यूं ही नहीं ये जगह जन्नत कहलाती है

टीम ग्रासहॉपर 13-09-2021 05:11 PM Travel To States
आशुतोष श्रीवास्तव

ये हसीं वादियां, ये खुला आसमां...। एआर रहमान की म्यूजिक पर बाला सुब्रमण्यम और एस चित्रा ने रोज़ा फिल्म के इस गाने को आवाज दी थी। अरविंद स्वामी और मधु पर फिल्माया गया मणिरत्नम की मूवी का गाना कश्मीर पर लगे आतंकवाद के ग्रहण की याद दिलाता है। आतंकवाद के चरम पर बनी यह मूवी हसीन वादियों में खौफ के पलों को अब भी ताजा कर देती है। तीन दशक तक आतंकवाद की आग में झुलसे कश्मीर में अब बहुत कुछ बदल चुका है। अब वहां न तो पत्थरबाजी की घटनाएं होती हैं और न ही पहले की तरह आतंकी घटनाएं। वादियों में टूरिज्म इंडस्ट्री पटरी पर लौट रही है और आपको बुला रही है।

तो फिर देर किस बात की है? आप कोरोना के थमने का वेट मत कीजिए। जब भी मौका लगे धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर की एक ट्रिप लगा लीजिए। नोट बुक में लिख लीजिए। जो मजा आपको कश्मीर की वादियों में मिलेगा, वैसा आपको आज तक नहीं आया होगा। बर्फ, झील, घाटियों में शोर करके बहती नदियां व झरने। सब कुछ तो है यहां। अरे ये क्या, आप तो बैग पैक करने में ही जुट गए। कश्मीर ट्रिप के लिए बैग तो पैक करिए, लेकिन टिकट तो बुक करवा लीजिए। आप कश्मीर तक फ्लाइट और सड़क से पहुंच सकते हैं। हम आपको वहां की खूबसूरत जगहें और पहुंचने के बारे में बातें पूरी डिटेल में बताएंगे।

श्रीनगर

अब कश्मीर की बात हो रही है तो श्रीनगर का नाम तो आएगा ही। डल झील के साथ ही हाउस बोट के बारे में आपको ज्यादा कुछ बताने की जरूरत तो है नहीं? आप इसके बारे में बहुत कुछ पहले से ही जानते होंगे। हमारी एडवाइज है कि आप भी हाउस बोट का आनंद लेना मत भूलिएगा। ऐसा एक्सपीरियंस आपको दुनिया में और कहीं नहीं मिलेगा। ये तो हो गई ठहरने की बात। अब श्रीनगर में घूमने वाली जगहों के बारे में भी थोड़ी बात कर ली जाए। मुगलों के जमाने में कश्मीर में बहुत सारे बाग बनाए गए थे। आप इन बागों में जरूर जाएं। सबसे फेमस है निशात बाग। यहां पर आपको हर सीजन में बेहतरीन फूल मिलेंगे। आप यहां पर टाइम एक्सपेंड करना जरूर चाहेंगे। इसके अलावा लाल चौक, शंकराचार्य समेत बहुत से स्पॉट श्रीनगर में मौजूद हैं। श्रीनगर में आपको कम से कम तीन दिन तो जरूर बिताना ही चाहिए। 


सोनमर्ग

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सोनमर्ग के बारे में अब क्या बताएं। इसके नाम में ही यहां की खूबसूरती का राज छिपा है। सोनमर्ग का हिंदी में मतलब है सोने का मैदान। वसंत में यह इलाका सोने के मैदान की तरह हो जाता है। पूरा मैदान सुंदर फूलों और पत्तों से ढक जाता है। चोटियों से तो यहां का नजारा अद्भुत दिखता है। समुद्र तल से 2740 मीटर की ऊंचाई पर बसा सोनमर्ग जाने का सबसे सही समय फरवरी और मार्च के बीच का होता है। सोनमर्ग श्रीनगर-लेह मार्ग से सिर्फ 87 किमी नार्थ ईस्ट में पड़ता है। सोनमर्ग पुराने सिल्क रूट का हिस्सा भी होता था जो भारत को चीन से जोड़ता था। आप सोनमर्ग जाएं तो स्टे जरूर करें। यहां का सनराइज भी बेहतरीन होता है।


