तूफानी करने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
मौसम के मिजाज को समझें
पैराग्लाइडिंग करते समय अगर आप इंस्ट्रक्टर के साथ उड़ान भरने जा रहे हैं तो सबसे पहले उससे मन में उठने वाले सारे सवालों के जवाब पूछ लें। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि उड़ान के दौरान आपके मन में कोई दुविधा नहीं रहेगी। अगर आप अकेले पैराग्लाइडिंग कर रहे हैं तो हालिया मौसम के बारे में जरूर जान लें। आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम का मिजाज बेहद ही तेजी से बदलता है। अगर बदली या बूंदाबादी की आशंका हो तो उड़ान कतई न भरें। हवा के दौरान दिशा बदलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कई बार हवाएं हमें उस दिशा में ले जाती हैं, जहां आप नहीं जाना चाहते।
सही गैजेट्स बचाएंगे जान
एक और बेहद महत्वपूर्ण बात यह है कि उड़ान से पहले अपने पैराशूट की अच्छे से जांच कर लें। जिस तरह नाव में छेद होना जान को खतरे में डाल देता है, वैसे ही खराब पैराशूट आपकी उड़ान को अनियंत्रित कर देगा। पैराग्लाइडिंग करते समय अहम है कि आप सही गैजेट्स अपने साथ रखें। उड़ान से पहले हेलमेट, घुटने और कोहनी के पैड्स, बूट, गॉगल, जीपीएस या वॉकी-टॉकी, धारदार चाकू जरूर रखें। यह उपकरण उड़ान के दौरान कठिन परिस्थितियों में जिंदगी बचाने में बेहद मददगार होते हैं। साथ ही पैराग्लाइडिंग से पहले स्थानीय प्रशासन को इंफॉर्म करना जरूरी है।
स्कूबा डायविंग: रोमांच न बने जानलेवा
समंदर के नीचे की दुनिया हमेशा से ही इंसानों के लिए रोमांचक होता है। इसी के चलते भारत में भी स्कूबा डायविंग काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह देखने में जितना आसान लगता है असलियत में उतना ही मुश्किल है।
साइन लैंग्वेज का रखें ख्याल
पानी में नीचे जाने पर माहौल बिलकुल बदल जाता है। अक्सर ज्यादातर लोग पानी में नीचे जाने पर घबराहट महसूस करने लगते हैं। यह पूरी तरह से नॉर्मल भी है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि स्कूबा डायविंग से पहले इंस्ट्रक्टर के सभी निर्देशों को अच्छे से समझ लें। पानी के अंदर आप बोल नहीं सकते इसलिए आपको हर बात इशारों (साइन लैंग्वेज) में समझनी और समझानी पड़ती है, ऐसे में इंस्ट्रक्टर की ओर से सिखाई गई साइन लैंग्वेंज का पूरा ख्याल रखें। स्कूबा डायविंग से पहले समंदर के नीचे रहने वाली स्पीशीज के बारे में जानकारी रखना जरूरी है, क्योंकि कई समुद्री जीवों के करीब जाना जान को जोखिम में डालने के बराबर है। स्कूबा डायविंग केवल अच्छे तैराकों के लिए ही है, अगर आप सही से तैरना नहीं जानते तो स्कूबा डायविंग से दूर रहें। एक खास बात का ख्याल रखें कि देश में पीएडीआई एफिलिएटेड डाइविंग इंस्टीट्यूट के बगैर स्कूबा डाइविंग नहीं की जा सकती, इसलिए अपने इंस्ट्रक्टर से इस बात की पुष्टि कर लें।
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