जहां से आती है ताजमहल की सबसे खूबसूरत तस्वीर

दुनियाभर में घूमने की नयी जगहों की आए दिन खोज हो रही है। एक से एक नयी इमारतें बनकर तैयार हो रही हैं लेकिन मोहब्बत की निशानी की जब भी बात आती है तो सबसे पहले ताजमहल का ही नाम जुबां पर आता है। बीते कुछ साल में इसे लेकर कई गलत बातें भी चर्चा में रहीं लेकिन उससे इसकी लोकप्रियता पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। इसकी मंत्रमुग्ध कर देने वाली खूबसूरती में आज भी लोग खो जाते हैं। इसकी मेहराबों के तले बैठकर न जाने कितने जोड़ों ने मोहब्बत की कसमें खायी हैं। इसीलिए आप चाहे कभी भी इसे देखने जाओ यहां भीड़ ही मिलती है, इसके सामने एक ऐसा फोटो लेने की अदद हसरत शायद सबकी होती है जिसमें उसके और ताज के बीच कोई न आ रहा हो लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं हो पता। अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं तो हम आपको एक ऐसी जगह बता रहे हैं जहां की सुंदरता के तो आप कायल हो ही जाएंगे और वहां से ताज की एक अद्भुत तस्वीर भी ले पाएंगे।
एक खूबसूरत बाग़
ताजमहल से सट कर बहने वाली यमुना नदी के दुसरे छोर पर है मेहताब बाग़ या मूनलाइट गार्डन जहां से आप ताजमहल का शानदार नज़ारा देख सकते हैं। इस बाग़ को मुग़ल बादशाह शाहजहां ने ताज महल को देखने के लिए बनवाया था। इसका लेआउट चारबाग जैसा है - एक फ़ारसी शैली का चौकोर बाग़ जो रिकॉर्ड के अनुसार, कुरान में स्वर्ग के चार उद्यानों से प्रेरित है।

बगीचे के चार खंडों को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि वे ताज के साथ पूरी तरह से पैरेलल हों। इसका नाम मेहताब बाग रखा गया, जिसका अर्थ चांदनी बाग भी था। बाढ़ और देखरेख की कमी की वजह से इस बाग़ को काफी नुकसान भी हुआ। इसके बाद 1994 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इस मामले को अपने हाथों में ले लिया और मेहताब बाग की सुंदरता को वापस लाने की पूरी कोशिश की।
एक कहानी
इस बाग़ के साथ एक लोकप्रिय मिथक भी जुड़ा हुआ है, जो कहता है कि शाहजहाँ वास्तव में यहां अपने दफन के लिए ताज महल की एक हूबहू कॉपी बनाना चाहता था, लेकिन सफेद के बजाय काले संगमरमर से। हालांकि, काले ताज का निर्माण कभी नहीं हुआ, क्योंकि उसके बेटे औरंगज़ेब ने उसे उसी समय कैद कर लिया था, और मृत्यु के बाद मुमताज महल के बगल में दफना दिया था।
मुगल वास्तुकला

मेहताब बाग मुग़ल वास्तुकला में बना है। इसमें चार उद्यानों का लेआउट, आकार में चौकोर है और हर तरफ 300 मीटर की दूरी है। इसको लाल बलुआ पत्थर, ईंट और चूने के प्लास्टर से बनाया गया है। बगीचे के अंदर लाल बलुआ पत्थर से बना अष्टकोणीय गुंबददार टॉवर और दक्षिणी तरफ स्थित बड़ा अष्टकोणीय तालाब शामिल है। तालाब की खूबसूरती इस बात में है कि इसमें ताज महल का प्रतिबिंब दिखता है। बगीचे के उत्तर में एक सीढ़ीदार झरना मौजूद है जो इस तालाब को पानी देता है। बगीचे की विशेषता चार कोनों पर बानी चार मीनारें हैं। इन चारों में से आज केवल एक टावर खड़ा है, जो दक्षिण-पूर्व की ओर मौजूद है। पूर्व में एक बड़ा पानी का टैंक है, जिसमें कई वॉटर चैनल हैं जो बगीचे को कवर करते हैं ताकि यहां लगे सुंदर सुंदर पौधों को पानी मिलता रहे । बाग के पश्चिम और पूर्व में बारादरियाँ हैं। बगीचे में दो खंडहर भी हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि ये बगीचे के मंडप थे जो समय के साथ नहीं बचे। उत्तर में एक जलसेतु है जो बगीचे को पानी देती है। बगीचे में प्रवेश द्वार के पास छोटा मंदिर है।
खुलने का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक (सोमवार - रविवार)
प्रवेश शुल्क: INR 20
कैसे पहुंचें
यह आगरा शहर के बीच में ताज महल से बमुश्किल 7-8 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां तक इलेक्ट्रिक/बैटरी चालित रिक्शा से आसानी से पहुंचा जा सकता है। पार्क तक पहुंचने के लिए आप ऑटो-रिक्शा भी किराए पर ले सकते हैं। आप शहर में कहीं से भी टैक्सी बुक कर सकते हैं। हाल ही में, प्रबंधन ताज के पूर्वी हिस्से से यहां तक नौका यात्रा का विकल्प भी लेकर आया है।
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