पहलगाम

पहलगाम की खूबसूरती को शब्दों में बयां करना बहुत ही मुश्किल है। यह जगह श्रीनगर से कम खूबसूरत नहीं है। समुद्र तल से 2130 मीटर की ऊंचाई पर बसा पहलगाम लिद्दर नदी और शेषनाग झील के मुहाने पर पड़ता है। अमरनाथ यात्रा का पहला पड़ाव भी पहलगाम ही है। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तो यहां रुकते ही हैं, अगर आप कश्मीर टूर पर निकले हैं तो यहां जा सकते हैं। घाटी से आपको चारों ओर बर्फ से ढके पहाड़ दिखाई देंगे। मुगलकाल तक यह इलाका चरवाहों का गांव था। दूर दूर तक सिर्फ घास के मैदान और चीड़ के पेड़ ही यहां नजर आते हैं। आपको यहां पर शांति का अहसास होगा। पहलगाम ट्रैकिंग के शौकीनों का स्वर्ग भी है। गर्मियों में यहां काफी लोग आते हैं। हार्स राइडिंग भी जरूर कीजिएगा। आपको लोकल लोग घोड़े पर पहाड़ की चोटियों तक ले जाएंगे। वहां से आपको अद्भुत नजारा दिखेगा। यहां पर मलेश्वर मंदिर है। इस मंदिर को 12वीं सदी में राजा जयसीमा के काल में बनवाया गया था। इसे कश्मीर ही नहीं, भारत के भी पुराने मंदिरों में गिना जाता है।

जम्मू

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जम्मू से लोगों का वास्ता सिर्फ स्टेशन के रूप में ही पड़ता है। वैष्णो देवी जाने के लिए कभी यह लास्ट रेलवे स्टेशन हुआ करता था। अब तो ट्रेन कटड़ा तक जाने लगी है। ऐसे में जम्मू की चर्चा कम ही होने लगी है। जम्मू भी कश्मीर की तरह काफी खूबसूरत है और यहां घूमने के लिए बहुत कुछ है। बस बर्फ आपको नहीं मिलेगी। जम्मू-कश्मीर को सर्दियों की राजधानी जम्मू में कई प्रसिद्ध मंदिर और महल हैं। डोगरा राजवंश का महल और म्यूजियम देखने आप जरूर जाएं। जम्मू की स्थापना 8वीं सदी में राजा लोचन ने की थी। 

जो पहले कश्मीर ही था

जब कश्मीर तक आए ही हैं तो इसके आस-पास की उन जगहों में भी एक बार घूम आएं जो कुछ वक्त पहले तक कश्मीर का ही हिस्सा थीं। यकीन मानिए, इनकी खूबसूरती भी आपको कश्मीर से कम नहीं लगेगी। 

कारगिल

कारगिल का नाम आते ही जंग की तस्वीर आंखों के सामने आ जाती है। कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ के लिए भले ही बड़ी जंग हुई हो, लेकिन आमतौर पर यह इलाका शांत माना जाता है। कारगिल बौद्ध तीर्थस्थलों के लिए फेमस है। ट्रैकिंग के लिए भी यह जगह परफेक्ट मानी जाती है। कुछ समय से इस एरिया में ट्रैकिंग पर काफी फोकस किया जा रहा है। अगर आपको ट्रैकिंग पसंद है तो यहां जरूर जाएं। यहां पर 1999 के युद्ध में बलिदान देने वाले जवानों की याद में वार मेमोरियल भी बनाया गया है। आपको यह जगह जरूर देखनी चाहिए।


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द्रास

द्रास भारत के सबसे ठंडे इलाकों में माना जाता है। इसे लद्दाख का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। कारगिल से द्रास की दूरी सिर्फ 62 किमी है। यहां पर दो से तीन घंटे में पहुंच जाएंगे। द्रास में सुरु वैली में ट्रैकिंग का भी आप मजा ले सकते हैं। यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त आपको सम्मोहित कर देगा। यहां रुकने के लिए आपको सस्ते होटल भी मिल जाएंगे।

लेह

द्रास तक आप गए हैं तो लेह भी जरूर जाएं। लेह समुद्र तल से 3,520 मीटर की ऊंचाई पर है। यह इलाका दुनिया के सबसे ऊंचे इलाकों में से एक है। यहां पर बौद्ध भिक्षु बड़ी संख्या में रहते हैं। यहां की पश्मीना शॉल भी काफी फेमस है। शॉल खरीदने में कोई बुराई नहीं है।

जांस्कर

कारगिल के पास ही जांस्कर भी पड़ता है। इस कस्बे की आबादी 700 के आसपास है। यह इलाका सर्दियों में देश से कट जाता है, लेकिन गर्मियों में यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है। अगर आप सर्दियों में यहां जा रहे हैं तो आपको जमी हुई नदी पर चलने का अनोखा अनुभव भी मिलेगा। एडवेंचर के लिए यह जगह काफी खास मानी जाती है। यहां पर आपको कैंप में ही रुकना होगा या लोकल्स के घरों में रात गुजारनी होगी। यहां होटल नहीं हैं।

कैसे पहुंचें

कश्मीर जाने के लिए सबसे अच्छा साधन फ्लाइट है। आप श्रीनगर में सीधे लैंड करें और आसपास की जगहों को घूम लें। अगर फ्लाइट को आप अफोर्ड नहीं कर सकते हैं तो आपको जम्मू तक ट्रेन से आना होगा। जम्मू से आप टैक्सी या बस से श्रीनगर तक का सफर तय कर सकते हैं। श्रीनगर में टूर ऑपरेटर आपके पैकेज के हिसाब से आगे के सफर के लिए गाड़ी अरेंज करवा देंगे।

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