लद्दाख के नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
'लास्ट रन' का आयोजन
लोगों को जागरूक करने और उन्हें जलवायु परिवर्तन और हिमालय को बचाने की ज़रूरत के बारे में याद दिलाने के लिए हाफ मैराथन को 'लास्ट रन' का नाम दिया गया। इस बारे में बात करते हुए सुसे ने कहा कि पहली पैंगोंग फॉर्ज़ेन लेक हाफ मैराथन अब आधिकारिक रूप से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गई है।
उन्होंने बताया कि खेलों के माध्यम से स्टेकहोल्डर्स के बीच पारिस्थितिक जागरूकता का संदेश फैलाने के अलावा, इस मैराथन का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती गांवों में स्थायी शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना और विशेष रूप से सर्दियों में निवासियों के लिए आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देना भी था।
मैराथन को मुख्य कार्यकारी पार्षद, एलएएचडीसी (लेह) ताशी ग्यालसन ने झंडी दिखाकर रवाना किया, और रास्ते में चिकित्सा दल, एनर्जी ड्रिंक, ऑक्सीजन सपोर्ट व मोबाइल एम्बुलेंस के साथ पांच एनर्जी स्टेशन भी बनाए गए। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जिला प्रशासन द्वारा तय की गई एसओपी के अनुसार, सभी प्रतिभागियों को छह दिनों के अनुकूलन से गुजरना पड़ा और यह सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा परीक्षण भी किया गया कि वे दौड़ने के लिए फिट हैं। उन्हें बर्फ पर फिसलने से बचाने के लिए सेफ्टी गियर पहनने के बाद ही चलने दिया गया।
आपके पसंद की अन्य पोस्ट
अब आप एयर इंडिया के एक टिकट से घूम सकेंगे लगभग पूरा यूरोप
एयर इंडिया के यात्री एक ही टिकट पर कई देशों और 100 से अधिक यूरोपीय शहरों में घूम सकेंगे।
भारत में बन गया है पहला डार्क स्काई रिज़र्व, घूमने के लिए है अनोखी जगह
हानले लेह से लगभग 270 किमी दक्षिण-पूर्व में चांगथांग क्षेत्र का एक छोटा सा गांव है।