तारकर्ली : यहां बसता है एक छोटा गोवा

अनुषा मिश्रा 07-06-2021 03:44 PM Travel To States
नीला, इतना जैसे आसमान पानी में उतर आया हो, लहरें इतनी सरल कि तैरना न जानने वाले भी खुद को इनमें जाने से रोक न पाएं। लगभग सफेद सा रेत और दूर तक पसरी शांति, ऐसी कि लहरों की हर आवाज़ जो कहना चाहे उसे आप सुन सकें। भीड़-भाड़ से भी दूर। सुबह जब आप सोकर उठें तो समंदर की आवाज़ से ही और उसे निहारते हुए होटल की बालकनी में बैठ कर चाय की चुस्कियां लें। सब कुछ कितना अच्छा लग रहा है न? बिल्कुल ऐसा ही नजारा आपको मिल सकता है महाराष्ट्र के ऑफ बीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन कहे जाने वाले तारकर्ली में।

कहां है तारकर्ली

तारकर्ली, महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवन तालुका का एक गांव है। आकर्षक समुद्र तट वाली जगह महाराष्ट्र के लोगों को तो खूब भाती है लेकिन देश के बाकी हिस्सों से यहां अभी तक ज्यादा पर्यटकों ने आना नहीं शुरू किया है। अगर आप यहां आते हैं तो महाराजा शिवा जी का बनवाया हुआ सिंधुदुर्ग भी घूम सकते हैं। 

यहां के समंदर का पानी इतना साफ है कि किसी खुले दिन में 20 फीट की गहराई तक का सागर तल साफ दिखाई देता है। कतार में लगे पेड़, नौकाएं और पारम्परिक झोपड़ियां यहां की खूबसूरती को और बढ़ाती हैं। इस जगह को अगर छोटा गोवा कहा जाए तो गलत नहीं होगा। अगर डॉल्फिन भी मस्ती करते हुए आपको यहां दिख जाएं तो कोई बड़ी बात नहीं है। 

घूमने के लिए है बहुत कुछ

वैसे तो यहां का बीच ऐसा है कि आपका उससे दूर जाने का मन भी नहीं करेगा लेकिन तारकर्ली की खूबसूरती सिर्फ इसके समुद्र तट तक ही सीमित नहीं है। यहां और भी बहुत कुछ ऐसा है जो आपको जरूर पसंद आएगा।

कर्ली बैकवॉटर्स

अरब सागर से बनने वाले कर्ली बैकवॉटर्स बहुत सुंदर हैं। यहां की एक बोट राइड तो बनती है। इससे बनी नदी के किनारे आपको एकदम घने जंगल जैसे दिखेंगे। किसी ट्रैवल गाइड से बात कर लें तो हो सकता है कि आपको यहां हाउसबोट भी मिल जाए। अगर ऐसा हो गया ता केरल के बैकवॉटर्स का पूरा आनंद आप कर्ली बैकवॉटर्स में ले सकते हैं।

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देवबाग

देवबाग का मतलब हुआ- देवताओं का बगीचा, और ये जगह भी एकदम देवताओं के बगीचे जैसी है। देवबाग गांव मछुआरों का गांव कहा जाता है। अगर यहां के लोकल लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को करीब से देखना चाहते हैं तो ये गांव आपको बहुत पसंद आएगा। मछुआरे अपनी नाव से भी आपको आस-पास की खूबसूरत चीजें दिखा सकते हैं।

धामापुर झील

तारकर्ली की धामापुर झील 10 एकड़ के एरिया में फैली है। अगर वॉटर स्पोर्ट्स का शौक है तो यहां आना बनता है। पहाड़ियों से घिरी इस झील को 1530 में राजा नागेश देसाई ने बनावाया था। झील का पानी एकदम साफ है। यहां आस-पास कई होमस्टे भी हैं जिनमें आप रुक सकते हैं।

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सिंधुदुर्ग

तारकर्ली के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले ठिकानों में से एक है मराठी राजा शिवाजी का बनवाया हुआ सिंधुदुर्ग। 100 से पुर्तगाली आर्किटेक्ट और हजारों भारतीय कारीगरों ने मिलकर मराठा साम्राज्य की सुरक्षा के लिहाज से ये दुर्ग बनाया था। 

अचरा बीच

मुख्य शहर से लगभग 6 किलोमीटर दूर, अचरा बीच भी तारकर्ली के खूबसूरत ठिकानों में से एक है। यहां तक पहुंचने के लिए सवारी भी आराम से मिल जाती है। इस बीच के पास कई मंदिर बने हैं जिनमें से एक 260 साल पुराना रामेश्वर मंदिर भी है। यह जगह काफी शांत और सुकून से भरी है। 

सुनामी आइलैंड

स्कूबा डाइविंग, पैराग्लाइडिंग, पैरासेलिंग, बनाना बोट राइड और बम्पर राइड जैसे वॉटर स्पोर्ट्स का मजा लेना है तो आपको सुनामी आइलैंड का रुख करना होगा। ये जगह किसी मायने में आपको गोवा से कम नहीं लगेगी।


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और भी हैं ठिकाने

इसके अलावा भी तारकर्ली में कोलम्ब बीच, मालवन बीच, वैरी उभतवादी बीच, पद्मागढ़ किला, रॉक गार्डन सनसेट प्वाइंट, वयारी भूतनाथ बीच, जैसी कई जगहें हैं जहां हर तरफ खूबसूरती बिखरी है। 


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