभावित होकर ही शासक नामग्याल ने इस्लाम धर्म कुबूल कर लिया था। यहां पर आने वाले पर्यटक इस स्थल पर माथा टेकने जरूर आते हैं।  

grasshopper yatra Image

चुमथांग

लद्दाख क्षेत्र में किसी अजूबे से कम नहीं है चुमथांग शहर। इस स्थान को चंथांग पठार भी कहा जाता है। यहां पर आने के बाद आपको तिब्बत से मिलती जुलती हुई संस्कृतियों से रू-ब-रू होने का मौका मिलता है। बर्फीले पहाड़ों की अनुपस्थिति होने की वजह से यह स्थान लद्दाख से भी देखा जा सकता है। समुद्र तट से लगभग 15,400 फीट की ऊंचाई पर बसा चुमथांग लद्दाख से भी ज्‍यादा ठंडा है। चुमथांग में आने के बाद हर टूरिस्ट यहां पर स्थित गर्म पानी के प्राकृतिक कुंड को जरूर देखना चाहता है। ठंडी जगह पर जमीन से निकलने वाला गर्म पानी किसी कुदरती करिश्मे से कम नहीं लगता है। चुमथांग में आप गर्म पानी के कुंड में डुबकी भी लगा सकते हैं। अगर आप यहां पर गर्मियों में आ रहे हैं तो भी गर्म कपड़े  लाना कतई न भूलें। यहां पहाड़ों के खूबसूरत नजारों के साथ में ही चांग्थांग वन्यजीव अभयारण्य भी देख सकते हैं। चुमथांग लेह जिले में बसा है और यह लेह से दक्षिण-पूर्व में 138 किमी दूर स्थित है।  

आपके पसंद की अन्य पोस्ट

नोएडा में खुला है देश का पहला वैदिक थीम पार्क, इसमें बहुत कुछ है खास

पार्क की थीम में भारतीय वेदों जैसे ऋग्वेद, अथर्ववेद, यजुर्वेद और सामवेद के अंश हैं।

जहां आंखों के सामने गायब हो जाता है समंदर

हम बात कर रहे हैं चांदीपुर बीच की जो टूरिस्ट्स के साथ लुका-छिपी करने के लिए जाना जाता है।

लेटेस्ट पोस्ट

इतिहास का खजाना है यह छोटा सा शहर

यहां समय-समय पर हिंदू, बौद्ध, जैन और मुस्लिम, चार प्रमुख धर्मों का प्रभाव रहा है।

लक्षद्वीप : मूंगे की चट्टानों और खूबसूरत लगूंस का ठिकाना

यहां 36 द्वीप हैं और सभी बेहद सुंदर हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 10 द्वीप ही ऐसे हैं जहां आबादी है।

नए साल का जश्न मनाने के लिए ऑफबीट डेस्टिनेशन्स

वन्यजीवन के बेहतरीन अनुभवों से लेकर संस्कृति, विरासत और प्रकृति तक, इन जगहों में सब कुछ है।

विश्व पर्यटन दिवस विशेष : आस्था, श्रद्धा और विश्वास का उत्तर...

मैं इतिहास का उत्तर हूं और वर्तमान का उत्तर हूं…। मैं उत्तर प्रदेश हूं।

पॉपुलर पोस्ट

घूमने के बारे में सोचिए, जी भरकर ख्वाब बुनिए...

कई सारी रिसर्च भी ये दावा करती हैं कि घूमने की प्लानिंग आपके दिमाग के लिए हैपिनेस बूस्टर का काम करती है।

एक चाय की चुस्की.....एक कहकहा

आप खुद को टी लवर मानते हैं तो जरूरी है कि इन सभी अलग-अलग किस्म की चायों के स्वाद का मजा जरूर लें।

घर बैठे ट्रैवल करो और देखो अपना देश

पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश नाम से शुरू की ऑनलाइन सीरीज। देश के विभिन्न राज्यों के बारे में अब घर बैठे जान सकेंगे।

लॉकडाउन में हो रहे हैं बोर तो करें ऑनलाइन इन म्यूजियम्स की सैर

कोरोना महामारी के बाद घूमने फिरने की आजादी छिन गई है लेकिन आप चाहें तो घर पर बैठकर भी इन म्यूजियम्स की सैर कर सकते हैं।