नापणे ग्लास स्काइवॉक: कोकण का खजाना

कैसे पहुंचें?
नापणे ग्लास स्काइवॉक नादवड़े गांव के पास वाइभववाड़ी तालुका में है, जो महाराष्ट्र के दक्षिणी कोस्टल एरिया में आता है। यह जगह मुंबई से लगभग 390 से 450 किलोमीटर दूर है, जो इसे रोड और रेल से अच्छी तरह कनेक्टेड बनाता है। ट्रेन से आने वालों के लिए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) या दादर से मांडवी एक्सप्रेस या कोकण कन्या एक्सप्रेस एक कंफर्टेबल ऑप्शन है, जो वाइभववाड़ी रोड स्टेशन तक 7 से 9 घंटे में पहुंचाती हैं। स्टेशन से नापणे तक की दूरी करीब 15 किलोमीटर है, जिसे टैक्सी या ऑटो से कवर किया जा सकता है। सड़क से जाना है तो नेशनल हाइवे 66 (एनएच-66) के रास्ते रत्नागिरी होते हुए 8 से 9 घंटे का सफर है। इसके अलावा, स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसें भी वाइभववाड़ी तक नियमित रूप से चलती हैं, जो 9 से 11 घंटे में मुंबई से पहुंचा सकती हैं, और वहां से लोकल ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल हो सकता है। यात्री अपनी कन्वीनियंस और टाइम के हिसाब से इन ऑप्शन्स में से चुन सकते हैं।

क्या है खास?
नापणे ग्लास स्काइवॉक की सबसे बड़ी खासियत इसका ट्रांसपेरेंट ग्लास फ्लोर है, जो नीचे बहते झरने का व्यू देता है। यह पुल करीब 30 मीटर लंबा और 2.5 मीटर चौड़ा है, जो सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के साथ बनाया गया है और 20 लोगों को एक साथ हैंडल कर सकता है। वॉटरफॉल की कुदरती खूबसूरती, जो मानसून में सबसे खास होती है, इस जगह को और आकर्षक बनाती है। नीचे की ओर बहता पानी और चारों तरफ हरियाली एक शांत वातावरण बनाती है, जो नेचर लवर्स के लिए किसी ब्लेसिंग से कम नहीं है। इसके अलावा, एंट्री पॉइंट पर लगी तितली की मूर्ति एक पॉपुलर सेल्फी स्पॉट बन गई है, जो यहां आने वालों को अपनी ओर खींचती है। यह स्काइवॉक न सिर्फ एडवेंचर देता है, बल्कि कोकण की सुंदरता को पास से एक्सपीरियंस करने का मौका भी देता है।
घूमने के लिए बेस्ट समय
नापणे ग्लास स्काइवॉक घूमने के लिए बेस्ट टाइम सितंबर से फरवरी के बीच माना जाता है, जब मौसम अच्छा होता है और वॉटरफॉल पूरे शबाब पर बहता है। मानसून के महीने, खास तौर पर जुलाई और अगस्त में भी आप यहां आ सकते हैं, क्योंकि तब वॉटरफॉल की खूबसूरती अपने चरम पर होती है। हालांकि, बारिश की वजह से फिसलने का खतरा रहता है, इसलिए सावधानी जरूरी है। यात्रियों को वाटरप्रूफ बैग, कम्फर्टेबल शूज, और हल्के कपड़े साथ ले जाने चाहिए। कैमरा या स्मार्टफोन भी जरूरी है, ताकि इस खूबसूरत जगह की यादें कैप्चर की जा सकें। सेफ्टी के लिए रेलिंग और अन्य उपकरणों का यूज करना सही होगा।

आसपास के अट्रैक्शन्स
नापणे वॉटरफॉल का सीन खुद में काफी है, लेकिन इसके आसपास की जगहें भी ट्रिप को और खास बनाती हैं। झरने का नीचे का नज़ारा, जो स्काइवॉक से साफ दिखता है, एक कभी न भूलने वाला एक्सपीरियंस देता है। तितली स्टैच्यू के साथ सेल्फी लेना एक पॉपुलर एक्टिविटी बन गया है, जो सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए परफेक्ट है। इसके अलावा, कोकण की हरी-भरी घाटियां और गांव की संस्कृति को देखने-समझने का मौका भी मिलता है, जो इस सफर को और खास बनाता है।
खाने-पीने का मज़ा
वाइभववाड़ी में लोकल ढाबे और रेस्टोरेंट्स कोकण का पारम्परिक खाना पेश करते हैं। मसालेदार फिश करी, राइस, और लोकल चाय यहां के खास अट्रैक्शन्स हैं। ये व्यंजन न सिर्फ टेस्टी हैं, बल्कि झरने के नज़ारे के साथ सर्व होने पर और खास लगते हैं। टूरिस्ट्स के लिए बेसिक फैसिलिटीज जैसे पार्किंग और टॉयलेट्स भी उपलब्ध हैं, लेकिन भीड़ के समय पर प्री-प्लानिंग करना बेहतर होगा।

नापणे ग्लास स्काइवॉक महाराष्ट्र का पहला ग्लास ब्रिज होने के नाते एक हिस्टोरिक अचीवमेंट है। यह जगह न सिर्फ एडवेंचर टूरिज्म को प्रमोट करता है, बल्कि कोकण क्षेत्र की प्राकृतिक खूबसूरती को पूरी दुनिया के सामने भी लता है। अभी यह जगह टूरिस्ट की भीड़ से दूर है, जो इसे शांत ट्रिप के लिए बेहतरीन जगह बनाता है। हालांकि, राज्य सरकार इसे एक मेजर टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप करने की प्लानिंग कर रही है, इसलिए भविष्य में यहां ज्यादा सुविधाएं और भीड़ देखने को मिल सकती है। यह जगह खास तौर पर उन लोगों के लिए बेस्ट है जो कुदरत के साथ टाइम स्पेंड करना और नया एक्सपीरियंस लेना चाहते हैं।
नापणे ग्लास स्काइवॉक एक ऐसा ठिकाना है जहां एडवेंचर, खूबसूरती और सुकून सब एक साथ मिलता है। यह स्पॉट न सिर्फ महाराष्ट्र के टूरिज्म को नई ऊंचाईयों पर ले जाता है, बल्कि विजिटर्स को एक खास एक्सपीरियंस भी देता है। वॉटरफॉल की सैरिनिटी और स्काइवॉक का मज़ा इसे एक यादगार डेस्टिनेशन बनाता है। इसलिए, अगली बार जब आप ट्रैवल प्लान करें, तो नापणे को अपनी लिस्ट में शामिल करें और इस कमाल की जगह की खूबसूरती को अपने दिल में संजोएं।
आपके पसंद की अन्य पोस्ट

देवी के मासिक धर्म से जुड़े अम्बुबाची मेले की अद्भुत है कहानी
यह मेला आस्था, उर्वरता और दिव्य स्त्रीत्व का उत्सव है।

मस्ती भरा मौसम और रंगीं नज़ारे
जुलाई में भारत के ज्यादातर हिस्सों में मानसून अपनी पूरी शान में होता है।